YouTube ने रिवाइज की मोनेटाइजेशन पॉलिसी, जानें किसी मिलेगा फायदा और किसी नुकसान

YouTube ने रिवाइज की मोनेटाइजेशन पॉलिसी, जानें किसी मिलेगा फायदा और किसी नुकसान

Authored By: संतोष आनंद

Published On: Friday, July 4, 2025

Updated On: Friday, July 4, 2025

YouTube to Revise Monetisation Policy

YouTube का यह कदम उन असली क्रिएटर्स के लिए राहत भरा है, जो मेहनत और क्रिएटिविटी से वीडियो बनाते हैं। साथ ही, यह फेक, लो-एफर्ट और बार-बार दोहराए गए कंटेंट के जरिए पैसा कमाने वाले लोगों के लिए चेतावनी है।

Authored By: संतोष आनंद

Updated On: Friday, July 4, 2025

YouTube अब अपनी मोनेटाइजेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह mass-produced और repetitive content यानी थोक में और बार-बार दोहराए गए वीडियो पर नजर सख्त कर रही है। यह नई नीति 15 जुलाई, 2025 से लागू हो जाएगी और इसका सीधा असर उन क्रिएटर्स पर पड़ेगा जो कम मेहनत वाले या एक जैसे टेम्प्लेट से बार-बार वीडियो बनाकर व्यूज और पैसे कमा रहे हैं।

YouTube Partner Program में बड़ा बदलाव

YouTube Partner Program (YPP) पहले से ही यह शर्त रखता था कि कंटेंट ओरिजिनल और ऑथेंटिक होना चाहिए, लेकिन अब कंपनी इसे और सख्ती से लागू करने जा रही है। अपडेटेड पॉलिसी का मकसद यह पहचानना है कि आज के समय में नकली, दोहराव वाले या व्यूज बटोरने के लिए बनाए गए वीडियो किस तरह दिखते हैं। इसमें एआई जनरेटेड वॉयस या रिएक्शन वीडियो भी आ सकते हैं जो दूसरों के वीडियो पर आधारित होते हैं।

YouTube की दो शर्तें

कॉपी किया गया कंटेंट नहीं चलेगा: यदि कोई क्रिएटर किसी और का कंटेंट इस्तेमाल करता है, तो उसे इतने बड़े स्तर पर बदलना होगा कि वह पूरी तरह नया लगे। साधारण री-एडिट या वॉयसओवर डालने से काम नहीं चलेगा।

रिपिटेटिव या लो-एफर्ट वीडियो पर रोक: ऐसे वीडियो जो केवल व्यूज कमाने के लिए बनाए जाते हैं, जैसे- एक जैसे थंबनेल, टाइटल, स्क्रिप्ट या कम मेहनत से बने क्लिप्स अब मोनेटाइज नहीं हो पाएंगे। YouTube का कहना है कि कंटेंट का उद्देश्य या तो मनोरंजन होना चाहिए या लोगों की शिक्षित करना, सिर्फ व्यूज बटोरना नहीं।

AI वीडियो और Clickbait पर भी नजर

हालांकि YouTube ने AI जनरेटेड वीडियो को सीधे तौर पर नहीं बैन किया है, लेकिन यह साफ संकेत दे रहा है कि AI की मदद से बनाए गए बिना असली क्रिएटिव इनपुट वाले कंटेंट को अब छूट नहीं मिलेगी। खासकर वे वीडियो जिनमें AI वॉयस से किसी और के वीडियो पर रिएक्शन दिया गया है, वे खतरे में हैं।

कमाई के लिए पहले से तय शर्तें भी बरकरार

YouTube पर कमाई के लिए क्रिएटर को पहले की तरह कुछ न्यूनतम पात्रता शर्तें पूरी करनी होंगी:

  • कम से कम 1,000 सब्सक्राइबर
  • या फिर पिछले 12 महीनों में 4,000 घंटे का वैध पब्लिक वॉच टाइम
  • या फिर पिछले 90 दिनों में 10 मिलियन पब्लिक Shorts व्यूज

क्या होगा पॉलिसी के उल्लंघन पर?

YouTube ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि जो क्रिएटर्स इस पॉलिसी का उल्लंघन करेंगे, उन्हें क्या सजा मिलेगी। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि ऐसे चैनलों की मोनेटाइजेशन खत्म करना, कमाई रोकने या चैनल हटाने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

YouTube का यह कदम उन असली क्रिएटर्स के लिए राहत भरा है, जो मेहनत और क्रिएटिविटी से वीडियो बनाते हैं। साथ ही, यह फेक, लो-एफर्ट और बार-बार दोहराए गए कंटेंट के जरिए पैसा कमाने वाले लोगों के लिए चेतावनी है। अगर आप YouTube पर क्रिएटर हैं, तो 15 जुलाई से पहले अपने कंटेंट को री-व्यू करना बेहतर होगा।

तकनीकी क्षेत्र में 15 वर्षों के अनुभव के साथ, संतोष आनंद कंप्यूटर, नेटवर्किंग, और सॉफ्टवेयर जैसे विषयों में विशेषज्ञता रखते हैं। नवीनतम तकनीकी प्रगतियों से हमेशा अपडेट रहते हुए, उन्होंने अपनी लेखनी से हजारों पाठकों के लिए तकनीकी समस्याओं के प्रभावी समाधान प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, मोबाइल फोन, और बॉलीवुड एवं एंटरटेनमेंट जैसे विविध विषयों पर भी लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी तकनीकी विषयों को सरल और व्यावहारिक भाषा में प्रस्तुत करती है, जो पाठकों को आसानी से समझने और उनके उपयोग में मदद करती है।
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