हेमंत की सहानुभूति लहर में एनडीए हुआ पस्त, आदिवासियों ने फिर जताया भरोसा हेमंत सरकार पर

हेमंत की सहानुभूति लहर में एनडीए हुआ पस्त, आदिवासियों ने फिर जताया भरोसा हेमंत सरकार पर

hemant soren won assembly result
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हेमंत सरकार की नीतियों, विशेष रूप से आदिवासी हितों को लेकर उठाए गए कदम, जैसे वनाधिकार कानून, शिक्षा सुधार और रोजगार सृजन, ने उन्हें जनता का प्रिय बना दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी योजनाओं का प्रभाव साफ तौर पर मतदाताओं के रुझान में दिखाई दिया।

झारखंड की राजनीति में हेमंत सरकार का दोबारा सत्ता में आने राजनीतिक पंडितों के लिए भी अचरज की बात है। तमाम एग्जिट पोल में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की अगुवाई वाले महागठबंधन को पीछे बताया जा रहा है। रांची से लेकर दिल्ली तक एनडीएम खेमे में भाजपा के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चर्चा हो रही थी, लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव के परिणाम आने लगे तमाम कयास को दरकिनार करते हुए यह बात सामने आई कि झारखंड में बरकरार है हेमंत सरकार।

झारखंड के बदलते सियासी समीकरणों में यह चुनावी परिणाम न केवल हेमंत सरकार के लिए उत्साहवर्धक है, बल्कि आने वाले चुनावों के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार करता है।

एनडीए के लिए बड़ा झटका

एनडीए, विशेष रूप से भाजपा, ने चुनावी मुद्दों को लेकर आक्रामक रुख अपनाया था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। जनता ने उनकी नीतियों को नकारते हुए हेमंत सोरेन को प्राथमिकता दी। यह हार विपक्ष के लिए झारखंड की राजनीति में पुनर्विचार की आवश्यकता को दर्शाती है।

हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया

चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “यह जीत झारखंड के लोगों की है। हमने हमेशा उनकी भलाई के लिए काम किया है, और यह समर्थन हमें और बेहतर काम करने की प्रेरणा देता है।”

झारखंड की राजनीति में संदेश

इस चुनाव ने यह स्पष्ट कर दिया कि झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन की पकड़ मजबूत है। उनकी सहानुभूति लहर ने जनता का दिल जीत लिया और एनडीए को साफ संकेत दे दिया कि आदिवासी मतदाता अब भी झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के साथ खड़े हैं।

दोपहर एक बजे के आंकड़ों के अनुसार, आधिकारिक चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, JMM के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने राज्य में 81 में से 50 सीटों पर बढ़त हासिल कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है (JMM 30, कांग्रेस 14, राजद 4, CPI(ML)(L)2), भाजपा के नेतृत्व वाला NDA 29 सीटों पर आगे है (भाजपा 27, AJSUP 1, LJPRV 1)

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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