Special Coverage
अमेरिका-चीन को भूल जाइए, भारतीय शेयर बाजार का टाइम आ गया! जानें क्यों कहा अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट ने!
अमेरिका-चीन को भूल जाइए, भारतीय शेयर बाजार का टाइम आ गया! जानें क्यों कहा अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट ने!
Authored By: Suman
Published On: Friday, May 2, 2025
Last Updated On: Friday, May 2, 2025
अमेरिकी शेयर बाजार (US Stock Market) का समय खत्म हो गया है और अब भारत, यूरोप जैसे बाजारों में दांव लगाने का वक्त है. चीन के बाजार में निवेश पर भी जोखिम है.
Authored By: Suman
Last Updated On: Friday, May 2, 2025
Indian share market : अमेरिकी शेयर बाजार (US Stock Market) का समय खत्म हो गया है और अब भारत, चीन, यूरोप जैसे बाजारों में दांव लगाने का वक्त है. हालांकि चीन के बाजार में निवेश पर भी जोखिम है. सबसे बेहतर यह है कि भारत के बाजारों (BSE-NSE) पर दांव लगाया जाए. अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट और जेफरीज में इक्विटी स्ट्रेटजी के ग्लोबल हेड क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने निवेशकों को लिखे अपने नवीनतम नोट GREED & fear में यह सलाह दी है.
इसके अलावा कई टीवी चैनल इंटरव्यू और पॉडकास्ट में भी वुड ने यही बात दोहराई है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड (US President Donald Trump) अगर जुलाई में टैरिफ के मामले में पूरी तरह से यूटर्न ले लेते हैं तो यह वैश्विक शेयर बाजार के लिए बड़ा प्रेरक साबित होगा. खासकर चीन और अमेरिका के बाजारों में इससे तेजी आएगी.
चीन-अमेरिका का समय खत्म!
एक टीवी चैनल से बात करते हुए क्रिस वुड ने कहा कि अमेरिकी बाजार दिसंबर 2024 में अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच चुके हैं और अब इस लेवल पर फिर जाना मुश्किल है. इसलिए निवेशकों को अब भारतीय, यूरोपीय, चीनी और जापानी शेयरों में निवेश करना चाहिए.
हालांकि उन्होंने कहा कि चीन के शेयर बाजारों में सबसे बड़ा जोखिम यह है कि अगर ट्रेड वॉर (US-China Trade War) बढ़ा तो अमेरिका में सूचीबद्ध होने वाले चीनी एडीआर की डीलिस्टिंग कराई जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इसकी वजह से निवेशक बड़े पैमाने पर चीन के बाजार से बाहर जाएंगे और दूसरे देशों में के शेयर बाजारों में खरीदारी के अवसर बनेंगे.
वुड ने लिखा है, ‘इसकी संभावना कम है लेकिन कुछ भी असंभव नहीं है. अगर डीलिस्टिंग की ऐसी कार्रवाई शुरू हुई तो इससे बाकी देशों के शेयर बाजारों में खरीद का बढ़िया अवसर मिलेगा.’
वुड्स ने ग्लोबल इनवेस्टर को सलाह दी है कि उन्हें अपने अमेरिकी शेयर बाजार के पोजीशन को कम करके यानी शेयरों की बिकवाली करके यूरोप, चीन और भारत में निवेश बढ़ाना चाहिए.
भारत पर क्या कहा
एक पॉडकास्ट Money Maze में भी क्रिस वुड ने कहा, ‘मैं पिछले 20 साल से कह रहा हूं कि भारतीय बाजार (Indian Share Market) सर्वश्रेष्ठ हैं, यह उभरते बाजारों में सबसे अच्छा है. भारत आज उसी स्थिति में है जिसमें इस शताब्दी की शुरुआत में चीन था. जनसंख्या के लाभ, जीडीपी प्रति व्यक्ति आदि लिहाज से. आप भारत में बहुत गतिशील उद्यमिता का माहौल देखेंगे. वहां बड़ी संख्या में रोचक कंपनियां हैं.’
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के टैरिफ 90 दिनों के लिए टालने के बाद दुनिया भर के शेयर बाजारों में मजबूती आई है. भारतीय बाजारों को देखें तो अप्रैल के निचले स्तर से अब तक सेंसेक्स करीब 10 फीसदी चढ़ चुका है. अगर डॉलर में गिरावट आई तो इससे उभरते बाजारों में जोखिम लेने की क्षमता बढ़ जाएगी और यह खासकर भारत के लिए सकारात्मक बात होगी.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार और निवेश संबंधी खबरें सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी जाती हैं. इसे निवेश सलाह नहीं मानना चाहिए. किसी भी तरह के निवेश से पहले सेबी रजिस्टर्ड किसी सलाहकार की राय जरूर लें.)
यह भी पढ़े : रुपये में मजबूती के साथ सेंसेक्स-निफ्टी में उछाल, आज क्यों आई शेयर बाजार में तेजी!