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Navratra Fast 2024 : व्रत से शरीर और मन दोनों शुद्ध होता है
Navratra Fast 2024 : व्रत से शरीर और मन दोनों शुद्ध होता है
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, October 3, 2024
Updated On: Monday, January 20, 2025
उपवास पाचन अग्नि को फिर से प्रज्वलित करता है। यह तनाव को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देने में मदद करता है। नौ दिनों के उपवास की अवधि को आत्मचिंतन और अपने भीतर के आत्म से फिर से जुड़ने के समय के रूप में देखा जाता है।
Authored By: स्मिता
Updated On: Monday, January 20, 2025
9 दिनों तक चलने वाले नवरात्र में प्रार्थना, सात्विक भोजन और मां दुर्गा और उनके 9 अवतारों के प्रति भक्ति अर्पित की जाती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 2024 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक होगा। 12 अक्टूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी। कुछ लोग नवरात्र के दौरान उपवास रखते हैं। यदि किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं है, तो वह व्रत या उपवास रख सकता है। उपवास तन के साथ-साथ मन को भी शुद्ध कर सकता है। जानते हैं उपवास (Navratra Fast 2024) के फायदे।
मन और तन को शुद्ध करता है उपवास (Fasting Benefits)
आयुर्वेद के अनुसार, उपवास पाचन अग्नि को फिर से प्रज्वलित करता है। पाचन अग्नि में वृद्धि शरीर में विषाक्त पदार्थों को जलाती है। जब विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं, तो इससे शरीर की सभी थकान और सुस्ती खत्म हो जाती है। शरीर की सभी कोशिकाएं फिर से जीवंत हो जाती हैं। यह तनाव को कम करने और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है।उपवास हमारे शरीर को शुद्ध करने के लिए एक प्रभावी चिकित्सा है। जब शरीर साफ हो जाता है, तो शरीर और मन के बीच गहरे संबंध बनते हैं। मन शांत हो जाता है।
तनाव को कम करता है उपवास
आमतौर पर हममें से ज़्यादातर लोग भूख लगने का इंतज़ार नहीं करते। भूख लगने का मतलब है कि हमारा शरीर संकेत देता है कि वह भोजन को पचाने के लिए तैयार है। भूख लगने से पहले ही खाना खाने से पाचन तंत्र कमज़ोर हो जाता है। इससे तनाव और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली होती है। उपवास पाचन अग्नि को फिर से प्रज्वलित करता है। यह तनाव को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देने में मदद करता है।
व्रत के साथ गहन ध्यान (Meditation Benefits)
नौ दिनों के उपवास की अवधि को अक्सर आत्मचिंतन और अपने भीतर के आत्मा से फिर से जुड़ने के समय के रूप में देखा जाता है। यह अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर विचार करने और मां दुर्गा से मार्गदर्शन और शक्ति प्राप्त करने का अवसर देता है। नवरात्र (Navratra 2024) खुद के साथ समय बिताने, ध्यान करने और अस्तित्व के स्रोत से जुड़ने का समय है। जब उपवास मन की बेचैनी को कम करता है, तो इससे स्वयं से जुड़ना और ध्यान करना आसान हो जाता है। सुनिश्चित करें कि आप खुद को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में ताजे फल और अन्य सात्विक भोजन खाते रहें।
सकारात्मकता का गुण विकसित होता है (Positivity)
ध्यान के साथ उपवास करने से हमारे भीतर शांति और सकारात्मकता का गुण विकसित होता है। हमारा सत्व गुण बढ़ता है। इससे हम प्रार्थना से और अधिक जुड़ा हुआ महसूस करने लगते हैं। सत्व गुण शरीर को ऊर्जावान भी बनाता है। हमारे कार्य आसानी से पूरे होते हैं।
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