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Musk vs Soros: दो अमेरिकी अरबपतियों सोरोस और मस्क के बीच लड़ाई के क्या हैं कारण?
Musk vs Soros: दो अमेरिकी अरबपतियों सोरोस और मस्क के बीच लड़ाई के क्या हैं कारण?
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Monday, March 31, 2025
Updated On: Monday, March 31, 2025
टेक दिग्गज और DOGE (डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी) के प्रमुख एलन मस्क और अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बीच लड़ाई फिर सार्वजनिक मंच पर आ गई है. 30 मार्च को देर रात विस्कॉन्सिन की रैली में एक उपद्रवी ने मस्क के भाषण में विघ्न डालने का प्रयास किया. जिस पर एलन मस्क ने सोरोस पर निशाना साधते हुए कहा, वह मानवता से घृणा करने वाला इंसान है.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Monday, March 31, 2025
हाईलाइट
- विस्कॉन्सिन के ग्रीन बे में एक टाउन हॉल कार्यक्रम में मस्क के भाषण को एक दर्शक ने बाधित करने की कोशिश की.
- इस पर मस्क ने कहा हमें पता था कि सोरोस के कुछ कार्यकर्ता दर्शक में जरूर होंगे.
- मस्क ने व्यवधान डालने वाले दर्शक से बोला, जॉर्ज सोरोस को हमारा नमस्ते कहना.
- मस्क की कंपनी टेस्ला के खिलाफ सोरोस सहित कई अरबपति मुहिम चला रहे हैं.
Musk vs Soros: अमेरिकी अरबपति एवं राष्ट्रपति के सबसे करीबी एलन मस्क और पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन के करीबी जॉर्ज सोरोस के बीच की कटुता कम नहीं हो रही है. ट्रंप ने मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का प्रमुख बनाया है तो बिडेन ने राष्ट्रपति की कुर्सी छोड़ते-छोड़ते सोरोस को अमेरिका का सर्वोच्च सम्मान दिया. हालांकि इन दोनों के बीच की प्रतिद्वंदिता का कारण यह नहीं है. न ही दोनों के उद्योग के बीच की आपसी टकराहट है. तो फिर लड़ाई का कारण क्या है?
टेस्ला के खिलाफ आंदोलन
स्पेसएक्स, एक्स और टेस्ला जैसी बड़ी कंपनियों के सीईओ एलन मस्क के खिलाफ सोरोस शुरू से रहे हैं. मस्क का आरोप है है कि उनकी ऑटो कंपनी टेस्ला के खिलाफ सुनियोजित साजिश रचा गया है. इस साजिश में जॉर्ज सोरोस जैसे अमेरिकी उद्योगपति शामिल हैं. सोरोस जैसे अरबपतियों ने टेस्ला के खिलाफ आंदोलन की फंडिंग किया है. मस्क ने पसोरोस के अलावा लिंक्डइन के सह-संस्थापक रीड हॉफमैन और अन्य पर उनकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को वित्तपोषित करने का आरोप लगाया है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मस्क ने दावा किया था, ‘एक जांच में पांच समूहों की पहचान की गई है. इन्हें कथित तौर पर एक्टब्लू (एक प्रमुख डेमोक्रेटिक फंडरेजिंग प्लेटफॉर्म) के माध्यम से इन प्रदर्शनों के संचालन के लिए फंडिंग किया गया था.
क्या है एक्टब्लू (ActBlue)
एक्टब्लू अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ा एक प्लैटफॉर्म है. इसकी स्थापना वर्ष 2004 में हुई है. यह डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों के लिए एक प्रमुख धन उगाहने वाला उपकरण है. साथ ही यह विरोधी कंपनियों के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए धन इकट्ठा करता है. हालांकि आज एक्टब्लू खुद अवैध विदेशी फंडिंग के आरोपों के कारण जांच के घेरे में है. इसके सात वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल में ही इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में मस्क का आरोप गंभीर लगता है. इसके फंडिंग के केंद्र में सोरोस है.
अन्य संगठनों को फंडिंग
एक्टब्लू या जॉर्ज सोरोस प्रत्यक्ष रूप से किसी आंदोलन के लिए फंडिंग ने करते हैं. मस्क ने आरोप लगाया है कि एक्टब्लू ने पांच अन्य संगठनों को फंड करता है. टेस्ला के मसले में एक्टब्लू से फंडेड पांच संगठनों ने योजनाबद्ध विरोध प्रदर्शन शुरू किए हैं. ये पांच संगठन हैं- ट्रबलमेकर्स, डिसरप्शन प्रोजेक्ट, राइज एंड रेसिस्ट, इंडिविजुअल प्रोजेक्ट और डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट्स ऑफ अमेरिका.
मस्क विस्कॉन्सिन रैली में हुए शामिल
एलन मस्क ने 30 मार्च को एक रैली में भाग लिया. वहां उन्होंने विस्कॉन्सिन के दो मतदाताओं को ‘एक्टिविस्ट’ न्यायाधीशों के खिलाफ एक ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रत्येक को $1 मिलियन दिए. वह याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले किसी भी व्यक्ति को $100 की पेशकश भी कर रहे हैं. मस्क ने एक अप्रैल को होने वाले सुप्रीम कोर्ट चुनाव से पहले इस सप्ताह की शुरुआत में पुरस्कार की घोषणा की. इस चुनाव के बाद सर्वोच्च न्यायालय का नियंत्रण रिपब्लिकन के हाथों में जा सकता है. कहा जा रहा है कि अमेरिकी इतिहास का सबसे महंगा न्यायिक चुनाव है. 30 मार्च की रात एक रैली में मस्क ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि न्यायाधीश, न्यायाधीश ही रहें.’
मानवता से घृणा करने वाला सोरोस
मस्क की इसी रैली में व्यवधान डाला गया. इसमें उन्होंने सोरोस का हाथ बताया.जॉर्ज सोरोस पर हमला करते हुए मस्क ने कहा कि सोरोस ‘मानवता से घृणा’ करने वाला इंसान है. उनके प्रभाव ने दुनिया भर के समाजों को नुकसान पहुंचाया है. मस्क ने पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन के सोरोस को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित करने के फैसले की भी निंदा की. इस सम्मान को उन्होंने ‘हास्यास्पद’ बताया.