क्रिकेट के दिग्गज R Ashwin ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

क्रिकेट के दिग्गज R Ashwin ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Wednesday, December 18, 2024

cricketer ravindra chandra ashwin
cricketer ravindra chandra ashwin

विश्व के सफलतम स्पिनर में से एक भारतीय ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। वे अभी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया में हैं। इस सीरीज के तीसरे टेस्ट की समाप्ति के बाद आज उन्होंने इसकी घोषणा की।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Wednesday, December 18, 2024

महत्वपूर्ण बिन्दु-

  • घरेलू क्रिकेट और आईपीएल खेलना जारी रखेंगे आश्विन।
  • ब्रिस्बेन के गाबा क्रिकेट ग्राउंड में तीसरे टेस्ट के खत्म होने के बाद अपने निर्णय की घोषणा की।
  • 106 अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए हैं, अश्विन ने।

भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर एवं ऑफ स्पिनर आर. अश्विन ने आज (18 दिसंबर) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। ऑफ स्पिनर ने ब्रिस्बेन के गाबा में कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘आज भारतीय क्रिकेटर के रूप में उनका आखिरी दिन था।

क्रिकेट को खूब किया इंजॉय

अश्विन ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट के सभी प्रारूपों में भारतीय क्रिकेटर के रूप में यह मेरा आखिरी दिन होगा। मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर के रूप में मुझमें अभी भी कुछ जोश बचा हुआ है। मैं क्लब स्तर के क्रिकेट में इसे दिखाना चाहूंगा। मैंने क्रिकेट को बहुत इंजॉय किया है। बहुत मजा भी किया। मैंने अपनी टीम एवं अन्य टीमों के साथी खिलाड़ियों के साथ बहुत सारी यादें बनाई हैं।’

ऑस्ट्रेलिया से लौटेंगे वापस

अश्विन अभी ऑस्ट्रेलिया में हैं। वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम के हिस्सा थे। पांच टेस्ट मैचों की इस सीरीज में आज तीसरा टेस्ट खत्म हुआ। अभी दो टेस्ट मैच होना बाकी है। लेकिन इस घोषणा के बाद अश्विन अब टीम के हिस्सा नहीं रहेंगे। इसलिए वे वापस भारत आएंगे। कप्तान रोहित शर्मा ने इसकी पुष्टि की और उन्होंने कहा कि अश्विन श्रृंखला के शेष भाग के लिए टीम के साथ नहीं रहेंगे। वे कल यानी 19 दिसंबर को भारत वापस लौटेंगे।

वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था डेब्यू

अश्विन ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू किया था। इन्होंने अनिल कुंबले के बाद हरभजन सिंह के सामने अपने-आप को भारतीय क्रिकेट में स्थापित किया। वे बहुत जल्द ही भारत की टेस्ट टीम में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में स्थापित कर लिया। गेंदों की विविधताओं, बाउंस और सटीकता से बल्लेबाजों को हमेशा हैरान-परेशान कर देते थे। उनकी इस क्षमता ने उन्हें एक बेहतरीन ऑफ़-स्पिनर बना दिया है। उन्होंने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए हैं। उन्होंने 37 बार 5 या उससे ज्यादा विकेट लिए हैं। वहीं 116 वनडे और 65 टी20 मैचों में अश्विन ने क्रमशः 156 और 72 विकेट लिए हैं। वे रन भी बहु कम लुटाते थे। इस कारण ही अपने प्रभावशाली औसत से वे क्रिकेट के इतिहास में सबसे महान स्पिनरों में से एक के रूप में गिने जाते हैं। अश्विन 2011 में वनडे विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे।

बल्लेबाजी में भी कमाल

अश्विन एक महान गेंदबाज तो थे ही गेंदबाजी के अलावा उन्होंने बल्ले से भी कई बार अच्छे रन बनाए हैं। अच्छी बल्लेबाजी के कारण ही भारतीय बल्लेबाजी के निचले क्रम को मजबूती मिली थी। उनके नाम दर्ज छह टेस्ट शतक इन बातों का प्रमाण है। कई बार चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उन्होंने गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी टीम इंडिया को महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।

आईसीसी से भी सम्मानित

आर. अश्विन को 2016 में ICC क्रिकेटर ऑफ द ईयर और ICC टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर नामित किया गया था। वह 2016 में अपने उल्लेखनीय ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी जीतने वाले केवल तीसरे भारतीय बने।

कई बार आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक रहे

उन्होंने कई बार ICC टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में नंबर एक स्थान हासिल किया है। यह टेस्ट क्रिकेट में उनके प्रभुत्व को दर्शाता है। सबसे पहले 2015 में यह उपलब्धि हासिल करने वाले अश्विन ने लगातार अपने मैच जीतने वाले स्पेल की बदौलत इस स्थान को हासिल किया।

यह बेहद भावुक पल है: अश्विन

अश्विन ने अपने सभी कोचों और साथी खिलाड़ियों को धन्यवाद दिया। साथी खिलाड़ियों में उन्होंने कइयों का नाम लिया। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं बीसीसीआई और अपने बाकी साथियों को धन्यवाद नहीं देता तो मैं अपने कर्तव्य में विफल हो जाऊंगा। रोहित, विराट, अजिंक्य और पुजारा का नाम लेना चाहता हूं जिन्होंने स्लिप में सभी कैच पकड़े और मुझे विकेट लेने में मदद की। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को भी शुक्रिया कहा। अंत में उन्होंने कहा, निश्चित रूप से यह बहुत ही भावुक क्षण है।’

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।

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