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ढह गया किला, टूट गया गुरूर, जानें टीम इंडिया की हार की 3 बड़ी वजह
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Wednesday, November 26, 2025
Last Updated On: Wednesday, November 26, 2025
IND vs SA 2nd Test: भारत को साउथ अफ्रीका ने दूसरे टेस्ट में 408 रनों से रौंद दिया. घरेलू पिच, होम एडवांटेज और मजबूत बल्लेबाजी सब ध्वस्त हो गया. आखिर टीम इंडिया ऐसे क्यों टूटी? क्या स्पिन खेलने में नाकामी, कोच गंभीर की रणनीति और लगातार बदलती प्लेइंग इलेवन ने हार की नींव रख दी? आइए जानते हैं टीम इंडिया की हार की 3 बड़ी वजह.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Wednesday, November 26, 2025
IND vs SA: भारत बनाम साउथ अफ्रीका, दूसरा टेस्ट एक ऐसा मुकाबला जिसे टीम इंडिया याद नहीं रखना चाहेगी. 549 रनों का लक्ष्य सामने था, लेकिन भारतीय बल्लेबाजी 140 पर बिखर गई. नतीजा 408 रनों की शर्मनाक हार और सीरीज 2-0 से हाथ से निकल गई. यह सिर्फ एक हार नहीं, बल्कि एक ऐसा झटका है जिसने भारतीय क्रिकेट की कमजोरियां खुलकर सामने ला दीं. जिस टीम ने सालों तक घरेलू पिचों पर विरोधियों को धूल चटाई, वही टीम आज अपने ही घर में लगातार ध्वस्त हो रही है.
गौतम गंभीर की कोचिंग पर सवाल, स्पिन खेलने में गिरावट, बल्लेबाजी क्रम में प्रयोग और प्लेइंग इलेवन का कंफ्यूजन इन सभी ने मिलकर स्थिति को और खराब कर दिया. न्यूजीलैंड के खिलाफ हार, फिर साउथ अफ्रीका से सीरीज गंवाना, भारतीय क्रिकेट का यह दौर मुश्किलों से भरा नजर आ रहा है. आखिर किन वजहों ने भारत को इस ऐतिहासिक हार तक पहुंचाया? क्या समस्याएं सिर्फ मैदान पर हैं या रणनीति की मेज पर भी बड़ी चूक हुई? चलिए समझते हैं टीम इंडिया की इस करारी हार की तीन सबसे बड़ी वजहें.
स्पिन न खेल पाने की वजह
टीम इंडिया के लिए यह किसी बदकिस्मती से कम नहीं है. कभी भारतीय बल्लेबाजों को दुनिया का सबसे अच्छा स्पिन खेलने वाला माना जाता था. आज वही बल्लेबाज स्पिनरों के आगे लड़खड़ा जाते हैं. यह गिरावट चौंकाने वाली है. भारत की पहचान ही स्पिन खेलना रही है, लेकिन अब विरोधी टीमें भारत से बेहतर स्पिन खेल रही हैं. सेनुरन मुथुसामी और ट्रिस्टन स्टब्स की बल्लेबाजी इसका साफ सबूत है. दोनों ने जिस तरह भारतीय स्पिनरों को सहजता से खेला, उसने भारत की कमजोरी उजागर कर दी.
कोच गौतम गंभीर की रणनीति
भारत की इस सीरीज हार ने बड़ा झटका दिया है. इस हार की सबसे ज्यादा आलोचना कोच गौतम गंभीर की ही हो रही है. घर की ही पिचों पर भारत कमजोर दिखा. न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद अब साउथ अफ्रीका ने भी भारत को घरेलू टेस्ट सीरीज में हरा दिया. गंभीर की कोचिंग में टीम के टेस्ट परफॉर्मेंस ने नीचे की राह पकड़ी है. जीत कम और हार ज्यादा हुई है.
भारत 300 से ज्यादा का स्कोर बनाने में लगातार नाकाम रहा है. यह गिरावट तब दिखी है जब विराट कोहली और रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हुए. दोनों ने दस साल से ज्यादा भारतीय बैटिंग लाइन को संभाला था. उनके जाने का असर साफ दिख रहा है.
पिछले साल भारत को न्यूजीलैंड ने 3-0 से वाइटवॉश किया. फिर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से हराया. इसी दौरान टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने से चूक गई. यह रिकॉर्ड गंभीर की रणनीति पर सवाल उठाता है.
प्लेइंग इलेवन को लेकर कंफ्यूजन
भारतीय टीम एक स्थिर प्लेइंग इलेवन तय ही नहीं कर पा रही है. लगातार दूसरे टेस्ट में टीम कॉम्बिनेशन को लेकर सवाल उठे. खासकर बल्लेबाजों पर. केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल दोनों ओपनिंग में नाकाम रहे. एक टेस्ट स्पेशलिस्ट टॉप ऑर्डर की कमी साफ दिखी. कोच गंभीर ने दोनों टेस्ट में सिर्फ चार स्पेशलिस्ट बल्लेबाज खिलाए, लेकिन एक भी शतक नहीं आया. ध्रुव जुरैल और नीतीश कुमार रेड्डी जैसे खिलाड़ियों का सही उपयोग नहीं किया गया. टीम मैनेजमेंट कॉम्बिनेशन चुनने में लगातार गलतियां कर रहा है, जिसका असर टीम के स्कोरबोर्ड पर दिख रहा है.
नंबर 3 का प्रयोग और अस्थिर बल्लेबाजी क्रम
सबसे बड़ा सवाल नंबर 3 का है. भारत अब तक एक भी भरोसेमंद नंबर 3 नहीं खोज पाया जो चेतेश्वर पुजारा की भूमिका निभा सके. इस पोजीशन पर इतना प्रयोग हो रहा है कि खिलाड़ियों में असुरक्षा बढ़ गई है. पहले टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर भेजा गया और साई सुदर्शन को बाहर रखा गया. दूसरे टेस्ट में अचानक सुंदर को नंबर 8 पर उतारा गया और सुदर्शन को नंबर 3 पर लाया गया. यह लगातार बदलता क्रम टीम की दिक्कतों को और बढ़ा रहा है. बल्लेबाज अपनी भूमिका ही समझ नहीं पा रहे. यही अराजकता अब टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी बन गई है.
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