Holi 2025 : जानें मन-मस्तिष्क पर रंगों के प्रभाव

Holi 2025 : जानें मन-मस्तिष्क पर रंगों के प्रभाव

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, March 13, 2025

Updated On: Thursday, March 13, 2025

होली 2025: रंगों का मन और मस्तिष्क पर प्रभाव – विभिन्न रंगों के वैज्ञानिक लाभ बताते हुए एक रंग-बिरंगा उत्सव।
होली 2025: रंगों का मन और मस्तिष्क पर प्रभाव – विभिन्न रंगों के वैज्ञानिक लाभ बताते हुए एक रंग-बिरंगा उत्सव।

Holi 2025 : अलग-अलग मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, मस्तिष्क और भावनाओं को अलग-अलग रंग महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं. लाल, नारंगी और पीला रंग व्यक्ति के ऊर्जा और उत्साह से जुड़ा होता है. वहीँ नीला, हरा और बैंगनी रंग मस्तिष्क को शांति और आराम दे सकता है. होली के अवसर पर जानें मन-मस्तिष्क पर रंगों के प्रभाव...

Authored By: स्मिता

Updated On: Thursday, March 13, 2025

Holi 2025 : क्या आप लाल रंग देखने पर ऊर्जावान महसूस करते हैं? क्या नीला रंग आपको शांत और तनावमुक्त महसूस कराता है? कलाकार और इंटीरियर डिजाइनर मानते हैं कि रंग मूड और भावनाओं को नाटकीय रूप से प्रभावित कर सकता है. किसी ख़ास रंग को देकहते ही मन उमंग और उत्साह से भर जाता है. जानते हैं अलग-अलग जर्नल में प्रकाशित शोध निष्कर्ष (Holi 2025 ) क्या कहते हैं.

मेंटल और फिजिकल हेल्थ को प्रभावित करते हैं रंग (Mental and Physical Effect)

जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ के अनुसार, रंग एक शक्तिशाली संचार उपकरण है. यह न केवल मूड को प्रभावित कर सकता है, बल्कि शारीरिक प्रतिक्रियाओं को भी प्रभावित कर सकता है. कुछ रंग शारीरिक परिवर्तनों से जुड़े हुए हैं, जिनमें ब्लड प्रेशर में वृद्धि, मेटाबोलिज्म में वृद्धि और आंखों की थकान भी हो सकती है.

लाल, नीला और पीला रंग का मन पर प्रभाव (colour effect)

जर्नल ऑफ़ साइकिएट्रिक एंड मेंटल हेल्थ नर्सिंग के अनुसार, तीन मुख्य रंग व्यक्ति को प्रभावित करते हैं. वे रंग हैं- लाल, नीला और पीला. लाल मजबूत भावनाओं का एहसास कराता है. नीला शांत भावनाओं का एहसास कराता है. पीला खुशी की भावना लाता है. पीला रंग को अक्सर सूर्य के साथ जोड़कर देखा जाता है.

रंगों का मूड पर प्रभाव (Effect of colour on mood)

यह वैज्ञानिकों के लिए भी आश्चर्य की बात है कि रंग वास्तव में हमारे मूड को कैसे प्रभावित कर सकते हैं. हमारे व्यवहार को कैसे प्रभावित कर सकते हैं. एक पल के लिए हम अपने लिए एक परिचित जगह के बारे में सोचते हैं, तो हम यह खुद से सवाल करें कि क्या कोई ऐसा रंग है जो उस जगह के बारे में अलग है? अलग-अलग रंग के कपड़े हमें अलग-अलग महसूस कराते हैं. कई बार उदास महसूस करने पर कुछ ख़ास कलर के कपड़े पहनने पर हमारा मूड बदल जाता है. यह छोटी चीज होने के बावजूद बड़ा प्रभाव डाल सकती है।

क्या है रंग का मनोविज्ञान  (Psychological effect of Color)

इंडियन जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ के अनुसार, रंग मनोविज्ञान की खोज अपेक्षाकृत नई है, लेकिन लोगों को लंबे समय से रंग की प्रकृति और प्रभाव में दिलचस्पी रही है. प्राचीन संस्कृतियों में रंगों का इस्तेमाल अक्सर अलग-अलग स्थितियों के इलाज और भावनाओं को प्रभावित करने के लिए किया जाता था. उन्होंने विभिन्न आध्यात्मिक कार्यों में भी अहम भूमिका निभाई. चार प्राथमिक मनोवैज्ञानिक रंग हैं-लाल, नीला, पीला और हरा. उनमें से प्रत्येक का क्रमशः मन, शरीर, आत्मा और तीनों के बीच संतुलन पर प्रभाव पड़ता है.

रंग के अर्थ (Meaning of Color)

रंग की धारणा कुछ हद तक व्यक्तिपरक हो सकती है, पर कुछ रंग प्रभावों के सार्वभौमिक अर्थ होते हैं. कलर स्पेक्ट्रम फील्ड में लाल रंग के हिस्सों को गर्म रंग के रूप जाना जाता है. इसमें लाल, नारंगी और पीला रंग आता है. ये गर्म रंग गर्मी और आराम की भावनाओं से लेकर क्रोध और शत्रुता की भावना तक पैदा करते हैं. स्पेक्ट्रम के नीले हिस्से के रंगों को शांत रंग के रूप में जाना जाता है. इसमें नीला, बैंगनी और हरा शामिल हैं. ये रंग उदासी की भावना भी मन में ला सकते हैं.

 रंग के प्रतीकात्मक अर्थ (Symbolic meaning of Colour)

प्रतीकात्मक अर्थ जो अक्सर अलग-अलग रंगों से जुड़े होते हैं.

लाल: जुनून, उत्साह, प्यार
• गुलाबी: नरम और प्रेम
• बैंगनी: रहस्यमय, महान, ग्लैमरस
• नीला: बुद्धि, आशा, शांति
• हरा: प्रकृति, विकास, ताज़गी
• पीला: आशा, खुशी, खतरा
• नारंगी: गर्मी, दयालुता, खुशी
• सफेद: सच्चाई, उदासीनता
• काला: नकारात्मकता, रहस्यमय, ठंडा

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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