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Israel-Hamas Ceasefire: अंतिम समय में इजराइली पीएम नेतन्याहू ने अपने कदम क्यों खींचे पीछे
Israel-Hamas Ceasefire: अंतिम समय में इजराइली पीएम नेतन्याहू ने अपने कदम क्यों खींचे पीछे
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Friday, January 17, 2025
Updated On: Friday, January 17, 2025
पिछले दिनों इजराइल-हमास के बीच युद्ध विराम को घोषणा हुई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसकी घोषणा की थी, लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अंतिम समय में समझौते से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Friday, January 17, 2025
हाईलाइट
- 19 जनवरी से शांति समझौते का क्रियान्वयन होना था.
- इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमास पर शंका जाहिर करते हुए अंतिम मिनट समझौते से अपने कदम खींचे पीछे.
- युद्ध विराम पर संकट के बादल मंडराने से गाजा के भविष्य पर फिर से सवाल उठने लगे.
- युद्ध विराम वार्ता के बीच इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 72 लोग मारे गए.
Israel-Hamas Ceasefire: इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार रात हमास के साथ शांति समझौते पर अपने कदम रोक लिए हैं. नेतन्याहू को हमास पर अभी भरोसा नहीं हो पाया है. इस कारण लंबे समय से प्रतीक्षित युद्धविराम को इजराइली कैबिनेट से मंजूरी लेने में बाधा डाल रहा है. शांति समझौते के लागू होने से गाजा पट्टी में लड़ाई रुक जाती. दोनों ओर से दर्जनों बंधकों को रिहा कर दिया जाता. बंधक अपने-अपने घर जा सकते थे, लेकिन यह सब अब प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है. इन सबके बीच इजराइली हवाई हमलों में युद्धग्रस्त क्षेत्र में कम से कम 72 लोग मारे गए हैं.
हमास समझौते से पीछे हट रहा
गाजा में युद्ध विराम की घोषणा का सभी पक्षों ने स्वागत किया था. विश्व के नेताओं ने भी महीनों की कड़ी कूटनीति के सुखद परिणाम का स्वागत किया था, लेकिन गुरुवार की देर रात नेतन्याहू ने कहा कि इसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय से कहा गया है कि हमास समझौते से पीछे हट रहा है. वह अंतिम समय में संकट पैदा कर रहा है. इससे समझौता नहीं हो पा रहा है. मध्य पूर्व एशिया के अधिकांश जानकार अभी यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि क्या इससे शांति समझौता खतरे में आ गया है या नेतन्याहू का बयान केवल उनके विखंडित गठबंधन को एकजुट रखने का प्रयास भर है.
इजराइली कैबिनेट वोटिंग को थी तैयार
हालांकि इजराइली कैबिनेट 16 जनवरी को शांति समझौते पर मुहर लगाने के लिए मतदान करने को तैयार थी. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट को मीटिंग की जानकारी दे दी गई थी, लेकिन कैबिनेट बैठक शुरू होने से कुछ समय पहले नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, ‘जब तक हमास पीछे नहीं हटता, तब तक यह बैठक नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह पर आगे की रियायतें हासिल करने के प्रयास में समझौते के कुछ हिस्सों से मुकर रहे हैं। इससे समझौते के क्रियान्वयन को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं.
इजराइली सरकार के प्रवक्ता ने क्या कहा ?
16 जनवरी की रात एक प्रेस ब्रीफिंग में इजरायली सरकार के प्रवक्ता डेविड मेनसर ने कहा, ‘हमास की नई मांगें फिलाडेल्फिया कॉरिडोर में इजरायली सेना की तैनाती से संबंधित हैं. यह संकरी पट्टी मिस्र की सीमा से लगती है। इस पर इजराइली सैनिकों ने मई में कब्जा कर लिया था. यह लंबे समय से वार्ता में मुख्य मुद्दों में से एक रही है. हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण है, लेकिन अंतिम समय में हमास इस पर हुई वार्ता से पीछे हटने लगा.
शांति समझौते की अब भी उम्मीद
हालांकि प्रवक्ता मेनसर को उम्मीद है कि इन संकटों के बाद भी समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा. वार्ता में शामिल एक अमेरिकी अधिकारी ने पुष्टि की है कि हमास ने गाजा में कम से कम एक बड़े पैमाने पर आबादी वाले क्षेत्र से इजरायली सेना की वापसी की दूरी से संबंधित अंतिम समय में संशोधन किया। इससे कुछ रुकावटें आईं हैं. हालांकि इनका भी मानना है कि इस मुद्दे को जल्दी से हल कर लिए जाएंगे.
15 महीने से जारी है युद्ध
हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर सीमा पार से हमला करके युद्ध की शुरुआत की थी. इसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 250 अन्य को हमास ने बंधक बना लिया. इसके जवाब ने इजराइल तब से गाजा सहित अन्य शहरों में आतंकी संगठनों के कैंपों आदि पर हमला कर रहा है. इजराइल के इस भीषण हमले में 46,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इजराइल के इस सैन्य अभियान ने गाजा के बड़े हिस्से को समतल कर दिया है. गाजा की 2.3 मिलियन की आबादी में से लगभग 90 प्रतिशत लोग बेघर हो गए हैं. ये टेंटों और शिविरों में रह रहे हैं.
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