Drone Warfare: ड्रोन युद्ध में भी आखिर क्यों पाकिस्तान पर भारी पड़ा भारत, जानिये इसकी 10 खूबियां

Drone Warfare: ड्रोन युद्ध में भी आखिर क्यों पाकिस्तान पर भारी पड़ा भारत, जानिये इसकी 10 खूबियां

Authored By: JP Yadav

Published On: Sunday, May 11, 2025

Last Updated On: Sunday, May 11, 2025

drone warfare: ड्रोन युद्ध में भी आखिर क्यों पाकिस्तान पर भारी पड़ा भारत, जानिये इसकी 10 खूबियां
drone warfare: ड्रोन युद्ध में भी आखिर क्यों पाकिस्तान पर भारी पड़ा भारत, जानिये इसकी 10 खूबियां

drone warfare: भारत की ड्रोन ताकत ज्यादा स्मार्ट, तेज और आत्मनिर्भर बन रही है और भविष्य में रणभूमि की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो रही है.

Authored By: JP Yadav

Last Updated On: Sunday, May 11, 2025

Drone Warfare: युद्ध विराम पर सहमति के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच मिलिट्री एक्शन थम गया है. इससे पहले शनिवार को करीब 8 बजे से 9 बजे के बीच पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले किए गए, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. फिलहाल दोनों से गोलीबारी रुक चुकी है. वहीं, शनिवार को ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए दोनों देशों ने सीजफायर यानी युद्धविराम (ceasefire) पर सहमति जताई थी.

अमेरिका राष्ट्रपति ने ट्वीट कर दुनिया को दी थी जानकारी

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम को लेकर खुद अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी. उन्होंने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर इस फैसले की जानकारी साझा की थी, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि 48 घंटों के दौरान उन्होंने और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत और पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व से सीधे संवाद किया, जिसके बाद यह संघर्षविराम समझौता संभव हो सका.

पहली बार हुआ भारत-पाक के बीच ड्रोन युद्ध

अनमैंड एरियल वेहिकल्स (Unmanned Aerial Vehicles) या ड्रोन आधुनिक युद्ध का तरीका है, जो करीब एक एक दशक पहले ही अस्तित्व में आया है. भारत और पाकिस्तान की बात करें तो पहलगाम में 26 अप्रैल को आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान समर्थित कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था.

क्या है ड्रोन की खूबियां

  • वर्तमान में संघर्ष से पहले अक्सर ड्रोन से युद्ध की बुनियाद रखी जाती है.
  • ड्रोन को खतरों को भांपने, निशाना साधनेे और जवानों का जोखिम कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
  • ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल खुफिया जानकारी, निगरानी और दुश्मन पर जोरदार हमला करने के लिए भी किया जाता है.
  • आधुनिक यूएवी सिर्फ कैमरों से लैस नहीं होते. उनमें उन्नत सेंसर लगे होते हैं.
  • ड़्रोन इंसानी आंखों से इतर अन्य जगहों पर भी देख सकते हैं.
  • अंधेरे में हो रही गतिविधियों को भी साफ-साफ पहचान सकते हैं.
  • तापमान में बदलाव को पहचान सकते हैं
  • ड्रोन छिपे हुए लक्ष्य को दिखने-सुनाई देने से पहले ही पकड़ सकते हैं.
  • ड्रोन काफी गहराई से चीजों और गतिविधियों को देख सकता है.
  • ड्रोन दूर से नजर रखने और सुनने की तकनीक काफी बेहतर होनी चाहिए, ताकि आप अपने लक्ष्य को पहचान सकें

ड्रोन को लेकर भारत की स्थिति

  • भारत पहले ड्रोन आयात करता था, लेकिन अब देश में ही AI समर्थिक आधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन बनने लगे हैं.
  • ड्रोन यूएवी बिना जीपीएस के संचालित हो सकते हैं.
  • वास्तविक समय में खतरों को पहचान सकते हैं और मुश्किल हालात में भी काम कर सकते हैं.
  • अपनी खूबियों के चलते ड्रोन भारतीय सेना का अहम हिस्सा हैं.

सीमा पर हैं अधिक कारगर

भारत और पाकिस्तान बॉर्डर पर ड्रोन अधिक कारगर हैं. बॉर्डर पर निगरानी रखने के साथ-साथ भारी जोखिम वाले मिशन तक, यूएवी भारत की सैनिक रणनीति में अहम भूमिका निभा रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत के पास कई प्रकार के ड्रोन हैं. बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इजराइल से कई ड्रोन के सौदे हुए. कुल मिलाकर पाकिस्तान के एक के मुकाबले में भारत के पास तीन ड्रोन हैं, जिससे भारत की फायर पावर ज़्यादा है. इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन मिले हैं जो जो 40 घंटे तक और 40,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकते हैं. इसे प्राप्त करने के लिए 4 बिलियन डॉलर का सौदा भारत की हमला क्षमताओं में एक बड़ी छलांग है.

About the Author: JP Yadav
जेपी यादव डेढ़ दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह प्रिंट और डिजिटल मीडिया, दोनों में समान रूप से पकड़ रखते हैं। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, लाइव टाइम्स, ज़ी न्यूज और भारत 24 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। कई बाल कहानियां भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. मनोरंजन, साहित्य और राजनीति से संबंधित मुद्दों पर कलम अधिक चलती है। टीवी और थिएटर के प्रति गहरी रुचि रखते हुए जेपी यादव ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक 'गागर में सागर' और 'जज्बा' में सहायक लेखक के तौर पर योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'चिराग' में अभिनय भी किया है।
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