Special Coverage
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के विश्व साक्षरता सम्मेलन में डीयू के डॉ. राजेश को मिला सहभागिता का अवसर
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के विश्व साक्षरता सम्मेलन में डीयू के डॉ. राजेश को मिला सहभागिता का अवसर
Authored By: अरुण श्रीवास्तव
Published On: Tuesday, April 22, 2025
Last Updated On: Tuesday, April 22, 2025
विश्व साक्षरता सम्मेलन 2025 (World Literacy Summit 2025) 6 से 9 अप्रैल 2025 को प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, लंदन में आयोजति हुआ. यह वैश्विक शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों का एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां साक्षरता के चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया जाता है.
Authored By: अरुण श्रीवास्तव
Last Updated On: Tuesday, April 22, 2025
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, लंदन में 6 से 9 अप्रैल 2025 तक आयोजित विश्व साक्षरता सम्मेलन 2025 (World Literacy Summit 2025) में दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. राजेश को भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हुआ. यह सम्मेलन ऐतिहासिक एग्जाम स्कूल में आयोजित किया गया, जिसकी स्थापना 1660 में हुई थी. इस सम्मेलन में विश्व भर के 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें डॉ. राजेश की भागीदारी भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित की गई.
उल्लेखनीय है कि डॉ. राजेश इस विषय पर भारत से इकलौते प्रतिनिधि के रूप में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय पहुंचे. भारत की ओर से उन्हें साक्षरता व आजीवन शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर मिला. उक्त सम्मेलन में उनका शोध पत्र “Sustainable Literacy to Lifelong Learning: From Unnat Bharat Abhiyaan to Understanding Lifelong Learning for All in the Society” विषय पर केंद्रित था. अपने शोध-पत्र में उन्होंने ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) पहल के अंतर्गत किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें साक्षरता और संख्यात्मकता, जीवनपर्यंत और व्यावसायिक शिक्षा, राष्ट्र निर्माण के लिए सामाजिक भागीदारीतथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को प्राप्त करने की रणनीतियां शामिल थीं.
अपने प्रवास के दौरान डॉ. राजेश को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के Continuing Education (Adult Education) विभाग का भी दौरा करने का अवसर मिला. वहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वयस्क शिक्षा, आजीवन सीखने और सामुदायिक सहभागिता के क्षेत्र में अपनाई जा रही नवीनतम पहलों और नवाचारों को निकट से समझा. इन अनुभवों ने यह सोचने के लिए प्रेरित किया कि कैसे इन वैश्विक दृष्टिकोणों और सफल मॉडल्स को दिल्ली विश्वविद्यालय एवं देश के अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रभावी रूप से लागू किया जा सकता है.
उन्होंने विशेष रूप से छात्रों की सामुदायिक सहभागिता, स्वयंसेविता की भावना, तथा उद्योग और कॉर्पोरेट जगत के साथ साझेदारी के ज़रिये इंटर्नशिप और रोजगार की संभावनाओं को मजबूत करने पर बल दिया. उनका उद्देश्य यह दर्शाना था कि कैसे हम शिक्षा के माध्यम से ‘विकसित भारत’ (Viksit Bharat) के स्वप्न को साकार कर सकते हैं. सम्मेलन के दौरान World Literacy Summit 2025 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंड्रू की डॉ. राजेश के प्रश्नोत्तर सत्र में विशेष रूप से उपस्थित थे. इस सत्र में ULLAS के अंतर्गत विकसित बहुभाषीय प्राइमर्स, विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण के प्रयास तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से स्वयंसेवकों और शिक्षार्थियों की व्यापक भागीदारी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अत्यंत सराहना मिली. इस सम्मेलन से वैश्विक दृष्टिकोण से साक्षरता और जीवनपर्यंत शिक्षा के मुद्दों को समझने-समझाने का उत्कृष्ट अवसर दिया। साथ ही भारत की नवाचारी पहलों को विश्व समुदाय के समक्ष प्रस्तुत करने और उनके महत्व को रेखांकित करने का मंच भी मिला.