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Union Budget 2025 : सस्ते हो सकते हैं स्मार्टफोन और टीवी
Union Budget 2025 : सस्ते हो सकते हैं स्मार्टफोन और टीवी
Authored By: संतोष आनंद
Published On: Saturday, February 1, 2025
Updated On: Saturday, February 1, 2025
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयातित गैजेट्स की कीमत कम करने के लिए बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) में कटौती की घोषणा की है। अब मोबाइल फोन, चार्जर और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) पर कस्टम ड्यूटी 20% से घटाकर 15% कर दी गई है।
Authored By: संतोष आनंद
Updated On: Saturday, February 1, 2025
केंद्रीय बजट 2025-26 में सरकार ने स्मार्टफोन और टेलीविजन को सस्ता बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयातित गैजेट्स की कीमत कम करने के लिए बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) में कटौती की घोषणा की है। अब मोबाइल फोन, चार्जर और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) पर कस्टम ड्यूटी 20% से घटाकर 15% कर दी गई है। इससे आयातित स्मार्टफोन्स और एक्सेसरीज की कीमतों में गिरावट आ सकती है। खासकर बाहर से आने वाले आईफोन मॉडल्स भी सस्ते हो जाएंगे। सरकार ने 2018 में इस ड्यूटी को 15% से बढ़ाकर 20% किया था ताकि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिल सके। अब इस कटौती को यूजर के लिए स्मार्टफोन को अधिक किफायती बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
क्या स्मार्टफोन और टीवी की कीमत सच में कम होंगी?
विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से स्मार्टफोन के दाम बहुत ज्यादा कम होने की उम्मीद नहीं है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक के अनुसार, कीमतों में केवल 1-2% की मामूली गिरावट हो सकती है। खासतौर पर सस्ते स्मार्टफोन, जो पहले से ही कम मुनाफे पर बिकते हैं, उनकी कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हो सकता।
बता दें कि सरकार केवल टैक्स कटौती तक सीमित नहीं है, बल्कि उसने इस सेक्टर में काम करने वाले श्रमिकों की ट्रेनिंग और कौशल विकास के लिए भी योजनाएं बनाई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कुशल श्रमिकों की जरूरत होगी और सरकार इसी दिशा में काम कर रही है।
इससे पहले 2023 में सरकार ने स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल होने वाले कैमरा लेंस पर भी कस्टम ड्यूटी खत्म कर दी थी, जिससे स्मार्टफोन कंपनियों को उत्पादन लागत कम करने में मदद मिली थी।
क्या उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा ?
हालांकि आयातित उपकरणों और कंपोनेंट्स की लागत कम होगी, लेकिन यह पूरी तरह से कंपनियों पर निर्भर करेगा कि वे यह लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएंगी या नहीं। कुछ कंपनियां बढ़ती उत्पादन लागत को संतुलित करने के लिए इस बचत को अपने पास भी रख सकती हैं। हालांकि इस फैसले से भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा जरूर मिलेगा और लंबे समय में इसका फायदा उपभोक्ताओं को भी मिल सकता है।