कहां बन रहा है, देश का पहला संविधान स्तंभ

कहां बन रहा है, देश का पहला संविधान स्तंभ

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Thursday, May 2, 2024

Updated On: Thursday, January 23, 2025

kaha ban raha hai desh ka pahla samvidhan stambh
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जयपुर में देश का पहला संविधान स्तंभ बनाया जा रहा है। इसमें संविधान से जुड़ी कई महत्वपूर्ण एवं रोचक जानकारियां दी जाएंगी।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Thursday, January 23, 2025

इन दिनों संविधान पर खूब चर्चा हो रही है। विपक्ष का आरोप है, संविधान खतरे में है। वहीं देश में संविधान के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी खूब काम हो रहा है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में देश का पहला संविधान पार्क बना है। पिछले वर्ष ही इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की थीं। अब जयपुर में ही देश का पहला संविधान स्तंभ भी बनाया जा रहा है। इसमें संविधान से जुड़ी कई महत्वपूर्ण एवं रोचक जानकारियां दी जाएंगी। ताकि आम लोग संविधान के प्रति जागरूक हो सकें।

जयपुर में स्थित राजस्थान यूनिवर्सिटी में 75 फीट ऊंचा संविधान स्तंभ बन रहा है। इस स्तंभ में संविधान बनने की प्रक्रिया से लेकर कई लोकतंत्र एवं पंचायती राज से जुड़ी पौराणिक घटनाओं को भी सचित्र वर्णन किया जाएगा। साथ ही आजादी के ऐतिहासिक क्षणों को स्कल्पचर की मदद से दिखाया जाएगा। पुरे स्तंभ पर बहुत ही खूबसूरती से मूर्तियों और चित्रों के माध्यम से संविधान से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया जायेगा। इसे जाने-माने वास्तुकार डॉ. अनूप बरतरिया बना रहे हैं। डॉ. बरतरिया इस प्रकार के कई कार्य पहले भी का चुके हैं।

डॉ. अनूप बरतरिया ने ही देश का पहला संविधान पार्क जयपुर के राजभवन में बनाया है। संविधान स्तंभ के बारे में उनसे बात की। इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्तंभ संविधान पार्क से भिन्न होगा। इसमें संविधान की अधिक से अधिक जानकारी होगी। इसमें वर्ष 1946 में कैबिनेट मिशन द्वारा संविधान सभा के गठन से लेकर 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने तक की कहानी को बयां किया जाएगा। वह भी बेहद रोचक ढंग से। बताया यह भी गया है कि मूल संविधान में भारतीय नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों और मूल सिद्धांतों को जिस शैली और चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है, उसी प्रकार की शैली और चित्रों से इस स्तंभ पर भी दिखाया जाएगा।

डॉ बरतरिया बताते हैं कि इस स्तंभ में गांधी की दांडी यात्रा से उनके स्वतंत्रता आंदोलन को दर्शाया गया है। उन्होंने आगे कहा, ‘इस स्तंभ का डिजाइन राजभवन में बनाए संविधान पार्क से अलग रखा गया है। इसकी खासियत के बारे में बताते हुए वे कहते हैं कि भारतीय गण को तीन प्रतिमाओं से दर्शाया है। ये गण हमारे संविधान को आदरपूर्वक उठा रखा है। इसमें संविधान की सील, प्रस्तावना से लेकर 22 आर्टिकल्स तक दिखाए गए हैं।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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