नकारात्मकता से आंतरिक मुक्ति है प्रधान : गुरु गौर गोपाल दास
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, August 12, 2025
Last Updated On: Tuesday, August 12, 2025
आध्यात्मिक गुरु गौर गोपाल दास राष्ट्र की "स्वतंत्रता" को बलिदानों को याद रखने, देश के विकास से सक्रिय रूप से जुड़ने और नकारात्मकता से आंतरिक मुक्ति को प्रधानता देना मानते हैं.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Tuesday, August 12, 2025
Gaur Gopal Das on negativity: अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के सदस्य, प्रेरक वक्ता और आध्यात्मिक गुरु गौर गोपाल दास व्यक्ति से अपने
हानिकारक विचारों और अपेक्षाओं पर विचार करने और आत्मनिरीक्षण का आग्रह करते हैं. उनके अनुसार, इससे आंतरिक स्वतंत्रता प्राप्त होगी और सभी के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण होगा . गुरु गौर गोपाल दास स्वतंत्रता का उपयोग करने की सामूहिक जिम्मेदारी पर बल देते हैं.
नकारात्मक शक्तियों से मुक्त होने की प्राथमिकता
स्वतंत्रता का सबसे बड़ा अनुभव तब होता है जब हम उन नकारात्मक शक्तियों से मुक्त होते हैं. नकारात्मक शक्तियां हमारे विकास में बाधा डालती हैं और अपनी स्वतंत्र इच्छा का उपयोग अपनी इच्छानुसार करने में सक्षम होते हैं. सच्ची स्वतंत्रता नकारात्मक शक्तियों से आंतरिक मुक्ति और अपनी स्वतंत्र इच्छा का उपयोग दूसरों की सेवा और वास्तविक विकास में लगाना होता है. बाहरी विकल्पों या भौतिक लक्ष्यों को प्राप्त करना नहीं है.
देने की खुशी
गौर गोपाल दास का मानना है कि सामाजिक दबावों के अनुरूप ढलना सही नहीं है. व्यक्ति के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है, लेकिन वह केवल लेने में नहीं, बल्कि देने में खुशी खोजने का प्रयास करे. दूसरों को देने में जो सच्चा सुख मिलता है, वह लेने में नहीं.
आंतरिक होती है सच्ची आजादी
पराधीनता से आजादी मिले 78 वर्ष हो गए, इस वर्ष इसका जश्न देश भर में मन रहा है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के खूबसूरत रंगों का ध्यान करना चाहिए. हम जितनी जल्दी स्वीकार कर लेते हैं कि हम कुछ चीजें बदल सकते हैं, उतना ही जल्दी हम अपना ध्यान, समय, ऊर्जा और संसाधन उन चीजों पर केंद्रित करने के लिए मुक्त कर पाते हैं. हम उन्हें बदलने भी लग सकते हैं.
नकारात्मकता से मुक्ति
- गौर गोपाल दास के अनुसार, स्वतंत्रता का सर्वोच्च रूप उन नकारात्मक शक्तियों से मुक्त होना है—आंतरिक और बाहरी दोनों. ये व्यक्तिगत विकास और पूर्णता में बाधा डालती हैं.
- इसमें खुद चयन करना और व्यक्तित्व बहुत सहायता करते हैं. व्यक्तित्व को सामाजिक मानदंडों द्वारा आंके जाने की जरूरत नहीं है. व्यक्ति के जीवन जीने के तरीके, कपड़े पहनने और अपने विचारों को व्यक्त करने के तरीके के बारे में उसे स्वयं निर्णय लेने का अधिकार देना चाहिए.
खो सकती है सुंदरता
अगर किसी को सफलता और खुशी मिलती है और वह उसे सामाजिक मानकों के अनुरूप देखना चाहता है, तो यह सही नहीं है. इसके कई खतरे हो सकते हैं. इससे व्यक्ति अपना वास्तविक स्वरूप और वास्तविक उत्कृष्टता के अवसर को खो सकता है. इसलिए किसी भी सफलता को सामाजिक मानकों के अनुरूप नहीं देखना चाहिए.
सेवा के माध्यम से स्वतंत्रता
गौर गोपाल दास के अनुसार, सच्ची स्वतंत्रता स्वयं और दूसरों पर ध्यान केंद्रित करने से आती है. दूसरों की सेवा करके, व्यक्ति स्वार्थ पर विजय प्राप्त कर सकता है और सच्ची स्वतंत्रता प्राप्त कर सकता है. दान स्वतंत्रता की ओर ले जाता है. दूसरों की सेवा करना, सम्मान देना और प्रेम प्रदर्शित करना ऐसे कार्य हैं जिन्हें कोई नहीं रोक सकता है. ये खुशी का मार्ग और निर्भरता व निराशा से मुक्ति का एहसास प्रदान करते हैं.
छोटे-छोटे पलों में खुशी ढूंढना
- वह लोगों को दुर्लभ, महत्वपूर्ण घटनाओं की प्रतीक्षा करने की बजाय खुशी के छोटे और तुरंत समाप्त होने वाले पलों में आनंद और स्वतंत्रता खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
- उनकी अपनी जीवन यात्रा, जिसमें विभिन्न आध्यात्मिक मार्गों की खोज शामिल है, आध्यात्मिक रूप से अन्वेषण और विकास की स्वतंत्रता के महत्व पर प्रकाश डालती है. इससे गहरी आंतरिक शांति प्राप्त होती है.
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