दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी को ही क्यों चुना गया?

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी को ही क्यों चुना गया?

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, September 17, 2024

AAp new cm of delhi Atishi

आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना है। सवाल उठता है कि आखिर आतिशी को ही इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए क्यों चुना गया? इसके पीछे कई कारण हैं जो उन्हें इस भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बनाते हैं।

बिहार में जीतन राम मांझी और झारखंड में चंपई सोरेन के अनुभव को देखते हुए आम आदमी पार्टी किसी ऐसे चेहरे को ही कमान सौंपना चाहती होगी जो बाद में बगावत न करे और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सत्ता को चुनौती ना दे। जिस तरह से अतिशी मारलेना (Atishi) की अरविंद केजरीवाल से वैचारिक साम्यता रही है, उसे देखते हुए पार्टी नेता मानते हैं कि वे केजरीवाल की एक मजबूत साथी साबित हो सकती हैं। उनके नेतृत्व में कभी पार्टी खंडित नहीं होगी, पार्टी को इस बात का भी भरोसा है।

गोपाल राय से एलान क्यों?

आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ी ही चतुराई से आतिशी के नाम की घोषणा भी गोपाल राय (Gopal Rai) से करवाई जो इस पूरे मंत्रीमंडल में ना केवल सबसे ज्यादा वरिष्ठ हैं, बल्कि सबसे ज्यादा अनुभवी भी हैं। वे आंदोलन के दिनों से अरविंद केजरीवाल के साथ ही रहे हैं। उनकी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा को भी अरविंद केजरीवाल अच्छी तरीके से पहचानते हैं। संभवत है यही करण है कि उनके सम्मान को देखते हुए अरविंद केजरीवाल ने अतिशी के नाम की घोषणा करवाई।

कौन हैं आतिशी

आम आदमी पार्टी में आतिशी ने तेजी से अपनी पहचान बनाई है। आम आदमी पार्टी अपने आठ साल के कार्यकाल में जिन उपलब्धियों को सबसे ज्यादा बार गिनाती रही है उनमें शिक्षा का क्षेत्र सबसे ऊपर है और इसका बहुत बड़ा श्रेय आतिशी को जाता है। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी का मेनिफेस्टो तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें प्रवक्ता बनाया गया था।

शिक्षा में सुधार की प्रमुख भूमिका

आतिशी (Atishi) को दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में किए गए सुधारों का चेहरा माना जाता है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में किए गए बदलावों और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उनकी नीतियों ने बड़ा योगदान दिया है। उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण दिल्ली का शिक्षा मॉडल पूरे देश में सराहा गया है।

अरविंद केजरीवाल का भरोसा

आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय खुद अरविंद केजरीवाल का था, जिन्होंने उन पर हमेशा भरोसा जताया। आतिशी ने न केवल एक विधायक के रूप में बल्कि एक मंत्री के तौर पर भी अपनी काबिलियत साबित की है। केजरीवाल ने उनके काम और ईमानदारी पर विश्वास जताते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।

पार्टी में नेतृत्व क्षमता

आतिशी पार्टी के अंदर एक मजबूत नेता के रूप में उभरी हैं। उन्होंने जनता के मुद्दों पर लगातार आवाज उठाई है और लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। उनके पास संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता है, जो उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक सशक्त उम्मीदवार बनाता है।

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साधारण पृष्ठभूमि से आकर बड़ी उपलब्धि

आतिशी का सफर एक साधारण परिवार से शुरू हुआ और आज उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है। यह दिखाता है कि वह अपनी मेहनत और पार्टी की नीतियों पर चलते हुए इस मुकाम तक पहुंची हैं। अगर वह किसी अन्य पार्टी में होतीं, तो शायद उन्हें यह अवसर नहीं मिलता।

दिल्ली की जनता का समर्थन

आतिशी को जनता के बीच एक ईमानदार और कर्मठ नेता के रूप में देखा जाता है। उनकी नीतियां और कार्यशैली आम जनता से जुड़ी हुई हैं, और यही कारण है कि उन्हें जनता का समर्थन भी प्राप्त है।

इन सभी कारणों की वजह से आतिशी को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस नई जिम्मेदारी को कैसे निभाती हैं और दिल्ली को किस दिशा में आगे ले जाती हैं।

About the Author: सतीश झा
समसामायिक मुद्दों पर बीते दो दशक से लेखन। समाज को लोकदृष्टि से देखते हुए उसे शब्द रूप में सभी के सामने लाने की कोशिश।

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