घोटाले में सीएम सिद्धारमैया पर हुआ एफआईआर दर्ज, अब क्या होगा आगे की राजनीति

घोटाले में सीएम सिद्धारमैया पर हुआ एफआईआर दर्ज, अब क्या होगा आगे की राजनीति

Authored By: सतीश झा

Published On: Saturday, September 28, 2024

Updated On: Wednesday, April 16, 2025

siddaramaiah cm karnataka
siddaramaiah cm karnataka

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मैसूर विकास प्राधिकरण के एक मामले में एफआईआर दर्ज हो गया है। विपक्षी दल भाजपा इस्तीफे की मांग कर रही है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और स्वयं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इसके लिए अभी मनाही कर रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि क्या सिद्धारमैया दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह यदि जेल जाते हैं, तो इस्तीफा नहीं देंगे !

Authored By: सतीश झा

Updated On: Wednesday, April 16, 2025

सियासी गलियारों में सवाल यह भी है कि क्या डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से कोई गुपचुप सेंटिग करने की जुगत में हैं ! ऐसे कई सवाल सियासी गलियारे में बेंगुलुरू से लेकर दिल्ली तक सुनाई पड़ रही है।

चर्चा झारखंड मॉडल की भी

राजनीति में बात तो झारखंड मॉडल की भी हो रही है, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने चंपई सोरेन (Champai Soren) को सीएम की कुर्सी सौंपी थीं। लेकिन इस मॉडल में अब लेगों को खतरा लग रहा है। जिस प्रकार से चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेने से बगावत की, उसको सभी ने देखा और समझा है।

सीएम सिद्धारमैया का ये है मामला

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Karnataka CM Siddaramaiah) के खिलाफ मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) जमीन घोटाले में एफआईआर दर्ज हो गई है। लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया, जब कर्नाटक की विशेष अदालत ने इस मामले की जांच का आदेश दिया। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को जांच के निर्देश दिए थे, जिसे हाई कोर्ट ने सही ठहराया। इस मामले में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और कुछ अधिकारियों के नाम सामने आए हैं।

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सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की थी ये शिकायत

सामाजिक कार्यकर्ता टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री ने मुडा अधिकारियों के साथ मिलकर 14 महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल किया। इस मामले में राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सिद्धारमैया ने हाई कोर्ट में याचिका दी थी। जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी और कहा- याचिका में जिन बातों का जिक्र है, उसकी जांच जरूरी है। केस में मुख्यमंत्री का परिवार शामिल है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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