Papmochani Ekadashi 2025 : आध्यात्मिक उत्थान चाहने वालों के लिए समर्पित एकादशी

Papmochani Ekadashi 2025 : आध्यात्मिक उत्थान चाहने वालों के लिए समर्पित एकादशी

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, March 17, 2025

Updated On: Monday, March 17, 2025

पापमोचनी एकादशी 2025: आत्मशुद्धि, पुण्य अर्जन और मोक्ष प्राप्ति का पावन अवसर।
पापमोचनी एकादशी 2025: आत्मशुद्धि, पुण्य अर्जन और मोक्ष प्राप्ति का पावन अवसर।

Papmochani Ekadashi 2025 : पापमोचनी एकादशी इस वर्ष 26 मार्च को है. भगवान विष्णु को समर्पित यह महत्वपूर्ण दिन हिंदू कैलेंडर में 24 एकादशी व्रतों में से अंतिम एकादशी है. आध्यात्मिक उत्थान चाहने वालों के लिए यह एक पवित्र तिथि है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Monday, March 17, 2025

पापमोचनी एकादशी चैत्र कृष्ण एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. यह हिंदू कैलेंडर में 24 एकादशी व्रतों में से अंतिम एकादशी है. यह चैत्र महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान मनाया जाता है. यह वर्ष के लिए एकादशी पालन की शुरुआत का प्रतीक है. इसे सबसे पवित्र एकादशी माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इसमें भक्तों के पापों को दूर करने की शक्ति है. पापमोचनी एकादशी व्रत चैत्र महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (Papmochani Ekadashi 2025) को मनाया जाता है.

पापमोचनी एकादशी 2025 (Papmochani Ekadashi 2025 Date)

ज्योतिषशास्त्री पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, पापमोचनी एकादशी होलिका दहन और चैत्र नवरात्रि के बीच मनाई जाती है. 2025 में पापमोचनी एकादशी 26 मार्च को होगी. एकादशी तिथि 25 मार्च को सुबह 5:05 बजे शुरू होगी और 26 मार्च को सुबह 3:45 बजे समाप्त होगी. पारण का समय 26 मार्च को दोपहर 1:40 बजे से शाम 4:07 बजे तक होगा.

पापमोचनी एकादशी व्रत कथा (Papmochani Ekadashi Vrat Katha)

भविष्योत्तर पुराण में पापमोचनी एकादशी व्रत के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है. जहां भगवान कृष्ण ने स्वयं राजा युधिष्ठिर को इसका महत्व समझाया था. भगवान शिव के एक भक्त ऋषि मेधावी चैत्ररथ के जंगल में रहते थे, जहां उन्होंने कठोर साधना की. अप्सरा मंजुघोषा उन्हें बहकाने के प्रयासों के बावजूद ऋषि मेधावी अपनी अटूट भक्ति और मन की पवित्रता के कारण अडिग रहे. ऋषि को लुभाने में असमर्थ मंजुघोषा ने मोहक गायन का सहारा लिया. इसने भगवान कामदेव का ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने मेधावी का ध्यान मंजुघोषा की ओर खींचने के लिए अपने जादुई धनुष का इस्तेमाल किया. नतीजतन ऋषि मेधावी ने अपनी मन की पवित्रता खो दी और अंततः मंजुघोषा से विवाह कर लिया.

मोक्ष प्राप्त करने का संदेश (Papmochani Ekadashi Importance) 

कुछ समय बाद, मंजुघोषा को ऋषि में कोई दिलचस्पी नहीं रही. उन्होंने उन्हें छोड़ दिया, जिससे उन्हें धोखा महसूस हुआ. प्रतिशोध में ऋषि ने उसे एक बदसूरत चुड़ैल बनने का श्राप दे दिया. ऋषि मेधावी ने अपने पिता ऋषि च्यवन की सलाह पर यह व्रत रखा था. ऋषि च्यवन ने मेधावी को आश्वासन दिया कि इस शुभ दिन पर व्रत रखने से उनके पाप दूर हो जाएंगे. ऋषि मेधावी और मंजुघोषा दोनों ने व्रत रखा और अपने पापों से मुक्त होकर मोक्ष और शुद्धि प्राप्त की.

पापमोचनी एकादशी का महत्व (Papmochani Ekadashi Significance)

“पापमोचनी” शब्द “पाप” और “मोचनी” से बना है, जिसमें पाप का अर्थ पाप और मोचनी का अर्थ है हटाने वाला. यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है. यह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों के 11वें दिन पड़ता है. यह विशेष अनुष्ठान कृष्ण पक्ष के दौरान होता है. भक्त भगवान विष्णु से आशीर्वाद पाने और पिछले पापों से खुद को शुद्ध करने के इरादे से यह व्रत रखते हैं, चाहे वे जानबूझकर किए गए हों या अनजाने में. पापमोचनी एकादशी उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो अपने पिछले गलत कामों से खुद को मुक्त करना चाहते हैं. इस शुभ दिन पर प्रार्थना और उपवास के माध्यम से भक्त अपनी आत्मा को शुद्ध करने और आध्यात्मिक पुण्य प्राप्त करने का लक्ष्य रखते हैं.

इस दिन भक्तगण क्या करें (What to do on Papmochani Ekadashi 2025)

इस दिन भक्त पूजा करते हैं और एकादशी व्रत रखते हैं. इस दिन किसी मंदिर में मिट्टी के बर्तन में पानी दान करना चाहिए. मंदिर में भोजन या अनाज दान करना चाहिए. फल, चीनी, कुट्टू, आलू, साबूदाना, शकरकंद, जैतून, नारियल, दूध, बादाम, अदरक, काली मिर्च और सेंधा नमक खाना चाहिए.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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