Special Coverage
Online Travel Industry : एआई एंड न्यू एज टेक्नोलॉजी से ऑनलाइन ट्रैवलिंग इंडस्ट्री में आ रहा बड़ा बदलाव
Online Travel Industry : एआई एंड न्यू एज टेक्नोलॉजी से ऑनलाइन ट्रैवलिंग इंडस्ट्री में आ रहा बड़ा बदलाव
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Thursday, January 23, 2025
Updated On: Thursday, January 23, 2025
भारत का ऑनलाइन ट्रैवल मार्केट काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसका आकार साल 2025 में 19.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान है. यात्रा की बुकिंग के लिए मोबाइल एप महत्वपूर्ण चैनल बन गए हैं. कई प्रमुख ट्रैवल कंपनियों ने कस्टमर्स के अनुकूल मोबाइल एप विकसित किए हैं, जिससे यात्री चलते-फिरते टिकट और ठहरने की जगह बुक कर सकते हैं. ऑनलाइन पेमेंट की बढ़ती विश्वसनीयता भी लोगों को ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग के लिए प्रेरित कर रही है. वे ऑनलाइन शॉपिंग से ज्यादा ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग पर खर्च कर रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि एआइ, एआर के उपयोग से भारतीय ट्रैवल इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव आ सकता है.
Authored By: अंशु सिंह
Updated On: Thursday, January 23, 2025
हाइलाइट
- लगभग 9% की दर से बढ़ रहा ट्रैवल मार्केट
- 12% या 13% की दर से बढ़ रहा ऑनलाइन ट्रैवल मार्केट
- ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग पर 4 से 5 लाख रुपये तक खर्च कर रहे लोग
- ऑनलाइन शॉपिंग से ज्यादा ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग पर खर्च
विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (WTTC) की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में यात्रा और पर्यटन उद्योग (Online Travel Industry) का देश के सकल घरेलू उत्पाद में सातवां सबसे बड़ा योगदान रहा है. पिछले एक दशक में भारत की आर्थिक वृद्धि दुनिया में सबसे अधिक रही है. बढ़ती डिस्पोजेबल आय वाले भारतीयों की बढ़ती संख्या के कारण घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं की संख्या बढ़ गई है. ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी एग्जिगो (Ixigo) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ आलोक बाजपेयी का कहना है कि इस समय देश का ट्रैवल मार्केट लगभग 9% की दर से बढ़ रहा है, जबकि ऑनलाइन ट्रैवल मार्केट (प्रत्यक्ष ऑनलाइन और B2B2C ऑनलाइन सहित) 12% या 13% की दर से बढ़ रहा है। वहीं, B2C ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी बाजार साल दर साल 18% के करीब की दर से बढ़ रहा है। ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का ये भी कहना है कि फाइनेंशियल सर्विसेज एवं ई-कॉमर्स की तुलना में ट्रैवल इंडस्ट्री को टेक्नोलॉजी एडॉप्ट करने में थोड़ा समय लगा. लेकिन एआइ, एआर, वीआर एवं नई जेनरेशन के कई टूल्स के आने के बाद से अब ट्रैवल सेक्टर का स्वरूप बदल रहा है. यूरोप में तो इसका बखूबी इस्तेमाल हो रहा है. भारत में भी शुरुआत हो चुकी है.
