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मंत्र ध्यान की ओर ले जाकर करता है तनावमुक्त
मंत्र ध्यान की ओर ले जाकर करता है तनावमुक्त
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, June 30, 2025
Last Updated On: Monday, June 30, 2025
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर के अनुसार, संपूर्ण समर्पण और श्रद्धा के साथ मंत्र जाप किया जाये, तो ये हमारे मन, शरीर और आत्मा को गहराई से प्रभावित करते हैं. इससे मन तनावमुक्त होकर प्रसन्न होता है.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Monday, June 30, 2025
इन दिनों व्यस्त दिनचर्या के कारण हर व्यक्ति तनाव में है. तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण हर व्यक्ति मानसिक शांति और अंतर्मन का संतुलन चाहता है. इसके लिए वह ध्यान, योग करता है. साथ ही मंत्र जप भी करता है. आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर बताते हैं कि ध्यान में भी मंत्र जाप को समाहित किया जा सकता है. मंत्र ध्वनि की पुनरावृत्ति है और इसमें गूढ़ और दिव्य शक्ति निहित है. हम सभी जानते हैं कि हर शब्द में शक्ति होती है, लेकिन मंत्र में सूक्ष्म तरंगें छुपी होती हैं. जब श्रद्धा, विश्वास और समर्पण के साथ ध्यान में मंत्र का प्रयोग किया जाता है, तो ये हमारे मन, शरीर और आत्मा को गहराई से प्रभावित करते हैं. मंत्र जीवन के विभिन्न पहलुओं को ऊर्जावान बना सकते हैं. मंत्र की शक्ति तभी सामने आ सकती है, जब हमारा अंतर्मन इससे जुड़ा हो. जुड़ाव ध्यान के माध्यम से संभव है.
ध्यान की अवस्था में ले जाते हैं मंत्र
श्री श्री रविशंकर के अनुसार, मंत्र ध्यान अवस्था प्राप्त करने में उपयोगी हो सकते हैं. मंत्रोच्चारण को सुनते-सुनते, मन अपने-आप ध्यान में चला जाता है. इस अवस्था में वेगस नर्व तेजी से काम करती है. वेगस नर्व हमारे शरीर की सबसे लंबी नर्व यानी तंत्रिका है. यह मस्तिष्क से शुरू होकर गर्दन से होते हुए छाती और पेट तक जाती है. यह विभिन्न अंगों जैसे- हृदय फेफड़े, पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करती है. इससे हमारा नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र संतुलित होता है.
शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रभाव
मंत्र जप का अभ्यास नियमित होना चाहिए. मंत्र का असर हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों पर पड़ता है. मंत्र के प्रभाव से सकारात्मक मनोवैज्ञानिक और शारीरिक परिवर्तन होते हैं. ध्यान की अवस्था में मंत्र जप करने से जप का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. यह अभ्यास मंत्रों को केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक गहन आत्मिक अनुभव में परिवर्तित कर देता है. अगली बार जब आप कोई मंत्र जपें, तो एक क्षण ठहरें. गहरी सांस लें, मन को स्थिर करें और फिर जाप करें.
चेतना के द्वार खोलता है मंत्र
मंत्र या पवित्र ध्वनि का प्रयोग विभिन्न आध्यात्मिक और ध्यान के प्रथाओं में विश्राम, ध्यान और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है. आप अनुभव करेंगे कि वही शब्द अब केवल उच्चारण नहीं, बल्कि भीतर एक दिव्य गूंज बनकर उतर रहे हैं. कुछ अदृश्य, लेकिन गहरा आपके भीतर बदल रहा है. मंत्र चेतना के द्वार खोलने वाली कुंजी हैं. यह कुंजी तभी कार्य करती है, जब उसे मौन और ध्यान के साथ किया जाए.