Champions Trophy 2025: गिल और शमी के आगे बांग्लादेश ने कैसे किया सरेंडर

Champions Trophy 2025: गिल और शमी के आगे बांग्लादेश ने कैसे किया सरेंडर

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Friday, February 21, 2025

Updated On: Friday, February 21, 2025

Champions Trophy 2025: गिल और शमी के आगे बांग्लादेश ने कैसे किया सरेंडर
Champions Trophy 2025: गिल और शमी के आगे बांग्लादेश ने कैसे किया सरेंडर

चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) में भारत की शुरुआत जीत के साथ हुई. टीम इंडिया ने बांग्लादेश को छह विकेट से हराया। भारत की इस पहली जीत में शुभमन गिल के शतक और मोहम्मद शमी के 5 विकेट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारत का अगला मुकाबला पाकिस्तान से 23 फरवरी को इसी मैदान में है.

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Friday, February 21, 2025

हाईलाइट्स

  • भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी में अपने अभियान की शुरुआत जीत से की.
  • बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी कर भारत को 229 रन का लक्ष्य दिया.
  • लंबे समय बाद टीम इंडिया में वापसी करते हुए मोहम्मद शमी ने 5 विकेट लिए.
  • भारत 4 विकेट खोकर लक्ष्य को हासिल कर लिया.

शुभमन गिल की शानदार शतकीय पारी और मोहम्मद शमी के शानदार 5 विकेट की बदौलत भारत ने अपने पहले मैच में बांग्लादेश को हरा दिया। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में 229 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 46.3 ओवर में 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। दुबई की मुश्किल पिच पर, जहां धीमी गेंदों ने बीच के ओवरों में बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं. वहीं शुभमन गिल ने 129 गेंदों पर 101* रन की धैर्यपूर्ण पारी खेलकर भारत अपना लोहा मनवाया. यह गिल का लगातार चौथा 50+ स्कोर था.

गिल का शतक

बांग्लादेश की बल्लेबाजी के बाद कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने भारतीय पारी की शुरुआत की. रोहित शर्मा थोड़ी देर तक टिके जरूर. उन्होंने तेल भी खेल लेकिन बड़ा स्कोर नहीं बना पाए. गिल अंत तक टिके रहे और शतक लगाया. यह शुभमन का अब तक का सबसे धीमा वनडे शतक है. यह गिल के धैर्य और अनुभव को दर्शाता है. क्योंकि रोहित और विराट के जल्दी आउट होने पर पूरी टीम का जिम्मा शुभमन गिल के कंधों पर आ गया. ऊपर से दुबई की पिच धीमा था. ऐसे में बल्लेबाजी करना मुश्किल था लेकिन गिल अंत तक टिके और शतक लगाया.

धीमा पिच

दुबई का पिच बहुत ही धीमा था. 35-45 ओवर के बीच गेंद बल्ले पर नहीं आ रही थी।. इसका सीधा अर्थ है कि शुभमन को बहुत मेहनत करनी पड़ी और खराब गेंदों के आने का इंतज़ार करना पड़ा होगा. उन्हें न केवल गेंदों का इंतज़ार करना पड़ा, बल्कि भारत को लक्ष्य का पीछा करने के लिए कठिन परिस्थितियों में भी तैयार रहना पड़ा. आखिरकार बांग्लादेश के गेंदबाज गिल को आउट नहीं कर सके.
लेकिन वहीं रोहित शर्मा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल के अनुभव यहां काम नहीं आया. शुभमन के साथ केएल राहुल भी नाबाद रहे. गिल ने जहां 119 गेंदों पर 101 रन बनाए वहीं राहुल ने 47 गेंदों पर 41 रन बनाए. राहुल ने लेग साइड में एक बड़ा छक्का लगाकर मैच का अंत किया.

शमी ने शानदार गेंदबाजी

आज मोहम्मद शमी लंबे समय बाद टीम इंडिया के साथ-साथ चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मैच में अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में वापसी की। इनके शानदार ओपनिंग स्पेल ने बांग्लादेश के शीर्ष क्रम को तहस-नहस कर दिया. बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए शमी ने राउंड द विकेट गेंदबाजी की और विपक्षी टीम को कोई मौका नहीं दिया.

इन्होंने मैच के पहले ओवर में बांग्लादेश को झटका दे दिया. शमी ने बहुत अच्छी गति से गेंदबाजी की. अपनी असाधारण लय से उन्होंने बल्लेबाजों को परेशान किया. आज शमी ने शानदार 5 विकेट झटके. शमी की गेंदबाजी से युवा हर्षित राणा को काफी आत्मविश्वास मिला. राणा ने भी अपने पहले ओवर में ही एक विकेट निकाल लिया. शमी और राणा ने पहले 7 ओवर में बांग्लादेश को 26/3 पर ला दिया.

अक्षर का एक ओवर में दो विकेट

इसके बाद बांग्लादेश की मुश्किलें और बढ़ गईं। जब पहले बदलाव के तौर पर अक्षर पटेल गेंदबाजी करने आए. उन्होंने भी अपने पहले ही ओवर में दो विकेट चटकाए. इससे बांग्लादेश का स्कोर 35/5 हो गया. अगर रोहित शर्मा पहली स्लिप में कैच नहीं छोड़ा होता तो अक्षर अपनी हैट्रिक भी पूरी कर लेते.

बांग्लादेश ने वापसी की

एक समय ऐसा लगा कि बांग्लादेश इस मैच में सौ रन से भी कम पर आउट हो जाएगा. लेकिन तभी तौहीद हृदय (100) और जैकर अली (68) क्रीज पर टिक गए. दोनों ने शानदार पारियां खेली. दोनों की शानदार पारियों, रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या के दो महत्वपूर्ण कैच छोड़ने की बदौलत बांग्लादेश ने 228 रन का एक सम्मानजनक स्कोर बनाया.

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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