टेक्नोलॉजी से बदल जा रहा ट्रैवलिंग का स्वरूप
किसी भी यात्रा की योजना बनाने से लेकर बुकिंग करने एवं टूर कंडक्ट करने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है. लेकिन टेक्नोलॉजी ने इसे अब आसान बना दिया है. खासकर बिचौलियों की समस्या पर अंकुश लगा है. जैसे, फ्लाइट कैंसिल होने या मौसम खराब होने के कारण यात्रा की प्लानिंग में कोई फेरबदल होने पर ट्रैवल एजेंट होटल बुकिंग या बाकी तैयारियों में बदलाव से अमूमन इंकार कर देते हैं. लेकिन एआइ (AI) से पूरी ट्रैवल इटिनरी को बदला जा सकता है या कहें कि री-शिड्यूल किया जा सकता है. साल 2011 में स्थापित ट्रैवल कंपनी ‘थ्रिलोफिलिया’ (Thrillophilia) के सह-संस्थापक अभिषेक को उम्मीद है कि आने वाले साल में एआइ से ट्रैवल सेक्टर का स्वरूप, बुकिंग का पूरा तरीका बदल जाएगा. एआइ टूल्स के जरिये लोग खुद से अपनी इटिनरी तैयार कर सकेंगे. एप्स की मदद से वाउचर खरीद सकेंगे. एआर की मदद से विदेशों में स्थित पर्यटक स्थलों के बारे में जान सकेंगे. दरअसल, एआर और वीआर जैसी तकनीकें यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाती हैं. उदाहरण के लिए, पर्यटन में वर्चुअल रियलिटी (वीआर) स्थानों के वर्चुअल टूर प्रदान कर सकती है, जिससे आगंतुकों को यात्रा करने से पहले क्षेत्रों का अनुभव करने में मदद मिलती है. वहीं, एआर साइनेज का अनुवाद कर सकती है, यात्रियों को स्थलों के बारे में वास्तविक समय की जानकारी दे सकती है और यहां तक कि शहर में घूमते समय ऐतिहासिक संदर्भ भी प्रदान कर सकती है.
ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग पर बढ़ा लोगों का भरोसा
अभिषेक डागा कहते हैं कि देश में ऑनलाइन पेमेंट के पैटर्न में सकारात्मक परिवर्तन आया है. खासकर शहरी आबादी बड़े पैमाने पर डिजिटल पेमेंट को अपना रही है. डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म ग्राहकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए आवश्यक सुधारों पर फोकस कर रहे हैं. इससे ऑनलाइन लेन-देन को लेकर भरोसा बढ़ा है. ट्रैवलिंग के लिए आमतौर पर बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है. लोग शुरू में ऑनलाइन के जरिये बड़ी पेमेंट करने से संकोच करते हैं. लेकिन एक बार विश्वास जम जाने पर ऑनलाइन पेमेंट करने में देर नहीं करते. यह भी देखा गया है कि जहां ऑनलाइन शॉपिंग पर वे तीन से चार हजार रुपये औसतन खर्च करते हैं, वहीं ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग पर 4 से 5 लाख रुपये तक खर्च कर रहे हैं. इनमें भी टियर-2 एवं टियर-3 शहरों से अच्छी मांग देखी जा रही है. यही वजह है कि ऑनलाइन ट्रैवल मार्केट में जल्द ही बड़े बदलाव की संभावना बन रही है. खुद उनकी कंपनी ने साल 2024 में करीब 20 लाख ऑनलाइन बुकिंग के जरिये 750 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था.
घर तक सुविधाएं पहुंचा रहीं कंपनियां
सीएससी (CSC) वह कंपनी है जो हवाई टिकट, होटल और अवकाश पैकेज, रेल और बस टिकट जैसी सेवाओं का कारोबार करती है. इसने लोगों की बुनियादी जरूरत से जुड़ी सेवाएं उनके घर तक पहुंचाने के लिए ईज़माईट्रिप (EaseMyTrip) के साथ समझौता किया है. सीएससी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ संजय राकेश का कहना है कि समाज में समृद्धि बढ़ने के साथ ही लोगों की आवाजाही बढ़ी है. इससे परिवहन की सुविधाओं की मांग में इज़ाफा हुआ है. लेकिन शहरों की अपेक्षा गांवों में ऐसे विश्वसनीय सपोर्ट सिस्टम का अभाव है, जो नागरिकों के लिए ट्रैवल सुविधाओं के बारे में मदद कर सके. हम सीएससी वीएलई ईज़माईट्रिप के माध्यम से गांव के लोगों को ये सारी सुविधाएं मुहैया कराएंगे. साझेदारी के बाद ईज़माईट्रिप यात्रा बुकिंग प्लेटफॉर्म को डिजिटल सेवा पोर्टल के साथ वीएलई के लिए लॉगिन आईडी के साथ एकीकृत किया जाएगा, ताकि हवाई यात्रा टिकट और होटल बुकिंग बुक करने की सेवा के लिए वीएलई लॉग इन कर सकें.
यह भी पढ़ें : आठवें वेतन आयोग के गठन को मिली मंजूरी, इससे किसे मिलेगा लाभ