अनियमित नींद का खतरा: कैसे बदलता नींद का पैटर्न सेहत को नुकसान पहुंचाता है
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, August 12, 2025
Updated On: Tuesday, August 12, 2025
जर्नल ऑफ़ स्लीप मेडिसिन के शोध बताते हैं कि अगर आपकी नींद में गड़बड़ होती है या आप नियमित रूप से कम घंटे ही नींद ले पाते हैं, तो आपको मोटापे और शुगर के अलावा सौ से भी ज्यादा बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है.
Authored By: स्मिता
Updated On: Tuesday, August 12, 2025
शरीर को एनर्जेटिक बनाना है या दिनभर की थकान दूर करनी है, तो 7-8 घंटे की नींद जरूरी है. (Irregular Sleep and health risks) आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद अनियमित हो गई है. कभी सुबह जल्दी उठना पड़ता है, तो कभी देर रात जागने के कारण सुबह बहुत देर से नींद खुलती है. यह अनियमितता गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की तरफ इंगित करती है. जर्नल ऑफ़ स्लीप मेडिसिन (Journal Of Sleep Medicine) में प्रकाशित शोध निष्कर्ष के अनुसार, चीन की दो बड़ी यूनिवर्सिटी पेकिंग और आर्मी मेडिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 88 हजार लोगों की नींद के पैटर्न और उनकी सेहत का 6 साल तक लगातार विश्लेषण किया. जो लोग हर दिन अलग-अलग समय पर सोते-जागते थे, उनमें पार्किंसन का खतरा 2.8 गुना और डायबिटीज का खतरा 1.6 गुना ज्यादा देखा गया. अगर यह स्थिति महीनों चलती रही, तो इसका असर दिल, ब्लड शुगर, वजन और कैंसर तक में तब्दील हो सकता है.
1. फोकस और क्रिएटिविटी पर प्रभाव (Focus & Creativity)
नींद में दिमाग सूचनाओं को इकठ्ठा करता है और उसे आगे बढ़ाता है. नई चीजें सीखने की ताकत बनाता है. जब नींद पूरी नहीं होती है, तो सभी काम अधूरे रह जाते हैं. नींद की कमी से डिसीजन मेकिंग, फोकस और क्रिएटिविटी प्रभावित होती है.
2. कमजोर होता है इम्यून सिस्टम (Immune System)
जब हम नींद लेते हैं, तो शरीर साइटोकाइन्स और एंटीबॉडीज बनाता है. ये वायरस से लड़ते हैं. नींद कम होगी, तो शरीर इनको कम बना पाएगा. जिन लोगों की नींद कम होती है, वे सर्दी-जुकाम और वायरल जैसी बीमारियों की चपेट में जल्दी आते हैं. लंबे समय तक खराब नींद से शरीर की इंफ्लेमेशन प्रक्रिया बिगड़ जाती है. इससे भी इम्यून सिस्टम कमजोर होता है.
3. मोटापे का खतरा (Obesity)
यदि नींद पूरी नहीं होती है या कम सोते हैं, तो रात को भूख अधिक लगती है. इससे मोटापा बढ़ना आम है. नींद दो अहम हार्मोन को कंट्रोल करती है- लेप्टिन, जो भूख कम करता है. घ्रेलिन, जो भूख बढ़ाता है. नींद कम होगी, तो घ्रेलिन बढ़ेगा, लेप्टिन घटेगा. इसका मतलब है कि ज्यादा भूख लगेगी, खासकर रात में. स्टडी में पाया गया कि जो लोग रोज 5 घंटे से कम सोते हैं, उनमें मोटापे की आशंका 50% तक बढ़ जाती है.
4. सांस की बीमारी Bronchitis)
जिन लोगों में ओबस्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया है, वे रात में बार-बार जागते हैं. उनमें ऑक्सीजन की सप्लाई घट जाती है. नींद पूरी न होना पहले से मौजूद सांस की बीमारियों जैसे कि अस्थमा या ब्रोंकाइटिस को और ज्यादा गंभीर बनाती हैं. अस्थमा-ब्रोंकाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है.
5. नींद की कमी से दिल पर असर का खतरा 45% ज्यादा (Sleep Pattern effect on Heart)
नींद की कमी से शरीर का बीपी और ब्लड शुगर कंट्रोल सिस्टम गड़बड़ाता है. जो लोग 5 घंटे से कम या 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं, उनमें हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है. नींद न आना की समस्या से परेशान व्यक्ति में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 45% ज्यादा पाया गया.
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