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रांची को करांची बनाना चाहते हैं हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री के बयान पर झारखंड में मच गया बवाल
रांची को करांची बनाना चाहते हैं हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री के बयान पर झारखंड में मच गया बवाल
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, November 19, 2024
Last Updated On: Tuesday, November 19, 2024
केंद्रीय मंत्री के विवादित बयान से झारखंड की सियासत गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि "वह रांची को कराची बनाना चाहते हैं।" इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में बवाल मच गया है। विपक्षी दलों ने इस बयान को मुख्यमंत्री और राज्य का अपमान बताया है, जबकि सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इसे सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करार दिया है।
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Tuesday, November 19, 2024
झारखंड में वोटिंग से एक दिन पहले जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन (JMM Chief Hemant Soren) पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने बड़ा वार किया है। सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस गठबंधन पर हमला करते हुए गिरिराज सिंह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य की राजधानी रांची को कराची में बदलना चाहते हैं। पटना में पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने झारखंड के लोगों से महिलाओं की सुरक्षा के लिए वोट करने का आग्रह किया। झारखंड में दूसरे चरण की 38 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को मतदान होगा।
“धर्म के आधार पर वोट जिहाद की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए”
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने झारखंड और महाराष्ट्र में चुनावों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने चुनाव अधिकारियों और एनडीए के पोलिंग एजेंटों से अपील करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर “वोट जिहाद” की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। गिरिराज सिंह ने कहा, “मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उनके चेहरों की जांच करना कानूनी रूप से सही है, और इसे पर्दे के पीछे छिपने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”
गिरिराज सिंह ने अपने बयान में कहा कि महाराष्ट्र के लोग उन पार्टियों को वोट नहीं देंगे, जो रोहिंग्याओं का समर्थन करती हैं और समाज को विभाजित करने का काम करती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के बयान का जिक्र करते हुए कहा, “एक रहोगे, सुरक्षित रहोगे, बटोगे तो काटोगे।”
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों में मतदाता समाज के विभाजनकारी तत्वों को नकारेंगे। उनका कहना था कि “मतदाता समझदारी से मतदान करें और यह सुनिश्चित करें कि देश की एकता और अखंडता बनी रहे।”
गिरिराज सिंह के इस बयान पर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विपक्षी दलों ने इसे सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला और मतदाताओं को भड़काने वाला बताया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इस बयान पर कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र और झारखंड में कल मतदान होने हैं, और दोनों राज्यों में चुनावी माहौल गरमा चुका है। गिरिराज सिंह के बयान से यह साफ है कि चुनाव में ध्रुवीकरण और धार्मिक मुद्दे एक बार फिर अहम भूमिका निभा सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री से बयान वापस लेने और माफी मांगने की मांग
झामुमो के नेताओं ने केंद्रीय मंत्री से बयान वापस लेने और माफी मांगने की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के बयान झारखंड के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं और राज्य के विकास में बाधा डालते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हमेशा झारखंड के हित में काम किया है और ऐसे आरोप बेबुनियाद हैं।
विपक्षी दलों ने भी इस बयान को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा झारखंड के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
इस बीच, भाजपा ने केंद्रीय मंत्री के बयान का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ राज्य सरकार की विफलताओं को उजागर किया है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि झारखंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर हो गई है, और मुख्यमंत्री को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
इस बयान के बाद झारखंड की राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, जिससे राज्य की सियासी तस्वीर प्रभावित हो सकती है।