Lifestyle News
West Bengal News: रिंगर्स लैक्टेट सलाइन के इस्तेमाल से मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में प्रसूता की मौत, 14 दवाओं की सप्लाई पर लगी रोक
West Bengal News: रिंगर्स लैक्टेट सलाइन के इस्तेमाल से मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में प्रसूता की मौत, 14 दवाओं की सप्लाई पर लगी रोक
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, January 15, 2025
Updated On: Wednesday, January 15, 2025
पश्चिम बंगाल में राज्य की सरकारी एजेंसी पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल्स द्वारा सप्लाई की गई रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन के कारण एक प्रसूता की मौत हो गई. इसके बाद पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल्स की 14 दवाओं पर रोक लगा दी गई। इससे पहले कर्नाटक में भी कुछ दवाओं पर रोक लगी (Prohibited Drugs) थी.
Authored By: स्मिता
Updated On: Wednesday, January 15, 2025
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य की सरकारी एजेंसी पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल्स द्वारा सप्लाई की जा रही 14 दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह फैसला मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक प्रसूता की मौत के बाद लिया गया है. प्रसूता को कथित रूप से इस एजेंसी द्वारा रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन (Ringers Lactate Saline) आपूर्ति की गई थी। इसके इस्तेमाल के बाद गंभीर जटिलताएं सामने आई थीं. मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में सलाइन कांड में मृत प्रसूता मामनी रूईदास की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है. इस रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण ‘मल्टी ऑर्गन फेल्योर’ यानी अंगों का काम करना बंद कर देना और ‘सेप्टिक शॉक’ यानी संक्रमण जनित गंभीर बीमारी (Prohibited Drugs) बताया गया है.
रिंगर्स लैक्टेट सलाइन के कारण मौत (Ringers Lactate Saline)
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मामनी समेत पांच प्रसूतियों ने एक ही दिन सर्जरी के जरिए संतान को जन्म दिया था. इन सभी को रिंगर्स लैक्टेट सलाइन (Ringers Lactate Saline) दी गई थी, जिसके बाद वे गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं. शुक्रवार सुबह मामनी की मौत हो गई, जिससे अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश भी जारी किया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अब ये 14 दवाएं राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में इस्तेमाल नहीं की जा सकेंगी. जिन अस्पतालों में ये दवाएं पहले से मौजूद हैं, उन्हें तत्काल हटाने का निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार, इन 14 दवाओं में से पहली सात दवाओं की आपूर्ति अब दूसरी फार्मास्युटिकल कंपनियां करेंगी, जबकि शेष सात दवाओं को अस्पतालों को बाजार से खरीदना होगा. इसके लिए जरूरी फंड सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा.
इस प्रकार हैं 14 प्रतिबंधित दवाएं (14 Prohibited Drugs)
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में प्रसूता की मौत के बाद प्रतिबंधित की गई दवाओं में रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन, डेक्सट्रोज सॉल्यूशन, लिवोफ्लॉक्सासिन इन्फ्यूजन, पेरासिटामोल इन्फ्यूजन, सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन, मैनिटोल इन्फ्यूजन, ऑफ्लॉक्सासिन इन्फ्यूजन, पेडियाट्रिक मेंटेनेंस इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन, रिंगर सॉल्यूशन, सोडियम क्लोराइड इरिगेशन सॉल्यूशन, सोडियम क्लोराइड 0.9% +डेक्सट्रोज 5% इंजेक्शन, सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन 0.45% के साथ डेक्सट्रोज 5%, सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन IP 0.9% नॉर्मल और डेक्सट्रोज इंजेक्शन 10% एमओएसएम/लीटर 650 मिली हाइपरटोनिक शामिल हैं।
कर्नाटक सरकार ने भी की कार्रवाई (Medicines prohibited in Karnataka)
हाल ही में कर्नाटक सरकार ने भी पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल्स द्वारा सप्लाई की जा रही कुछ दवाओं पर रोक लगाई थी. कर्नाटक में पांच गर्भवती महिलाओं की मौत के बाद इस फार्मा कंपनी की दवाओं पर सवाल खड़े हुए थे. वहां की जांच में इस कंपनी की कुछ दवाओं की गुणवत्ता पर संदेह जताया गया था, जिसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने भी सतर्कता बरतते हुए यह बड़ा फैसला लिया है. स्वास्थ्य विभाग के इस फैसले को सरकार की ओर से मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया एक एहतियाती कदम माना जा रहा है. फिलहाल, राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इन दवाओं की जगह नई दवाएं मंगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
भारत में कितनी दवाओं पर है बैन (Drugs Prohibited for Import)
दिसंबर 2023 तक भारत में कुल 14 FDC पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इनमें शामिल हैं: निमेसुलाइड + पैरासिटामोल डिस्पर्सिबल टैबलेट. एमोक्सिसिलिन + ब्रोमहेक्सिन. कुछ दवाओं के आयात पर भी प्रतिबंध है. नियालामाइड, प्रैक्टोलोल, एमिडोपाइरीन, फेनासेटिन, मेथापाइरीलीन और इसके साल्ट्स, मेथाक्वालोन, एक दवा के रूप में क्लोरल हाइड्रेट, महिला नसबंदी या गर्भनिरोधक के लिए उपयोग के लिए किसी भी खुराक के रूप में मेपेक्राइन हाइड्रोक्लोराइड (क्विनाक्राइन और इसके साल्ट) आदि दवाओं के आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध है.
(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें :- Biomagnetic Energy Therapy: एंग्जायटी, माइग्रेन और मोटापा को खत्म कर सकती है थेरेपी