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H-1B Visas, L1 Visas: ट्रंप की वापसी से लाखों भारतीयों का टूट रहा ‘अमेरिकी’ बनने का सपना, जानिए क्यों?
H-1B Visas, L1 Visas: ट्रंप की वापसी से लाखों भारतीयों का टूट रहा ‘अमेरिकी’ बनने का सपना, जानिए क्यों?
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Thursday, January 23, 2025
Updated On: Thursday, January 23, 2025
अमेरिका में वर्क वीजा पर रहने वाले लाखों आप्रवासियों का जीवन खतरे में है. क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता के अधिकार को खत्म कर दिया है. इससे वैध रूप से वहां रह रहे अप्रवासियों के बच्चों को अमेरिका छोड़ना पड़ेगा.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Thursday, January 23, 2025
H-1B Visas और L1 Visas जैसे वर्क वीजा पर अमेरिका में हजारों भारतीय रह रहे हैं. इनमें बहुत सारे 10-20 सालों से यहां रह रहे हैं. अब उनके परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव आने वाला है. क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता को रद्द करने के आदेश दिए हैं. इसका असर वर्क वीजा पर रहने वाले और ग्रीन कार्ड की कतार में लगे भारतीयों के बच्चों पर पड़ने वाला है. इन्हें या तो स्व-निर्वासन करना होगा या वीजा लेना होगा.
नागरिकता के लिए ग्रीन कार्ड जरूरी
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा पारित कार्यकारी आदेश के मुताबिक अमेरिका में एच-1बी और L1 जैसे कार्य वीजा पर रहने वाले लोगों के यहां जन्में बच्चे तब तक अमेरिकी नागरिक के रूप में पैदा नहीं होंगे, जब तक कि उनके माता-पिता में से कोई एक ग्रीन कार्ड धारक या अमेरिकी नागरिक न हो। यानी बच्चों की नागरिकता के लिए माता-पिता में से एक का ग्रीन कार्ड धारक होना जरूरी है. या फिर दोनों से कोई एक अमेरिकी नागरिक हो.
लाखों भारतीयों की बढ़ी धड़कने
इस आदेश के बाद लाखों भारतीय परेशान हो रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में ऐसे दस लाख से अधिक भारतीय ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किये हुए हैं. लंबी कतार के कारण ये अभी प्रतीक्षा में फंसे हुए हैं. इनमें से कई पेशेवर एक दशक से अधिक समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं. जबकि इनके बच्चों ने यहीं पढाई की है, लेकिन अब उनके बच्चों को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है.
ट्रंप ने क्या कहा था ?
ट्रंप ने पहले कहा था कि मैं परिवारों को तोड़ना नहीं चाहता. परिवार को न तोड़ने का एकमात्र तरीका उन्हें एक साथ रखना और उन्हें वापस भेजना है. यानी ट्रंप के इस आदेश के बाद वैध नागरिक भी अमेरिका से निष्कासित हो सकते हैं. क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के साथ रहना होगा और बच्चे अमेरिका में नहीं रह सकते.
भारतीयों का टूट रहा अमेरिकी सपना
राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप द्वारा पारित कार्यकारी आदेश से अमेरिकी नागरिकता का सपना देखने वाले भारतीयों को झटका दिया है. क्योंकि यह अप्रत्याशित था. उन्होंने यह उम्मीद की थी कि कार्यकारी आदेश केवल अवैध आप्रवासियों के बच्चों से संबंधित होगा. उन्होंने यह भी सोचा था कि दस्तावेज वाले कार्य वीज़ा धारकों को किसी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. यह कार्यकारी आदेश 30 दिन के बाद प्रभावी होगा. यानी यह 19 फरवरी से प्रभावी होगा।
क्या है H-1B और L1 वीजा
H-1B वीजा वर्तमान में किसी व्यक्ति को तीन साल के विस्तार सहित छह साल तक अमेरिका में रहने की अनुमति देता है. वहीँ L1 वीजा धारक पहले तीन साल तक अमेरिका में रह सकते हैं. इसके अलावा इसके तहत रहने की अधिकतम अवधि L1 वीजा के प्रकार पर निर्भर करती है. यह सर्वविदित है कि कई भारतीय ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए H-1B मार्ग अपनाते हैं. यह अमेरिका में स्थायी निवास की अनुमति देता है.
भारतीयों की हिस्सेदारी सबसे अधिक
अमेरिका में वर्क-वीजा धारकों में भारतीयों की सबसे अधिक हिस्सेदारी है. अमेरिकी विदेश विभाग की वेबसाइट के अनुसार, भारतीय नागरिकों को किसी भी अन्य देश के नागरिकों की तुलना में अधिक L1 वीजा मिलते हैं. अमेरिका में सभी H-1B वीजा धारकों में से 72 प्रतिशत भारतीय हैं. कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2030 तक रोजगार-आधारित श्रेणियों में भारतीयों की हिस्सेदारी 20 लाख से अधिक हो जाएगी.
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