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Shravan 2025 : क्यों महत्वपूर्ण है सावन का अंतिम सोमवार
Shravan 2025 : क्यों महत्वपूर्ण है सावन का अंतिम सोमवार
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, July 21, 2025
Last Updated On: Monday, July 21, 2025
Shravan 2025 : श्रावण माह का अंतिम सोमवार भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है. भगवान शिव को समर्पित एक महीने तक चलने वाले व्रत-अनुष्ठान का समापन इसी दिन हो जाता है. इस वर्ष अंतिम सोमवार 4 अगस्त 2025 को है.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Monday, July 21, 2025
Shravan 2025: सोमवार दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भोले भंडारी शिवजी भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं. शिवजी के माथे पर चंद्रमा अपने अर्ध चंद्र रूप में विराजता है. यह सोमवार का स्वामी है. सोमवार में “सोम” शब्द चंद्रमा का प्रतीक है. इसलिए सोमवार को शिवजी की पूजा करने से भक्तों को आंतरिक शांति मिलती है. बाधाओं पर विजय मिलती है, सकारात्मक कर्म फल प्रदान करते हैं. जानते हैं सावन माह का अंतिम सोमवार (Last Monday) क्यों महत्वपूर्ण है.
कब है अंतिम सोमवार (Shravan 2025 : Last Somvar Date)
श्रावण 2025 का अंतिम सोमवार 4 अगस्त, 2025 को है.
2025 के सावन सोमवार की तिथियां इस प्रकार हैं:
श्रावण सोमवार | तारीख |
---|---|
पहला श्रावण सोमवार | 14 जुलाई, 2025 |
दूसरा श्रावण सोमवार | 21 जुलाई, 2025 |
तीसरा श्रावण सोमवार | 28 जुलाई, 2025 |
चौथा श्रावण सोमवार | 4 अगस्त, 2025 |
शिवजी की कृपा पाने का विशेष अवसर
यह महीना भगवान शिव को समर्पित है. भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए पूरे महीने पूजा और प्रार्थना करते हैं. कई भक्त माह के हर सोमवार या पूरे महीने उपवास रखते हैं और रुद्राभिषेक जैसे अनुष्ठान करते हैं. सावन को आध्यात्मिक विकास और आत्मचिंतन के लिए पावन समय माना जाता है.
भक्ति का चरमोत्कर्ष
श्रावण के हर सोमवार को भक्ति-शक्ति के साथ व्रत-उपवास रखने पर अंतिम सोमवार को भगवान शिव की पूजा और उपवास की गहन अवधि अपने समापन पर आ जाती है.
आध्यात्मिक विकास के लिए गहन पूजा
इस दिन भक्त विशेष पूजा-उपवास करते हैं. अपने और घर-परिवार की समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिक विकास का आशीर्वाद पाने के लिए शिव मंदिरों में जाते हैं. अंतिम सावन सोमवार भक्तों के लिए अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर चिंतन करने और अपने विश्वास को प्रगाढ़ करने का एक अवसर है.
विशेष अनुष्ठान
रुद्राभिषेक और जलाभिषेक जैसे अनुष्ठान बड़ी श्रद्धा के साथ इस दिन संपन्न किए जाते हैं. यह शुद्धिकरण और ईश्वरीय कृपा प्राप्ति का प्रतीक है.
मनोकामना पूर्ति
माना जाता है कि अंतिम सोमवार का व्रत और अनुष्ठान करने से शिवजी के आशीर्वाद से मनोकामना पूरी होती है. घर में सुख-समृद्धि आती है. इस दिन भक्तगण पूरे दिन पंक्षाचर मंत्र- ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहते हैं.
अखंड सौभाग्य
विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति के उत्तम स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना करती हैं और व्रत रखती हैं. वहीँ अविवाहित युवतियां शिवजी समान वर पाने के लिए व्रत-उपवास रखती हैं.
सोलह सोमवार व्रत (16 Somvar Vrat)
सोलह सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अनुष्ठान है, जिसमें लगातार सोलह सोमवार तक उपवास रखा जाता है. शिव पुराण में सोलह सोमवार व्रत का उल्लेख मिलता है. मान्यता है कि भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास में शुरू करने पर यह विशेष रूप से फलदायी होता है. यह व्रत स्त्री-पुरुष दोनों द्वारा रखा जाता है, अविवाहित व्यक्ति उपयुक्त जीवनसाथी की तलाश में और विवाहित व्यक्ति वैवाहिक सुख की कामना करते हैं.
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