महाराष्ट्र की राजनीति में क्यों हो रही है 72 घंटे की बात, क्या है इसके पीछे की कहानी ?

महाराष्ट्र की राजनीति में क्यों हो रही है 72 घंटे की बात, क्या है इसके पीछे की कहानी ?

leaders of mahavikas aghadi and mahayuti
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जैसे ही केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) के तारीख की घोषणा कर दी, उसके बाद राजनीतिक गुणा-भाग लगाए जा रहे हैं। उसके बीच ही 72 घंटे की बात हो रही है। आखिर नतीजे आने के बाद नई सरकार गठन के लिए 72 घंटे की ही बात क्यों हो रही है ? क्या यह संवैधानिक संकट है ? यदि नतीजों के बाद मंथन अधिक चला तो 72 घंटे के बाद क्या होगा?

दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) इस बार एक दिलचस्प मोड़ पर खड़े हैं। 20 नवंबर को वोटिंग होगी, और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। लेकिन असली सवाल यह है कि क्या 72 घंटों के भीतर नई सरकार बन पाएगी, या राज्य को राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) का सामना करना पड़ेगा? विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, और यदि इस तारीख तक सरकार नहीं बनी, तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है।

इसके साथ ही बड़ा सवाल यह भी है कि राज्य में कौन मुख्यमंत्री का चेहरा होगा ? महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Former CM Udhav Thakre) ने सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने को कहा। एमवीए के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा, “यह चुनाव एमवीए और महायुति के बीच मुकाबला होगा। पहले महायुति अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताए, फिर हम अपना उम्मीदवार घोषित करेंगे।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) ने दावा किया कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव चाहते हैं और विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा, “पहले महाराष्ट्र का प्रशासन देश में सबसे अच्छा माना जाता था, लेकिन अब यह कमजोर हो गया है। हम वर्तमान सरकार से छुटकारा दिलाना चाहते हैं और मुझे उम्मीद है कि लोग हमारा समर्थन करेंगे।”

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शरद पवार ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने पुराने कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं कर रही है और उनकी उपेक्षा कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Nardendra Modi) पर भी निशाना साधा और कहा, “प्रधानमंत्री ने बंजारा समाज के बारे में गलत जानकारी दी। उन्होंने ‘बंजारा विरासत’ के उद्घाटन के दौरान कहा था कि कांग्रेस और पिछली सरकारों ने इस समाज को कोई अवसर नहीं दिया।”

पवार ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बंजारा समाज को महाराष्ट्र में नेतृत्व के महत्वपूर्ण अवसर दिए हैं। “इसी समुदाय के वसंतराव नाइक 11 साल तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे, और सुधाकरराव नाइक ने तीन साल तक मुख्यमंत्री पद संभाला। मनोहर नाइक कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।” पवार ने कहा कि बंजारा समाज कांग्रेस का आभारी है क्योंकि इसने समुदाय के लोगों को राज्य का नेतृत्व करने का मौका दिया।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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