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बिहार की राजनीति में नया विवाद: सरकारी आवासों को लेकर मचा हंगामा, राबड़ी देवी के बाद अब तेज प्रताप यादव को भी आदेश
Authored By: Nishant Singh
Published On: Wednesday, November 26, 2025
Last Updated On: Wednesday, November 26, 2025
बिहार की राजनीति में एक बार फिर सरकारी आवासों को लेकर बवाल मचा हुआ है. राबड़ी देवी के बाद अब तेज प्रताप यादव को भी सरकारी बंगला खाली करने का आदेश मिला है, जिससे सत्ता और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. आरजेडी इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, जबकि सरकार कह रही है- सब नियमों के तहत हो रहा है. आने वाले दिनों में यह विवाद और गर्म होने वाला है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Wednesday, November 26, 2025
Bihar Politics Controversy: बिहार की राजनीति में सरकारी बंगले सिर्फ ईंट और दीवारें नहीं, बल्कि सत्ता, प्रतिष्ठा और राजनीतिक ताकत का प्रतीक माने जाते हैं. और अब यही बंगले एक बार फिर सुर्खियों के केंद्र में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सरकारी आवास खाली करने के आदेश के बाद अब उनके बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को भी सरकारी आवास छोड़ने का निर्देश मिला है. इस फैसले ने सत्ता और विपक्ष के बीच नए राजनीतिक तूफ़ान को जन्म दे दिया है.
राबड़ी देवी को बदलना होगा 10 सर्कुलर रोड वाला आवास
कई वर्षों से 10 सर्कुलर रोड सरकारी बंगला राबड़ी देवी का पता रहा है. लेकिन हाल में भवन निर्माण विभाग की ओर से जारी आदेश में उन्हें यह आवास खाली करने का निर्देश दिया गया है. विभाग के संयुक्त सचिव शिव रंजन के अनुसार, अब राबड़ी देवी नेता प्रतिपक्ष हैं, इसलिए नियमों के अनुसार उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री कोटे वाला बंगला नहीं मिल सकता. इसी नियम के तहत उन्हें अब हार्डिंग रोड स्थित केंद्रीय पूल आवास में मकान नंबर 39 दिया गया है. यह घर सुरक्षा और वीआईपी सुविधाओं से लैस है और विपक्ष की नेता के दर्जे के अनुरूप है.
तेज प्रताप यादव को मिला आदेश – खाली करो स्ट्रैंड रोड बंगला
राबड़ी देवी के बंगले विवाद के अभी ठंडा होने से पहले ही अब तेज प्रताप यादव का नाम इस सूची में जुड़ गया है. उन्हें आवंटित 26 एम स्ट्रैंड रोड स्थित बंगला वापस ले लिया गया है. सरकार की ओर से जारी आदेश में इस घर को अब नई मंत्रिमंडल में शामिल हुए लखेंद्र कुमार रोशन को देने का निर्णय हुआ है. इससे पहले तेज प्रताप ने अपने मंत्री कार्यकाल में इसी सरकारी आवास को उपयोग में रखा था.
राजनीति में बढ़ी गर्मी: RJD बनाम NDA
तेज प्रताप और राबड़ी देवी पर सरकारी कार्रवाई की खबर सामने आते ही RJD ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” बताया. आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की सरकार बीजेपी के दबाव में काम कर रही है और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. वहीं बीजेपी ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए साफ कहा कि सब कुछ नियमों के अनुसार हो रहा है और किसी को भी सरकारी आवास को निजी संपत्ति समझने की गलती नहीं करनी चाहिए.
बीजेपी का पलटवार: नियम सब पर एक समान
बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि राबड़ी देवी और तेज प्रताप को आवास खाली करने के आदेश नियमों के तहत दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की नजर इस बात पर रहेगी कि कहीं खाली करने की प्रक्रिया में सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचे. नीरज कुमार ने लालू परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि अतीत में सरकारी संपत्तियों की स्थिति ठीक नहीं रही है, इसलिए इस बार सरकार पूरी सख्ती से नियम लागू करेगी.
नई सरकार, नए आवास – किसे मिला क्या
नई सरकार के गठन के बाद मंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को नए सरकारी आवास आवंटित किए गए हैं. हार्डिंग रोड, स्ट्रैंड रोड, सचिवालय क्षेत्र, डाकबंगला और देशरत्न मार्ग जैसे हाई सिक्योरिटी ज़ोन में इन आवंटनों को पूरा किया गया है.
उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी को 5 देशरत्न मार्ग स्थित उच्च श्रेणी का आवास मिला है. वहीं उपमुख्यमंत्री और खनन मंत्री विजय कुमार सिन्हा को तीन स्ट्रैंड रोड वाला बंगला दिया गया है. यह प्रक्रिया सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा जरूरतों और विभागीय प्राथमिकताओं के आधार पर की गई है.
आने वाले दिनों में और तेज़ होगा विवाद
सरकारी आवासों को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब सिर्फ प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन चुका है. विपक्ष इसे सत्ता का दुरुपयोग बता रहा है, जबकि सरकार इसे नियमों का पालन कह रही है. आने वाले दिनों में यह बहस और तेज होने की पूरी संभावना है, क्योंकि बिहार की राजनीति में घर सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि राजनीतिक ताकत और खुद की पहचान का प्रतीक माना जाता है.
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