Cervical Cancer : विश्व के हर 5 सर्वाइकल कैंसर मरीजों में से 1 भारत में, क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर और क्या इसका टीका प्रभावी है?

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, September 3, 2024

Categories: Health, Lifestyle

Updated On: Monday, September 2, 2024

Cervical Cancer

सर्वाइकल कैंसर उन कुछ कैंसरों में से एक है, जिन्हें रोका जा सकता है। इसलिए शुरुआत में इसके लक्षणों को जानना जरूरी है। 9 वर्ष की आयु में HPV वैक्सीन और 25 वर्ष की आयु में पैप स्मीयर करवाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।

इन दिनों महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर यानी बच्चेदानी के मुंह का कैंसर (Cervical Cancer) होने की घटना अधिक देखने को मिल रही है। देश में कैंसर से जितनी महिलाओं की मौत होती है, उसमें अकेले 17 प्रतिशत मौत कैंसर से हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत को इस कैंसर के प्रति जागरूक होने के लिए बार-बार कहता है, क्योंकि भारत में सबसे अधिक सर्वाइकल कैंसर के ही मरीज हैं। इन दिनों एक बड़ी संख्या में महिलाएं कैंसर से पीड़ित हो रही हैं। खासकर ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर महिला जनन अंगों को प्रभावित कर देते हैं। इसका पता तब चलता है जब यह थर्ड स्टेज में आ चुका होता है। इस स्टेज में यह बीमारी लाइलाज हो जाती है। इसलिए इनके लक्षणों  (Cervical Cancer) को जानना जरूरी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का क्या है आंकड़ा (Data of World Health Organization)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर 5 सर्वाइकल कैंसर मरीजों में से एक भारत में है। वर्तमान में भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 4 लाख नए सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं। कैंसर से होने वाली मृत्यु के मामले में बिहार चौथे स्थान पर है। राज्य प्रतिवर्ष 1. 20 लाख नए मामले दर्ज होते हैं। इनमें से 5-6 प्रतिशत तक मरीजों की मौत हो जाती है। सर्वाइकल कैंसर उन कुछ कैंसरों में से एक है, जिन्हें रोका जा सकता है। इसलिए शुरुआत में इसके लक्षणों को जानना जरूरी है।

क्या हैं सर्वाइकल कैंसर के कारण (causes of Cervical Cancer)

डॉ. एल एच हीरानंदानी हॉस्पिटल, मुंबई में कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अनीता सोनी बताती हैं, ‘सर्वाइकल कैंसर तब होता है जब गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की कोशिकाएं प्रभावित हो जाती हैं। सर्विक्स गर्भाशय और योनि को जोड़ती है। यह कैंसर सर्विक्स के इनर टिश्यू को प्रभावित कर सकता है। यह शरीर के अन्य भागों (मेटास्टेसाइज़) में फैल सकता है। यह अक्सर फेफड़े, लिवर, यूरीनरी ब्लेडर, योनि और मलाशय में फ़ैल जाता है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण के कारण होते हैं। इसे टीके से रोका जा सकता है।’

एचपीवी हो सकता है जिम्मेदार (HPV)

डॉ. अनीता सोनी बताती हैं, ‘सर्वाइकल कैंसर ऊतकों में असामान्य परिवर्तन से शुरू होता है। अधिकांश मामले एचपीवी के संक्रमण (HPV Infection) से जुड़े होते हैं।

35-44 आयु वर्ग की महिला में इसके होने की संभावना सबसे अधिक (Cervical cancer)

सर्वाइकल कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, इसलिए आमतौर पर गंभीर समस्या पैदा होने से पहले इसका पता लगाने और इलाज करने का समय होता है। पैप परीक्षणों के माध्यम से बेहतर जांच है।
35-44 आयु वर्ग की महिला शारीरिक संरचना वाले लोगों में इसके होने की संभावना सबसे अधिक होती है। 65 वर्ष से अधिक उम्र होने पर इस कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Cervical cancer Symptoms)

शुरुआत में सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को पहचानना आसान नहीं होता है। अन्य समस्याओं जैसे ही सर्वाइकल कैंसर के लक्षण नज़र आते हैं। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं:

1. असामान्य ब्लीडिंग (Abnormal Uterine Bleeding)

योनि से असामान्य ब्लीडिंग इसके पहले लक्षण हो सकते हैं। इसके कारण ब्लीडिंग अधिक हो सकती है। पीरियड के दौरान, मेनोपॉज़ (Menopause) के बाद या पैल्विक टेस्ट के बाद असामान्य योनि स्राव जो पानी की तरह हो, बहुत अधिक ब्लड फ्लो हो या तेज़ गंध वाला हो, तो ये सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Cervical Cancer symptoms) हो सकते हैं।

2. पेल्विक रीजन में दर्द (Pelvic region pain)

सर्वाइकल कैंसर कभी-कभी पीठ दर्द या पेल्विक रीजन में दबाव या भारीपन का कारण भी बन सकता है। प्रारंभिक चरण के ट्यूमर से जुड़ी कोई भी असुविधा हल्की या सामान्य समस्या लग सकती है। इसलिए सचेत रहना जरूरी है।

3. यूरीन पास करने में दिक्क्त (Urine incontinence)

यदि कैंसर गर्भाशय ग्रीवा और आसपास के ऊतकों और अंगों में फैलता है, तो यह कई अन्य लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। यूरीन में ब्लड आने के साथ-साथ फ्रीक्वेंट यूरीनेशन और यूरीन पास पर कट्रोल नहीं रहना भी हो सकता है।

4. हड्डी में दर्द (Bone Pain)

यदि लगातार हड्डी में दर्द रहता है, तो यह कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। इसके कारण पैरों में सूजन, भूख न लगना वजन कम होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।

5. किडनी खराब होना (Kidney problem)

बहुत अधिक समस्या होने पर किडनी खराब होने का भी डर रहता है। थकान, कमर दर्द, पेट दर्द भी सर्वाइकल कैंसर की निशानी हो सकती है।

डॉक्टर से सलाह कब लें (Doctor’s Advice)

मेनोपॉज़ के बाद ब्लीडिंग कभी भी सामान्य नहीं होता है। यदि किसी भी महिला के साथ ऐसा होता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से बात करें। यदि हेवी फ्लो होता है, तो डॉक्टर से तुरंत बात करनी चाहिए।

एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine)

सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण (Cervical Cancer cause) ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (Human Papilloma Virus) है। इस वायरस के संक्रमण से महिलाओं में यह कैंसर हो सकता है। शुरुआती चरणों में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की रोकथाम और उपचार भी किया जा सकता है। 9 वर्ष की आयु में HPV वैक्सीन और 25 वर्ष की आयु में पैप स्मीयर करवाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। जब पूरी खुराक ले ली जाती है, तो HPV वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमावायरस (Human Papilloma Virus infection) आजीवन सुरक्षा प्रदान करती है। एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) कैंसर से 98 प्रतिशत तक बचाव कर सकती है। यह विशेष रूप से 9 -14 साल की उम्र तक प्रभावी रहती है।

About the Author: स्मिता
धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का लंबा अनुभव। समसामयिक मुद्दों पर आम और ख़ास से बातचीत करना और उन्हें नए नजरिये के साथ प्रस्तुत करना यूएसपी है।

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