बारिश से कई जिलों का हाल बेहाल, प्राकृतिक आपदा से बचाने में लगी है राज्य प्रशासन

बारिश से कई जिलों का हाल बेहाल, प्राकृतिक आपदा से बचाने में लगी है राज्य प्रशासन

Authored By: सतीश झा

Published On: Sunday, August 4, 2024

natural calamity several districts
natural calamity several districts

बारिश में झमामझ हो रही बारिश जहां मौसम को सुहाना बना रही है, वहीं कई इलाकों में यह मुसीबतों का पहाड़ भी साथ लेकर आई है। भू स्खलन, बाढ़ से आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो चुका है। राहत और बचाव कार्य में केंद्रीय एजेंसियों के साथ ही राज्य प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रहा है।

Authored By: सतीश झा

Updated On: Friday, January 17, 2025

सावन में बारिश और बाढ़ कोई नई बात नहीं है। लेकिन, इस बार कई क्षेत्रों में आपदा से जान माल की अधिक क्षति हो रही है। केरल के वायनाड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से तबाही मच गई है। कई लोगों की मौत हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में लोग लापता हो गए हैं। इस भूस्खलन में सड़क, घर, पुल, गाड़ियां सबकुछ बह गई हैं।

NDRF कमांडेंट सुदेश कुमार ने उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान पर कहा, “…आज हमने लगभग 450 लोगों को बाहर निकाला है, पिछले दो दिनों में हम कुल 6000 लोगों को बाहर निकाल चुके हैं… अगर मौसम साफ रहेगा तो आज सभी लोगों को निकाल लिया जाएगा। रास्ते के मरम्मत का कार्य जारी है।

केदारनाथ में भूस्खलन

भाजपा नेता अनिल बलूनी ने केदारनाथ में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और NDRF और SDRF अधिकारियों से बातचीत की।भाजपा नेता अनिल बलूनी ने कहा, “…हमारा पूरा ध्यान फंसे हुए लोगों को निकालने और उन्हें खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने पर है। फंसे हुए सभी लोग सुरक्षित हैं और प्रशासन के संपर्क में हैं। जो लोग शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, उन्हें तुरंत निकाला जा रहा है, लेकिन जो लोग चलने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें मौसम ठीक होते ही निकाला जाएगा। प्राथमिकता अवरुद्ध मार्गों को खोलना और उन्हें जल्द से जल्द सामान्य बनाना है।”

हिमाचल में हुआ है भारी नुकसान

हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान पर कहा, “यहां बादल फटा था जिसके वजह से रामपुर और कुल्लू में भारी तबाही हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू यहां आए थे और स्थिति का जायजा लिया था। NDRF, SDRF, राज्य की पुलिस, होम गार्ड सभी यहां मौजूद हैं। शवों को निकाला जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों के साथ ही सर्च ऑपरेशन भी जारी है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की है, हमें उम्मीद है कि केंद्र से हमें सहयता मिलेगी, हम केंद्र से इसकी मांग करते हैं… अभी तक करीब 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है, शव मिलने के बाद ही इसकी आधिकारिक पुष्टि हो सकेगी।

हिमाचल प्रदेश में आई आपदा पर प्रतिभा सिंह ने ये कहा

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने हिमाचल में आई आपदा पर कहा, “…समेज गांव पूरा क्षतिग्रस्त हुआ है, लोगों के घर तबाह हुए हैं। यह बहुत दुखद स्थिति है। हमें सचेत रहने की आवश्यकता है… मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से बातचीत की है, उन्होंने हमें मदद का आश्वासन दिया है। हमें विश्वास है कि हमें केंद्र सरकार से सहायता मिलेगी।”

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं

भारत में भूस्खलन की घटनाएं समय-समय पर होती रहती हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो पर्वतीय और अस्थिर भौगोलिक संरचनाओं से घिरे होते हैं। इन घटनाओं में आमतौर पर भारी बारिश, बादल फटने, और ज़मीन की अस्थिरता जैसी प्राकृतिक परिस्थितियाँ शामिल होती हैं।

साल 2013 में केदारनाथ समेत कई जगह खतरनाक भूस्खलन हुए, जिससे भयानक मंजर देखने को मिला। इस लैंडस्लाइड में 5,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 4,200 से ज्यादा गांव पानी में बह गए थे। 4 अक्टूबर, 1968 को दार्जिलिंग में उस वक्त तबाही मच गई, जब बाढ़ की वजह से बड़ा और भयानक भूस्खलन हुआ। इसमें एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी । इससे 60 किलोमीटर तक लंबा नेशनल हाइवे-91 दो टुकड़ों में बंट गए।

सितंबर, 1948 में असम के गुवाहाटी में भयंकर बारिश हुई।इसमें एक गांव पूरी तरह खत्म हो गया। 500 से ज्यादा लोग मारे गए और भारी नुकसान हुआ। अगस्त, 1998 में अविभाजित उत्तर प्रदेश में 7 दिनों तक लगातार जोरदार बारिश होती रही थी। और 380 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। 30 जुलाई, 2014 को महाराष्ट्र के मालिन गांव में भूस्खलन तबाही लेकर आया। इसमें 151 लोग मारे गए थे, जबकि 100 से ज्यादा लोग लापता हो गए।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य खबरें