Shahrukh conspiracy : दो-दो शाहरुख ने की 4 लोगों की जिंदगी बर्बाद, युवती जिंदा तो किसकी मौत पर परिवार ने बहाए आंसू; किसका किया अंतिम संस्कार

Shahrukh conspiracy : दो-दो शाहरुख ने की 4 लोगों की जिंदगी बर्बाद, युवती जिंदा तो किसकी मौत पर परिवार ने बहाए आंसू; किसका किया अंतिम संस्कार

Authored By: JP Yadav

Published On: Saturday, March 22, 2025

Updated On: Saturday, March 22, 2025

Shahrukh conspiracy : दो-दो शाहरुख ने की 4 लोगों की जिंदगी बर्बाद, युवती जिंदा तो किसकी मौत पर परिवार ने बहाए आंसू; किसका किया अंतिम संस्कार

Shahrukh conspiracy : एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि सभी आरोपी जेल में हैं. हमने थांदला पुलिस को सूचित कर दिया है कि युवती वापस आ गई है. थांदला पुलिस टीम मामले की आगे की जांच करेगी.

Authored By: JP Yadav

Updated On: Saturday, March 22, 2025

Shahrukh Conspiracy : मध्य प्रदेश के मंदसौर से एक हैरान और परेशान कर देने वाला मामला सामने आया है. दो-दो शाहरुख की वजह से एक परिवार तबाह हो गया और 4 लोग जेल चल गए. वहीं, एक डेढ़ साल के दौरान युवती कई बार बेची गई. दरअसल मध्य प्रदेश के मंदसौर में जिस युवती की हत्या के आरोप में चार लोग जेल में बंद थे वह मंदसौर में डेढ़ साल बाद वापस घर लौट आई. मध्य प्रदेश के मंदसौर के नावली गांव की रहने वाली ललिता बाई की हत्या के आरोप में चार लोग जेल में बंद थे. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने हत्या के आरोप में उन्हें जेल भेजा था.

एक शाहरुख ने दूसरे शाहरुख को बेचा

वहीं, 18 महीने बाद वो मृत मानी जाने वाली युवती घर लौट आई. इस घटना के बाद पुलिस और परिवार दोनों ही हैरान है. ललिता बाई ने पुलिस को बताया कि वह शाहरुख नाम के एक व्यक्ति के साथ भाग गई थी जिसने उसे पांच लाख रुपये में बेच दिया था. युवती के वापस आने से पुलिस की जांच पड़ताल पर भी सवाल उठने लगे हैं. ललिता ने कहा कि वह शाहरुख के साथ भानपुरा गई थी. उसने मुझे करीब पांच लाख रुपये में दूसरे शाहरुख को बेच दिया. मैं डेढ़ साल तक कोटा में दूसरे शाहरुख के साथ रही. जैसे ही मुझे मौका मिला, मैं वहां से भाग गई.

किसकी हुई हत्या, जांच करेगी पुलिस

इस पूरे मामले में एसपी मंदसौर अभिषेक आनंद ने कहा कि ललिता नाम की युवती 11 मार्च को थाने में आई थी. परिवार की तरफ से ललिता के रूप में शव की पहचान किए जाने के बाद झाबुआ जिले के थांदला थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था. अब थांदला पुलिस को चार लोगों के जेल में बंद होने की समस्या का समाधान करना है, क्योंकि हत्या हुई ही नहीं.

परिवार ने पहचान करने के बाद किया था अंतिम संस्कार

पुलिस के मुताबिक परिवार ने शव को ललिता का बताया था. उसके पिता रमेश नानूराम बांछड़ा ने कहा- थांदला पुलिस थाने ने हमें एक वीडियो भेजा, हमें लगा कि जो शव मिला है, वो मेरी बेटी ललिता का है. उसके हाथ पर उसका नाम गुदवाया हुआ है और पैर पर काली डोरी बंधी हुई है. शव पर भी यही लिखा था. हमने शव को ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया और रस्में भी पूरी कर लीं. यह भी हैरत की बात है कि अगर पुलिस को शक था तो डीएनए टेस्ट क्यों नहीं करवाया गया.

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जेपी यादव डेढ़ दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह प्रिंट और डिजिटल मीडिया, दोनों में समान रूप से पकड़ रखते हैं। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, लाइव टाइम्स, ज़ी न्यूज और भारत 24 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। कई बाल कहानियां भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. मनोरंजन, साहित्य और राजनीति से संबंधित मुद्दों पर कलम अधिक चलती है। टीवी और थिएटर के प्रति गहरी रुचि रखते हुए जेपी यादव ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक 'गागर में सागर' और 'जज्बा' में सहायक लेखक के तौर पर योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'चिराग' में अभिनय भी किया है।
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