International Mind Body Wellness Day: मन-शरीर को इन 5 तरीकों से स्वस्थ रखा जा सकता है

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, January 1, 2025

Updated On: Wednesday, January 1, 2025

International Mind Body Wellness Day par swasth rahne ke sujhav

मन और शरीर का अटूट संबंध है। मन और शरीर के स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 3 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय मन-शरीर कल्याण दिवस ( International Mind Body Wellness Day) मनाया जाता है। मन-शरीर को बेहतर बनाने के लिए कुछ अभ्यास किए जा सकते हैं।



Authored By: स्मिता

Updated On: Wednesday, January 1, 2025

मन और शरीर एक-दूसरे से जुड़े हैं। आप कैसा सोचते हैं, इसका असर आपके महसूस करने के तरीके पर पड़ सकता है। आप कैसा महसूस करते हैं, इसका असर आपकी सोच पर पड़ सकता है। इस मन-शरीर संबंध का एक उदाहरण यह है कि आपका शरीर तनाव के प्रति किस तरह प्रतिक्रिया करता है। नौकरी, वित्त या अन्य समस्याओं को लेकर लगातार चिंता और तनाव के कारण मांसपेशियों में तनाव, दर्द, सिरदर्द और पेट की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए मन और शरीर दोनों का स्वस्थ रहना जरूरी है। मन और शरीर के स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 3 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय मन-शरीर कल्याण दिवस ( International Mind Body Wellness Day) मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मन-शरीर कल्याण दिवस ( International Mind Body Wellness Day)

3 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय मन-शरीर कल्याण दिवस ( International Mind Body Wellness Day) मनाया जाता है। यह दिन अपने शरीर और मन दोनों से प्यार करने के लिए फिर से प्रतिबद्ध होने का है।.

कैसे जुड़ा है मन और शरीर

सीनियर साइकोलोजिस्ट डॉ. नवीन कुमार बताते हैं, ‘हमारा मस्तिष्क एक शक्तिशाली अंग है, जिसकी प्रक्रिया संज्ञानात्मक कार्यों से परे होती हैं। उदाहरण के लिए, जब हम किसी भावनात्मक घटना का अनुभव करते हैं, तो हमारा मस्तिष्क कोर्टिसोल (स्ट्रेस हॉर्मोन) या ऑक्सीटोसिन (हैप्पी हॉर्मोन) छोड़ता है। ये रसायन सिर्फ़ हमारे मस्तिष्क को प्रभावित नहीं करते, ये हमारे पूरे शरीर में प्रवाहित होते हैं और विभिन्न शारीरिक कार्यों को प्रभावित करते हैं।‘

जब किसी खतरे का सामना करना पड़ता है, तो हमारा दिमाग शरीर को तैयार होने का संकेत देता है। इसके परिणामस्वरूप हृदय गति बढ़ जाती है। सांस तेज़ हो जाती है और एड्रेनालाईन का स्तर बढ़ जाता है। यह दिमाग द्वारा शारीरिक प्रतिक्रिया का आदेश होता है।

मन-शरीर को स्वस्थ रखने के ये हैं 4 उपाय

1. माइंडफुलनेस (Mindfulness)

डॉ. नवीन कुमार बताते हैं, ‘माइंडफुलनेस मन-शरीर के बीच मज़बूत संबंध बनाने का मुख्य आधार है। माइंडफुलनेस एक्सरसाइज़ शांत रहने में मदद कर सकती हैं। माइंडफुल तरीके से खाना खाने, माइंडफुल वॉक करने, आभार अभ्यास करने, बॉडी स्कैन मेडिटेशन का अभ्यास करने या किसी अन्य ग्राउंडिंग अभ्यास किया जा सकता है। इससे आप उस पल में सही मायने में मौजूद रहना महसूस कर सकते हैं।‘

2. ब्रीदवर्क (Breathwork)

डॉ. नवीन कुमार के अनुसार, ‘ब्रीदवर्क हमारे मन की चेतन और अचेतन अवस्था के बीच का पुल है। यह मन और शरीर को जोड़ने का एक शक्तिशाली उपकरण है। विशिष्ट श्वास अभ्यास मन को शांत कर सकते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं। डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग या अल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग जैसी तकनीकें शुरू करने के लिए अच्छी हो सकती हैं। नियंत्रित ब्रीदवर्क इमोशनल वेलनेस, बेहतर एकाग्रता और फिजिकल स्ट्रेंथ बढाने में मदद कर सकता है।

3. विज़ुअलाइज़ेशन (Visualization)

विज़ुअलाइज़ेशन में सकारात्मक दृश्यों या परिणामों की कल्पना करना शामिल है, जो तनाव को कम कर सकता है। उदाहरण के लिए काल्पनिक रूप से किसी शांत समुद्र तट या जंगल जाकर, शरीर वास्तविक विश्राम प्रतिक्रियाओं का अनुभव कर सकता है। यह मन-शरीर संबंध की शक्ति को प्रदर्शित करता है।

4. प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन (Progressive muscle relaxation)

प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन में शरीर में प्रत्येक मांसपेशी समूह को तनाव देना और फिर आराम देना शामिल है। इस प्रक्रिया के दौरान शारीरिक संवेदनाओं को ध्यान में रखकर आप शारीरिक तनाव को बेहतर ढंग से पहचानना और छोड़ना सीख सकते हैं। इससे मानसिक और शारीरिक विश्राम होता है। सोते समय प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन आराम करने में मदद करता है।

5. ध्यान (Meditation)

ध्यान माइंडफुलनेस विकसित करने का एक टूल है, जो आपको शरीर की संवेदनाओं, विचारों और भावनाओं को समझने और मन और शरीर के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है। नियमित ध्यान अभ्यास से तनाव कम होता है, भावनात्मक स्वास्थ्य बढ़ता है। यहां तक कि ब्लड प्रेशर भी संतुलित होता है।



About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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