World Eating Disorder Week : हेल्दी फ़ूड खाने के प्रति जागरूक करता है वर्ल्ड ईटिंग डिसऑर्डर वीक

World Eating Disorder Week : हेल्दी फ़ूड खाने के प्रति जागरूक करता है वर्ल्ड ईटिंग डिसऑर्डर वीक

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, February 25, 2025

Updated On: Tuesday, February 25, 2025

सही खानपान और ईटिंग डिसऑर्डर के प्रति जागरूकता बढ़ाता वर्ल्ड ईटिंग डिसऑर्डर वीक
सही खानपान और ईटिंग डिसऑर्डर के प्रति जागरूकता बढ़ाता वर्ल्ड ईटिंग डिसऑर्डर वीक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन में 10 प्रतिशत तेल कम करने और स्वस्थ आहार लेने के लिए कहते हैं. हेल्दी फ़ूड खाने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 24 फरवरी से 2 मार्च तक वर्ल्ड ईटिंग डिसऑर्डर वीक मनाया जा रहा है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Tuesday, February 25, 2025

World Eating Disorder Week : पिछले कुछ सालों में मोटापे (Obesity) के मामले दोगुने हो गए हैं. देश भर में मोटापा के कारण होने वाली समस्याएं और बीमारियां इतनी अधिक हो गई हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) भी चिंतित हो गए हैं. इसलिए उन्होंने लोगों से 10% कम तेल खाने का आग्रह किया और दस अन्य लोगों को भी ऐसा करने की प्रेरणा देने को कहा. असल में मोटापा और अन्य शारीरिक समस्याएं ईटिंग डिसऑर्डर के कारण होती हैं. मोटापा अब ग्लोबल समस्या है. इसलिए लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड ईटिंग डिसऑर्डर वीक (World Eating Disorder Week) या विश्व भोजन विकार सप्ताह मनाया जा रहा है.

वर्ल्ड ईटिंग डिसऑर्डर वीक (World Eating Disorder Week) 

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भोजन विकारों के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भोजन विकार जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम (World Eating Disorder Week 2025 Theme) hai -“अब समय आ गया है (Now is the Time).” इसका उद्देश्य ईटिंग डिसऑर्डर की प्रारंभिक पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करना तथा रिसर्च को बढ़ावा देना है. ईटिंग डिसऑर्डर (Eating Disorder) लोगों की खाने की आदतों, वजन और शरीर के आकार के बारे में सोचने के तरीके को प्रभावित करते हैं.

वर्ल्ड ईटिंग डिसऑर्डर वीक तारीख (World Eating Disorder Week Date) –24 फरवरी – 2 मार्च, 2025

वर्ल्ड ईटिंग डिसऑर्डर वीक का उद्देश्य (World Eating Disorder Week Aim)

• खाने के विकारों के खतरों (Eating Disorder Risks) के बारे में जागरूकता बढ़ाना.
• लोगों को हेल्दी फ़ूड खाने और उसके फायदे के बारे में शिक्षित करना.
• अनहेल्दी हेल्दी फ़ूड खाने के नुकसान और उसके कारण होने वाली बीमारियों के बारे में बताना.

खाने के विकार से होने वाले नुकसान (Eating Disorder Effects)

नयूट्रिशन जर्नल की स्टडी के अनुसार, सबसे आम खाने के विकार एनोरेक्सिया (Anorexia) बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) और बिंज ईटिंग डिसऑर्डर (Binge Eating Disorder) हैं. ज़्यादातर खाने के विकार हो जाने पर वज़न, शरीर के आकार और खाने पर बहुत ज़्यादा ध्यान देना पड़ता है. इससे खाने के तरीके और व्यवहार में खतरनाक परिवर्तन हो सकते हैं. ये व्यवहार शरीर को ज़रूरी पोषण पाने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं.

क्या है उपचार (Eating Disorder Treatment)

हार्वर्ड हेल्थ जर्नल के अनुसार. आमतौर पर विशिष्ट प्रकार की टॉक थेरेपी से ईटिंग डिसऑर्डर का उपचार किया जाता है. इसे मनोचिकित्सा भी कहा जाता है. इसके साथ-साथ चिकित्सा निगरानी और कभी-कभी पोषण शिक्षा और दवाइयां भी दी जाती हैं. खाने के विकार के उपचार (Eating Disorder Treatment) में अन्य चिकित्सा समस्याओं का भी ध्यान रखा जाता है.

महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts)

• मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों (Mental Health Problem) में मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण खाने का विकार है.
• हर 52 मिनट में एक व्यक्ति खाने के विकार से मरता है.
• खाने के विकार हृदय, पाचन तंत्र, हड्डियों, दांतों और मुंह सहित पोषण को प्रभावित करते हैं.
• खाने के विकार चिंता (anxiety), अवसाद (Depression) और आत्मघाती विचारों-व्यवहारों से जुड़े हैं.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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