Raksha Bandhan 2025 : शुभ मुहूर्त में बांधें राखी, जानें इसकी कथा और पूजा विधि

Raksha Bandhan 2025 : शुभ मुहूर्त में बांधें राखी, जानें इसकी कथा और पूजा विधि

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, July 3, 2025

Last Updated On: Friday, July 4, 2025

Raksha Bandhan 2025: जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, इसकी पौराणिक कथा और सही पूजा विधि.
Raksha Bandhan 2025: जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, इसकी पौराणिक कथा और सही पूजा विधि.

Raksha Bandhan 2025 : रक्षा बंधन शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा. पवित्र धागा राखी बांधने का शुभ समय सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक है. जानें रक्षा बंधन की पौराणिक कथा और पूजा विधि.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Friday, July 4, 2025

Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन भाई-बहन के पवित्र बंधन का उत्सव मनाने का दिन है. इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर प्यार और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में राखी बांधती हैं. दोनों एक-दूसरे की सुरक्षा और समृद्धि की कामना करते हैं. इस त्योहार की उत्पत्ति के बारे में कई प्रचलित पौराणिक कथायें हैं. सबसे पहले जानते हैं राखी बांधने का शुभमुहूर्त.

रक्षा बंधन की तारीख और शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2025 Dates & Shubh Muhurt)

  • पूर्णिमा तिथि: 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी.
  • हिंदू धर्म में सूर्य की उदय तिथि महत्वपूर्ण होने के कारण रक्षा बंधन शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा.
  • राखी बांधने का शुभ समय: सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक.

क्या है रक्षा बंधन की पूजा विधि (Raksha Bandhan Puja Vidhi)

रक्षा बंधन पूजा में बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है. उसकी सलामती की प्रार्थना करती है और बदले में उपहार पाती है. इसके लिए विशेष तैयारी की जाती है.
पूजा की थाली, राखी, रोली (सिंदूर), चावल, दीया (तेल का दीपक), मिठाई और अपने भाई के लिए कोई भी उपहार लें. पूजा की थाली पर सभी सामग्री रखें. थाली पारंपरिक रूप से चांदी या धातु की प्लेट होती है. कोई भी साफ प्लेट इस्तेमाल कर सकती हैं. भाई को आराम से पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठने के लिए आसन दें. उसके माथे पर रोली और चावल का तिलक लगाएं. उसकी दाहिनी कलाई पर राखी बांधें. भाई के सामने दीया घुमाकर आरती करें. भाई के स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें. उपहारों का आदान-प्रदान करें। परंपरागत रूप से भाई बदले में बहनों को उपहार देते हैं.

रक्षा बंधन मंत्र (Raksha Bandhan Mantra)

पूजा संपूर्ण मानी जाती है जब राखी बांधते समय रक्षा बंधन मंत्र का उच्चारण किया जाता है.
यह है – ओम येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबल तेन त्वामभिबधनामि रक्षे मां चला मां चला.

क्या है रक्षा बंधन की पौराणिक कथाएं (Raksha Bandhan Mythological Stories)

भगवान कृष्ण और द्रौपदी की कथा

एक युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण की उंगली में चोट लग गई. द्रौपदी ने उनकी चोट को देखकर तुरंत अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ा और खून बहने से रोकने के लिए उसे उनकी उंगली पर बांध दिया. उनके इस भाव से अभिभूत होकर कृष्ण ने उन्हें जब भी जरूरत होगी, उनकी रक्षा करने का वादा किया. वर्षों बाद जब कौरवों ने द्रौपदी को निर्वस्त्र करने की कोशिश की, तो कृष्ण ने चमत्कारिक रूप से उन्हें अनगिनत गज की साड़ी प्रदान की, जिससे द्रौपदी अपमानित होने से बच गईं. यह कहानी कृष्ण के सुरक्षा के वादे और उनके और द्रौपदी के बीच गहरे बंधन को उजागर करती है.

राजा बलि और देवी लक्ष्मी कथा

राजा बलि एक शक्तिशाली असुर राजा और भगवान विष्णु का भक्त था. श्रीविष्णु ने बलि के राज्य की रक्षा करने का वादा किया था. इसलिए वे बलि के पास चले गए. देवी लक्ष्मी विष्णुजी के साथ रहना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने बलि के महल में शरण लेने के लिए एक गरीब महिला का वेश धारण किया. अपनी उदारता के लिए जाने जाने वाले बलि ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की. बदले में लक्ष्मी ने बहन के रिश्ते के प्रतीक के रूप में उनकी कलाई पर राखी बांधी. उनसे अनुरोध किया कि वे विष्णु को उनके निवास पर वापस जाने दें. भावावेश में बलि ने उनकी इच्छा पूरी की.

इंद्र और इंद्राणी की कथा

एक कथा यह भी है कि असुरों के साथ होने वाले युद्ध में स्वर्ग के राजा इंद्र की सुरक्षा के लिए उनकी पत्नी इंद्राणी उनकी कलाई पर एक पवित्र धागा बांधती हैं.

यम और यमुना कथा

यमुना अपने भाई यम की भलाई के लिए उन्हें राखी बांधती हैं. बदले में यम उन्हें अमरता का वरदान देते हैं. इसके कारण भाई दूज का उत्सव मनाया जाता है.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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