दिल्ली ही नहीं दूसरे शहरों में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, दिल्ली सरकार ने लिया वर्क फ्रॉम होम का निर्णय

दिल्ली ही नहीं दूसरे शहरों में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, दिल्ली सरकार ने लिया वर्क फ्रॉम होम का निर्णय

Authored By: सतीश झा

Published On: Wednesday, November 20, 2024

delhi govt orders work from home
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देश के कई शहरों में लगातार बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की जिंदगी मुश्किल कर दी है। दिल्ली सहित अन्य प्रमुख शहरों की हवा जहरीली हो चुकी है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। दिल्ली सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का निर्णय लिया है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Environment Minister Gopal Rai) ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का निर्णय लिया है। 50 प्रतिशत कर्मचारी अब घर से काम करेंगे। इस फैसले को लागू करने के लिए आज दोपहर 1 बजे सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक होगी।”

यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। दिल्ली सरकार का यह फैसला प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को कम करने और जनता को राहत पहुंचाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। अब अन्य शहरों की सरकारें भी इस दिशा में क्या कार्रवाई करती हैं, यह देखना होगा।

केंद्रीय पर्यावरणमंत्री भूपेंद्र यादव को लिखी थी चिट्ठी 

गोपाल राय ने इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Central Environment Minister Bhupendra Yadav) को पत्र लिखकर कृत्रिम वर्षा कराने का सुझाव दिया था, जिससे स्मॉग की परत को हटाया जा सके।

इससे पहले गोपाल राय ने मंगलवार को केंद्रीय पर्यावरणमंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिखी थी। राय ने कहा था कि एक्सपर्ट से चर्चा के बाद यह बात सामने आई है कि अब वह समय आ गया है कि यदि हमें इस स्माग की चादर को तोड़ना है तो हमें कृत्रिम वर्षा करवानी पड़ेगी।

कोलकाता और हावड़ा में प्रदूषण का स्तर

kolkata AQI in danger zone

महानगर कोलकाता और उसके पड़ोसी शहर हावड़ा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में खतरनाक वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि स्थिति दिल्ली की तुलना में बेहतर है, लेकिन विशेषज्ञों ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

ताजा आंकड़ों के अनुसार, हावड़ा में प्रदूषण का स्तर कोलकाता से अधिक चिंताजनक है। मंगलवार दोपहर तक दोनों शहरों के औसत एक्यूआई स्तर 222 से 293 के बीच दर्ज किए गए, जो “बैंगनी” श्रेणी में आते हैं। यह श्रेणी “अत्यंत अस्वस्थ” मानी जाती है और सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है।

सात मॉनिटरिंग स्टेशनों में से दो स्टेशनों पर एक्यूआई स्तर 223-227 (“बैंगनी” श्रेणी) और पांच स्टेशनों पर 176-195 (“लाल” श्रेणी) दर्ज हुआ। हावड़ा, यहां अधिकांश जगहों पर एक्यूआई स्तर “बैंगनी” श्रेणी में है, जो कोलकाता की तुलना में अधिक गंभीर है।

इसके अलावा, कुछ स्थानों पर एक्यूआई स्तर 137 (“नारंगी” श्रेणी) दर्ज किया गया, जो संवेदनशील समूहों के लिए स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।

विशेषज्ञों और स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदूषण से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।

खास तौर पर जोखिम में: बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, पहले से बीमार लोग और प्रदूषण के संपर्क में रहने वाले कामगार।

मंत्रालय ने स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और संवेदनशील समूहों में जागरूकता बढ़ाने की सिफारिश की है। प्रदूषण के इस बढ़ते संकट को देखते हुए विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग खासकर सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचें, मास्क का इस्तेमाल करें और घरों के अंदर वायु गुणवत्ता बनाए रखने के उपाय करें।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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