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खोजें अहंकार से मुक्त होने का उपाय
खोजें अहंकार से मुक्त होने का उपाय
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, July 21, 2025
Last Updated On: Monday, July 21, 2025
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर बताते हैं कि बातचीत से दिमाग से दिमाग का संपर्क, गायन और वादन से दिल से दिल का संपर्क होता है. ठीक इसी तरह आत्मा से आत्मा का संपर्क मौन में होता है. यदि आत्मा से आत्मा का संपर्क करना है, तो अहंकार से मुक्त होने का उपाय खोजें.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Monday, July 21, 2025
Overcoming Ego: आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर बताते हैं कि जब आप लोगों से मिलते हैं, तो प्रायः दिमाग के स्तर पर एक-दूसरे से संपर्क करते हैं. लोगों के साथ रहने पर या उनके साथ बातचीत करने पर बना हुआ संपर्क केवल दिमाग के स्तर तक ही रहता है. जब व्यक्ति प्रकृति के साथ होता है तो वह गाने लगता है. प्रकृति के साथ संपर्क व्यक्ति दिल से करता है. जब वह गुरु के साथ होता है, तो वह खुद को खाली महसूस करता है. इस समय संपर्क आत्मा से बनता है. वह भी मौन में.
अपनेआप होना चाहिए संपर्क
श्री श्री रविशंकर बताते हैं कि जब आप लोगों से मिलते हैं, तब दिमाग के स्तर पर ही रहना चाहते हैं. बिना जरूरत के व्यक्ति शायद ही लोगों के साथ गाता हो. असल में आपका अहंकार आपको गाने से रोकता है. जब आप लोगों के साथ गाते हैं, तब आप दिल के स्तर पर और भावना के स्तर पर उतर आते हैं. कुछ व्यक्ति केवल संगीत सुनते हैं. कुछ व्यक्ति दूसरों का ध्यान आकर्षित करने के लिए या दूसरों की सहजता का अनुभव करने के लिए गाते हैं. कुछ केवल एकांत में गाना पसंद करते हैं. कुछ व्यक्ति केवल तभी साथ गाना चाहते हैं, जब अन्य लोग गा रहे हों. ये सभी गायन अहंकार से है. यह अहंकार तभी ख़त्म होगा जब गायन स्वतः होगा.
आत्मा मुक्त है अहंकार से
श्री श्री रविशंकर के अनुसार, भजन का अर्थ है बांटना- सत्ता के अंतरतम स्तर पर सहभागी होना. भजन ही वास्तविक भागीदारी है. यदि आप लोगों के साथ सहजता के साथ गा सकते हैं, तो इसका मतलब है कि आपका अहम खत्म हो गया है. बच्चे सबके साथ गा सकते हैं, क्योंकि उनमें अहम नहीं होता है. अनजान व्यक्ति के साथ गाने के लिए आपको अहम से मुक्त होना होगा. दिमाग के स्तर पर अहम सुरक्षित रह जाता है. दिल के स्तर पर अहम टूटता है और आत्मा के स्तर पर अहम पिघल जाता है. आत्मा अहंकार से मुक्त होती है.
प्रशंसा और अपमान से मुक्त
यदि दिमाग और दिल के स्तर पर लोगों से मिलने में अहंकार होता है, तो उससे मुक्त होने का उपाय करें. ध्यान दें कि अहंकार मुक्त व्यक्ति प्रशंसा और अपमान से मुक्त होता है. उसके मन पर किसी भी प्रकार की बुराई का असर नहीं पड़ता है. आलोचना आपको आगे बढ़ने में मदद करती है. जो आपको दोष देता है, उसे अपने पास रखो. वह तुम्हारे मन और विचार के आंगन को साफ़ रखता है.
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