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Union Budget 2025 : अब इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना हो जाएगा किफायती
Union Budget 2025 : अब इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना हो जाएगा किफायती
Authored By: संतोष आनंद
Published On: Saturday, February 1, 2025
Updated On: Saturday, February 1, 2025
केंद्रीय बजट 2025-26 में लिथियम बैटरियों और संबंधित क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कर छूटों की घोषणा से सरकार का उद्देश्य स्थानीय विनिर्माण को बढ़ाना, आयात पर निर्भरता कम करना और इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स को अधिक किफायती बनाना है।
Authored By: संतोष आनंद
Updated On: Saturday, February 1, 2025
मोदी सरकार 3.0 के पहले पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric vehicles) की बैटरी बनाने के लिए जरूरी खनिजों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) हटाने का प्रस्ताव दिया है। इस फैसले से इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सस्ते होंगे और 2030 तक कुल वाहन बिक्री का 30% ईवी बनाने के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
ईवी की कीमत क्यों घटेगी?
सरकार ने बैटरी बनाने में उपयोग होने वाले कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप, लेड, जिंक और 12 अन्य जरूरी खनिजों पर टैक्स खत्म कर दिया है। इसके अलावा, बैटरी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनों और उपकरणों पर भी आयात शुल्क कम किया गया है। इससे ईवी बैटरियों की लागत घटेगी और इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे। इस कदम से भारत में बैटरी निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश को विदेशों पर कम निर्भर रहना पड़ेगा और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। इससे भारत के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों को भी मजबूती मिलेगी।
घरेलू उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
केंद्रीय बजट 2025-26 में लिथियम बैटरियों और संबंधित क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कर छूटों की घोषणा से सरकार का उद्देश्य स्थानीय विनिर्माण को बढ़ाना, आयात पर निर्भरता कम करना और इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स को अधिक किफायती बनाना है।
- सरकार ने कोबाल्ट, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप, लेड, जिंक और 12 अन्य खनिजों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर दिया गया है। ये सामग्री बैटरियों, सेमीकंडक्टर्स आदि निर्माण के लिए आवश्यक हैं।
- इस कदम से ईवी, स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे उद्योगों की उत्पादन लागत में कमी आएगी।
- इसके अलावा, ईवी बैटरी उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले 35 अतिरिक्त आइटम और मोबाइल फोन बैटरी निर्माण में उपयोग होने वाले 28 वस्तुओं को भी कर-मुक्त किया गया है। इससे कंपनियां बिना अतिरिक्त कर चुकाए बैटरी निर्माण के लिए आवश्यक मशीनें और उपकरण आयात कर सकेंगी।
- सरकार का उद्देश्य स्थानीय बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देना, आयात पर निर्भरता को कम करना और टाटा, ओला इलेक्ट्रिक, रिलायंस जैसी कंपनियों को भारत में अपने ऑपरेशन का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस फैसले से क्या होगा?
- ईवी की बैटरियां सस्ती होंगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत कम होगी।
- घरेलू विनिर्माण बढ़ेगा, जिससे भारत को चीन और अन्य देशों पर कम निर्भर रहना पड़ेगा।
- स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत के रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।