SCO Summit 2024: आज से एससीओ शिखर सम्मलेन शुरू, प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों ने बनाई दूरी
Authored By: Gunjan Shandilya
Published On: Wednesday, July 3, 2024
Updated On: Tuesday, August 27, 2024
एससीओ शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) अस्ताना पहुंच गए हैं। शिखर सम्मेलन आज और कल (3-4 जुलाई) होगा। सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए एससीओ के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष अस्ताना पहुंच गए हैं।
SCO Summit 2024: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर अस्ताना पहुंच गए हैं। वहां उनका स्वागत कजाकिस्तान के उप विदेश मंत्री अलीबेक बाकायेव ने हवाई अड्डे पर पहुंचकर किया। शिखर सम्मेलन आज और कल (3-4 जुलाई) होगा। सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए एससीओ के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष अस्ताना पहुंच गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) नहीं लेंगे हिस्सा
एससीओ की यह 24वीं बैठक है। इस वर्ष इसका अध्यक्ष कजाकिस्तान है। इस सम्मलेन में अमूमन सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेते हैं। लेकिन इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्मलेन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों को मानें तो प्रधानमंत्री मोदी 8 से 9 जुलाई तक रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं। उनकी यह रूस यात्रा लगभग पांच वर्षों में पहली यात्रा होगी।
रूस (Russia) और ऑस्ट्रिया (Austria) दौरे पर जाएंगे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी 9 जुलाई को रूस की यात्रा समाप्त कर संभवतः वहीँ से दो दिवसीय यात्रा पर ऑस्ट्रिया जा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दोनों देशों का दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने रूस और ऑस्ट्रिया की अपनी यात्रा के मद्देनजर ही एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। हालांकि प्रधानमंत्री की दोनों देशों की यात्रा की अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में ही इस बात की पुष्टि कर दी थी कि सम्मलेन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं जाएंगे। वहां विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे।
क्षेत्रीय सुरक्षा और व्यापार बढ़ाने पर जोर
आज से शुरू होने वाले एससीओ शिखर सम्मलेन में क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति, संपर्क और व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच समग्र सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा होने की उम्मीद है।
जुलाई को विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) ने बताया कि शिखर सम्मेलन में, नेताओं से पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करने और बहुपक्षीय सहयोग की स्थिति और संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है। बैठक में क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी का ‘सिक्योर’ (Secure) दृष्टिकोण
विदेश मंत्रालय ने बताया कि एससीओ में भारत की प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री के ‘सिक्योर’ दृष्टिकोण को आकार देना हैं। ‘सिक्योर’ का मतलब है, सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण संरक्षण।
पिछले साल भारत ने की थी अध्यक्षता
एससीओ भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान से मिलकर एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक बनाया गया है। यह सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक है। भारत ने एससीओ की अपनी पहली अध्यक्षता पिछले साल की थी। 4 जुलाई 2023 को वर्चुअल प्रारूप में एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की 23वीं बैठक की मेजबानी भारत ने की थी।
भारत और एससीओ (India and SCO)
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