Inflammatory Bowel Syndrome Treatment : कारण का पता चल जाने पर किया जा सकता है आंत के रोग का इलाज

Inflammatory Bowel Syndrome Treatment : कारण का पता चल जाने पर किया जा सकता है आंत के रोग का इलाज

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, March 5, 2025

Updated On: Wednesday, March 5, 2025

आंत रोग उपचार: इन्फ्लेमेटरी बाउल सिंड्रोम का सही कारण जानकर संभव है इलाज
आंत रोग उपचार: इन्फ्लेमेटरी बाउल सिंड्रोम का सही कारण जानकर संभव है इलाज

Inflammatory Bowel Syndrome Treatment : यूनाइटेड किंगडम के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट में हुए एक महत्वपूर्ण शोध के अनुसार, इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) का एक नया प्रमुख कारण खोजा गया है. इससे आंत के रोगों जैसे कि क्रोहन और कोलाइटिस के बारे में बेहतर समझ विकसित हो सकती है. भविष्य में इससे संभवतः नए उपचार भी सामने आ सकते हैं.

Authored By: स्मिता

Updated On: Wednesday, March 5, 2025

Inflammatory Bowel Syndrome Treatment: यूनाइटेड किंगडम के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) का एक नया प्रमुख कारण खोजा है. किसी खाद्य पदार्थ की एलर्जी के कारण  आंतों में दर्द, उल्टी जैसा महसूस होने लगता है. यह इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज कहलाता है. शोधकर्ताओं ने आनुवंशिक विश्लेषण का उपयोग करते हुए आनुवंशिक कोड (DNA) का एक भाग पाया, जो मैक्रोफेज में सक्रिय है. मैक्रोफेज एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका है, जो IBD वाले लोगों में सूजन का कारण बनती है. शोधकर्ताओं ने यह संभावना जताई कि आनुवंशिक कोड से भविष्य में इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम का उपचार (Inflammatory Bowel Syndrome Treatment) भी किया जा सकता है.

जीन बढ़ाता है आंत में सूजन (Gene causes Inflammation)

वैज्ञानिकों ने पाया कि DNA का वह भाग मैक्रोफेज के मुख्य नियंत्रकों में से एक है. यह ETS2 नामक जीन को बढ़ाता है, जो मैक्रोफेज द्वारा छोड़े जाने वाले सूजन वाले रसायनों को नियंत्रित करता है. इसलिए ETS2 के उच्च स्तर आंत में अधिक सूजन से जुड़े होते हैं. कुछ लोगों में आनुवंशिक कोड का एक ऐसा संस्करण होता है, जो उनके शरीर को सूजन संबंधी उत्तेजना (Inflammation) के प्रति अधिक प्रतिक्रिया करने की संभावना बनाता है.

सूजन अवरोधक पर और शोध (Research on Inflammation Blocker)

वर्तमान में ऐसी कोई दवा उपलब्ध नहीं है जो केवल ETS2 को रोकती हो. ऐसी दवा पहले से ही अन्य स्थितियों के लिए उपयोग की जाती हैं, जो ETS2 के सूजन संबंधी प्रभावों को बंद कर सकती हैं. सिद्धांत रूप में यह आईबीडी से पीड़ित लोगों की आंत में सूजन को कम करेगा. ये दवा, जिन्हें सूजन अवरोधक के रूप में जाना जाता है, शरीर के अन्य भागों पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकती हैं. इसलिए शोध का अगला चरण आंत में मैक्रोफेज को लक्षित करने के तरीके खोजना है।

आईबीएस का इलाज (IBS Treatment)

वैज्ञानिकों ने सूजन आंत्र रोग (आईबीडी) के एक प्रमुख आनुवंशिक कारण की खोज की है. इसके आधार पर दवा बनाने की भी कोशिश की जा रही है. यदि दवा बिना साइड इफेक्ट वाला साबित हो जायेगी, तो इस खोज से क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस, जो आईबीडी के सबसे आम प्रकार हैं, के लिए अधिक प्रभावी उपचार हो सकते हैं. शोध यह समझने में भी मदद कर सकता है कि वर्तमान उपचार हर मरीज़ पर काम क्यों नहीं करते हैं? वैज्ञानिक अब ऐसी दवाओं की तलाश कर रहे हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से ETS2 की गतिविधि को कम कर सकती हैं. वे इन दवाओं को आंत में मैक्रोफेज को लक्षित करने के तरीकों की भी तलाश कर रहे हैं.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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