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Magh Month 2025: नदी स्नान और दान-पुण्य कर करें श्रीविष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा
Magh Month 2025: नदी स्नान और दान-पुण्य कर करें श्रीविष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, January 16, 2025
Updated On: Thursday, January 16, 2025
मकर संक्रांति से माघ मास की शुरुआत हो जाती है। यह 14 जनवरी से शुरू हो गया है, जो 12 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। मान्यता है कि नदी स्नान और दान-पुण्य कर माघ मास में श्रीविष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे सुख, शांति और समृद्धि में वृद्धि (Magh Month 2025) होती है।
Authored By: स्मिता
Updated On: Thursday, January 16, 2025
हिंदू धर्म में माघ महीने (Magh Month 2025) का विशेष धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि इस महीने में नदी में स्नान करने और तीर्थ स्थलों पर जाने से व्यक्ति को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ग्यारहवां चंद्र मास और दसवां सौर मास सामूहिक रूप से माघ महीने (Magh Month 2025) के नाम से जाना जाता है। “माघ” नाम मघा नक्षत्र से आया है। यह शुभ महीना श्रीविष्णु और श्रीकृष्ण को विशेष रूप से प्रिय है।
माघ मास का महत्व (Magh Month Significance)
माघ मास (Magh Month 2025) 14 जनवरी से शुरू हो गया है, जो 12 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। इस महीने में सूर्योदय से पहले स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और प्रजापत्य यज्ञ करने के समान लाभ मिलता है। इस महीने में प्रयागराज में संगम पर स्नान करना विशेष रूप से पुण्यदायी है, जिससे मन शांत और आध्यात्मिक रूप से मजबूत होता है। कुछ भक्त पूरे एक महीने तक पवित्र नदियों के किनारे रहकर कल्पवास (Kalpvas 2025) करते हैं। यह भी मान्यता है कि माघ महीने के विशेष अनुष्ठान करने से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है और वे श्रीविष्णु के धाम वैकुंठ धाम के निवासी बन जाते हैं।
शास्त्रों में माघ माह का महत्व (Magh Month Importance)
पद्म पुराण में माघ माह के महत्व पर जोर दिया गया है। सभी पापों से मुक्ति और भगवान वासुदेव की भक्ति पाने के लिए माघ माह में नदी में स्नान करना चाहिए। तुलसी श्रीविष्णु को प्रिय हैं, इसलिए इस माह में प्रतिदिन तुलसी के पौधे की पूजा करें। माघ मास भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी को भी प्रिय है। इस महीने में देवी लक्ष्मी की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।
विशेष नियम हैं इस माह के (Magh Month Rituals)
प्रतिदिन स्नान करना, काले तिल का दान करना, ईश्वर नाम संकीर्तन करना, दिन भर में एक बार सात्विक आहार लेना माघ माह के विशेष नियम हैं। भोजन में तिल का उपयोग करना चाहिए। भक्तगण आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक लाभ के लिए तिल, गुड़ और कंबल का दान कर सकते हैं। मघा नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। इस नक्षत्र के देवता पितृ या पूर्वज होते हैं।
महत्वपूर्ण तिथियां और त्योहार (Magh Month Dates and Festivals)
माघ महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। 14 जनवरी को मकर संक्रांति, पोंगल, उत्तरायण आदि मनाए जाने के बाद 17 जनवरी को सकट चौथ मनाया जाएगा। षटतिला एकादशी भी 25 जनवरी को है। सबसे महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार 29 जनवरी को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या है। इसके साथ ही 1 फरवरी को विनायक चतुर्थी और 2 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। 4 फरवरी को नर्मदा जयंती और 8 फरवरी को जया एकादशी है। 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा व्रत या कुंभ संक्रांति के साथ ही माघ माह का समापन हो जाएगा।
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