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सुरक्षित माने जा रहे वायनाड में इन मुश्किलों से कैसे पार पाएंगी प्रियंका गांधी?
सुरक्षित माने जा रहे वायनाड में इन मुश्किलों से कैसे पार पाएंगी प्रियंका गांधी?
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, October 21, 2024
Updated On: Monday, October 21, 2024
पिछले दो लोकसभा चुनावों से केरल की वायनाड सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की उम्मीदवारी के कारण सुर्खियों में रही है। राहुल गांधी ने 2019 और 2024 में यहां से भारी बहुमत के साथ चुनाव जीता था। लेकिन 2024 में रायबरेली से भी जीतने के बाद उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया, जिससे यह सीट खाली हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को वायनाड से उम्मीदवार बनाया, जो उनके राजनीतिक करियर का पहला चुनाव है। वायनाड कांग्रेस का पारंपरिक गढ़ माना जाता है, और इसी वजह से प्रियंका गांधी को यहां से खड़ा किया गया है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Monday, October 21, 2024
भाजपा (BJP) ने प्रियंका (Priynaka) को टक्कर देने के लिए नव्या हरिदास (Navya Haridas) को उम्मीदवार बनाया है, जो भाजपा महिला मोर्चा की राज्य इकाई की महासचिव हैं। नव्या, एक युवा और उत्साही नेता, वायनाड में प्रियंका को कड़ी टक्कर देने की क्षमता रखने का दावा कर रही हैं।
गौरतलब है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 2019 के चुनाव में 65% वोटों के साथ 4 लाख 31 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन 2024 में यह अंतर घटकर 3 लाख 63 हजार वोटों का रह गया। कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रियंका इस उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करेंगी, लेकिन वायनाड में दलीय समीकरणों को देखते हुए यह आसान नहीं दिखता। वामपंथी मोर्चा भी सीपीआई के वरिष्ठ नेता सत्यन मोकेरी को मैदान में उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना चुका है, जिससे प्रियंका के लिए चुनौती बढ़ गई है।
नव्या हरिदास का कहना है कि गांधी परिवार वायनाड को दूसरी सीट के रूप में देखता है। उनका आरोप है कि राहुल गांधी ने वायनाड की समस्याओं को लेकर संसद में सक्रियता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि प्रियंका की वायनाड से निकटता केवल उपचुनाव तक ही सीमित है। दूसरी तरफ, प्रियंका ने कहा था कि वे और राहुल दोनों रायबरेली और वायनाड, दोनों जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
वायनाड में त्रिकोणीय मुकाबले ने प्रियंका गांधी वाड्रा की चुनौती को बढ़ा दिया है। अगर वे जीतती हैं, तो लोकसभा में उनका यह पहला प्रवेश होगा, जहां उनके भाई राहुल गांधी पहले ही रायबरेली से जीतकर पहुंच चुके हैं। वहीं, सोनिया गांधी राज्यसभा की सदस्य हैं। गांधी परिवार के तीन सदस्यों की संसद में एक साथ मौजूदगी भाजपा को परिवारवाद का आरोप लगाने का नया मौका देगी।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि हम दोनों भाई बहन रायबरेली और वायनाड, दोनों जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इसमें कोई संदेह नहीं कि वायनाड में त्रिकोणीय मुकाबले ने प्रियंका गांधी वाड्रा की मुश्किलों में इजाफा कर दिया है इसके बावजूद अगर वे जीत जाती हैं तो लोकसभा में वे पहली बार प्रवेश करेंगी जहां उनके भाई राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव जीत कर पहले ही प्रवेश कर चुके हैं। उधर सोनिया गांधी इस समय राज्य सभा की सदस्य बन चुकी हैं।हैं। संसद में एक साथ गांधी परिवार के तीन सदस्यों की यह उपस्थिति भाजपा को निश्चित रूप से उस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाने का नया अवसर प्रदान करेगी।