Pollution in Delhi NCR : दिल्ली में ग्रेप 2 लागू, क्या होता है ग्रेप 2
Pollution in Delhi NCR : दिल्ली में ग्रेप 2 लागू, क्या होता है ग्रेप 2
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, October 22, 2024
Updated On: Sunday, April 27, 2025
दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-2) का दूसरा चरण मंगलवार से लागू कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सुबह 8 बजे से कई पाबंदियां लगाई हैं। ग्रेप 2 प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए उठाए जाने वाले सख्त कदमों का एक हिस्सा है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Sunday, April 27, 2025
दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर 300 से ऊपर पहुंचने के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने अलर्ट जारी किया, जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने आपात बैठक कर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण को लागू कर दिया है।
ग्रेप 2 के तहत उठाए जाने वाले मुख्य कदम
डीजल जनरेटर पर रोक: अब दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे औद्योगिक और घरेलू प्रदूषण को कम किया जा सके।
वायु गुणवत्ता पर निगरानी: दिल्ली का औसत एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) सोमवार को 310 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इसी कारण GRAP-2 के तहत सख्त कदम उठाए गए हैं।
पानी का छिड़काव: सड़कों और निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा ताकि धूल के कण हवा में न फैल सकें।
सड़क की सफाई: सड़कों की सफाई में तेजी लाई जाएगी और कचरे को जलाने पर रोक लगाई जाएगी।
वाहनों की निगरानी: ट्रैफिक की सुचारुता के लिए वाहनों पर नियंत्रण बढ़ाया जाएगा और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नियमित निर्माण पर रोक: निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर सख्त निगरानी होगी, ताकि धूल प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
ग्रेप 2 लागू होने का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को नियंत्रित करना और लोगों के स्वास्थ्य को बचाना है।
अन्य कदम: इसके अलावा, निर्माण कार्यों और ट्रैफिक को लेकर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी, ताकि धूल और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, शहर के 36 निगरानी स्टेशनों में से 26 स्टेशन रेड जोन में आ गए हैं, जहां एक्यूआई “बहुत खराब” श्रेणी में है।
इन निगरानी स्टेशनों में शामिल स्थान
- आनंद विहार
- बवाना
- द्वारका
- जहांगीरपुरी
- मुंडका
- नरेला
- पटपड़गंज
- रोहिणी
- शादीपुर
- सोनिया विहार
- वजीरपुर
- अलीपुर
- अशोक विहार
- आया नगर
- बुराड़ी
- मंदिर मार्ग
इन क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब होने से नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन लोगों को जो पहले से ही सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं।
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