बड़ा सवालः क्या अब भी मिल सकता है विनेश को सिल्वर

बड़ा सवालः क्या अब भी मिल सकता है विनेश को सिल्वर

Authored By: अनुराग श्रीवास्तव

Published On: Saturday, August 17, 2024

Updated On: Sunday, April 27, 2025

Vinesh Phogat Women Wrestler

विनेश फोगाट के लिए पूरा देश दुआ कर रहा था कि सीएएस उनके साथ न्याय करेगा और उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल मिल जाएगा। पर ऐसा नहीं हुआ... लंबे इंतजार के बाद आखिर कैस ने एक लाइन में उनकी अपील खारिज कर दी। सवाल है कि अब आगे क्या होगा? क्या अभी भी विनेश के पास कोई विकल्प है...

Authored By: अनुराग श्रीवास्तव

Updated On: Sunday, April 27, 2025

पहलवान विनेश फोगाट (Wrestler Vinesh Phogat) के लिए बीत कुछ दिन रोलर कोस्टर की तरह रहे हैं। पेरि tvस ओलंपिक में सभी को चौंकाते हुए विनेश ने जिस तरह ओलंपिक चैंपियन और फिर एक अन्य दिग्गज पहलवान को हराकर 50 किग्रा इवेंट के फाइनल में प्रवेश किया, उसने पूरे देश को एक स्वर्ण पदक की उम्मीद दे दी। चूंकि उस समय अधिकांश देशवासियों को नीरज चोपड़ा से सोने के पदक की आस पहले से ही थी, सो लगा कि शायद पहली बार भारत ओलंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतेगा। अखबारों की सुर्खियों से टीवी की हेडलाइन्स चीख-चीख कर विनेश के चमत्कारिक प्रदर्शन की ही बात कर रही थीं। हर गली-चौराहे और नुक्कड़ पर भी लोगों के बीच यही चर्चा थी कि जिस तरह से विनेश लड़ रही थीं, सोने का पदक तो पक्का है। खैर, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। फाइनल वाली सुबह दिल तोड़ने वाली खबर आई। पहलवानी के नियमों के अनुसार फाइनल मैच से पहले खिलाड़ियों का वजन होता है और इसी में महज 100 ग्राम ने खेल कर दिया। विनेश 50 किग्रा कैटेगरी में लड़ रही थीं और उनका वजन 50 किलो से 100 ग्राम अधिक निकल गया। यह 100 ग्राम 140 करोड़ उम्मीदों पर भारी पड़ा। विनेश ही नहीं, पूरा देश स्तब्ध रह गया। इसी समय एक बार फिर कुछ आस दिखाई दी जब विनेश ने भारतीय ओलंपिक संघ के सहयोग से वैश्विक खेल पंचाट यानी कैस में अपील करने का फैसला किया। 100 ग्राम वजन के लिए प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित करने के अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी और यूनाईटेड वर्ल्ड रेसलिंग के फैसले के खिलाफ अपील की गई और मांग रखी गई कि विनेश को ज्वाइंट सिल्वर मेडल दिया जाए। खैर, यह नहीं हुआ। 14 अगस्त को कैस ने एक वाक्य के जजमेंट से साफ कर दिया कि विनेश की अपील निरस्त की जाती है।

अब लोगों के जेहन में बड़ा सवाल यह है कि क्या अब भी विनेश के पास कोई अवसर है? क्या वह अब भी अपना पक्ष कहीं और रख सकती हैं? तो इसका जवाब है कि हां, अब भी विनेश के पास एक मौका है। वह कैस के फैसले के खिलाफ अपील कर सकती हैं। कैस के नियमों में उसके फैसले के खिलाफ अपील की व्यवस्था है, लेकिन साथ ही यह भी समझना होगा कि अपील की प्रक्रिया और इसका क्राइटेरिया बड़ा सख्त है। यदि आप कैस के नियमों को पढ़ें तो पता चलता है कि अपील के लिए क्षेत्राधिकार एक अहम बिंदु है। साथ ही जिस आधार पर अपील की जानी है, वह भी बेहद अहम होता है। फिर भी अपील की व्यवस्था तो है ही, सो विनेश के पास भी एक विकल्प है। भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ से मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना भी है कि अभी केवल एक वाक्य में फैसला आया है। विस्तृत फैसला सामने आने के बाद देखकर तय किया जाएगा कि किस तरह से और किस आधार पर अपील करनी है। जाहिर है कि यह अभी दूर की कौड़ी है, लेकिन फिर सिल्वर मेडल की एक आस तो अब भी बनी है।

कैस स्विटजरलैंड में स्थित पंचाट है जो खेल से जुड़े विवादों का निपटारा करता है। वह खेल के व्यावसायिक पहलुओं से जुड़े विवाद भी सुनता और निपटाता है। हर ओलंपिक में उसका एक अस्थायी आफिस खोला जाता है और इसी तरह के आफिस में विनेश के मामले में सुनवाई हुई है। हालांकि इसमें कैस का थोड़ा अचरज में डालने वाला व्यवहार भी सामने आया है। पहले फैसला ओलंपिक समाप्त होने वाले दिन तक आने की बात कही गई। फिर तारीख बढ़ाई गई। सामने आया कि अब फैसला 16 अगस्त तक आएगा, लेकिन अचानक ही 14 अगस्त को सीएएस ने फैसला सुना दिया। खैर इस अचानक फैसले का कारण तो सीएएस ही जानता होगा, लेकिन विस्तृत फैसला बताएगा कि किस आधार पर विनेश की अपील स्वीकृत नहीं हुई। फिर खुलेगी आगे की राह। फिलहाल उम्मीद है कि शायद विनेश अपील करें और सिल्वर की राह खुले।

अनुराग श्रीवास्तव ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों को कवर करते हुए अपने करियर में उल्लेखनीय योगदान दिया है। क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, और अन्य खेलों पर उनके लेख और रिपोर्ट्स न केवल तथ्यपूर्ण होती हैं, बल्कि पाठकों को खेल की दुनिया में गहराई तक ले जाती हैं। उनकी विश्लेषणात्मक क्षमता और घटनाओं को रोचक अंदाज में प्रस्तुत करने का कौशल उन्हें खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट बनाता है। उनकी लेखनी खेलप्रेमियों को सूचनात्मक और प्रेरक अनुभव प्रदान करती है।
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