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भारतीय स्टार्टअप्स निवेशकों का विश्वास जीतने में रहे सफल, युवाओं को रोजगार मिलने की बढ़ी उम्मीद
भारतीय स्टार्टअप्स निवेशकों का विश्वास जीतने में रहे सफल, युवाओं को रोजगार मिलने की बढ़ी उम्मीद
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Saturday, January 11, 2025
Updated On: Saturday, January 11, 2025
स्टार्ट अप एवं नवाचार के लिए भारत एक वैश्विक हब के रूप में उभरा है। फंडिंग में तेजी आने एवं तकनीकी विकास के कारण ग्लोबल लेवल पर कंपनियां विस्तार कर रही हैं। नए वर्ष 2025 में भी इस ट्रेंड के बने रहने की उम्मीद है। पिछले वर्ष जहां 13 स्टार्टअप कंपनियों ने आइपीओ (IPO) के जरिये 29 हजार करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे, वहीं इस साल भी फंड रेज करने की राशि में और बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
Authored By: अंशु सिंह
Updated On: Saturday, January 11, 2025
Highlights :
- वर्ष 2024 में स्टार्टअप्स ने जुटाए 12 अरब डॉलर
- वर्ष 2030 तक यूनिकॉर्न की संख्या 250 के पार जाने की उम्मीद
- निवेश के मामले में अमेरिका से पीछे है भारत
- भारतीय फिनटेक ने जुटाए सबसे अधिक फंड
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन एवं डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में शुरू हुए स्टार्टअप्स
साल 2024 में देश में कुल स्टार्टअप्स की संख्या करीब 73 हजार के ऊपर थी। इनमें 118 यूनिकॉर्न हैं, जिनके वर्ष 2030 तक 250 के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है। इतना ही नहीं, इस साल करीब 25 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों के आइपीओ (IPO) में लिस्ट होने की संभावना है। इसमें एथर एनर्जी (Ather Energy), एरिसइंफ्रा, एवांसे, ऐ फाइनेंस, बोट, ब्लूस्टोन, कार्डेखो, कैप्टन फ्रेंश, ईकॉम एक्सप्रेस एवं फ्रैक्टल जैसी कंपनियां शामिल हैं। अमेरिका और चीन के बाद भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन चुका है। शुरुआत में जहां ई-कॉमर्स एवं फिनटेक क्षेत्र में अधिक स्टार्टअप्स थे। अब अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार हुआ है। जैसे, आज एआई, ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स, हेल्थटेक, एग्रीटेक, एडटेक एवं क्लाइमेटटेक आदि क्षेत्रों में भी स्टार्टअप्स कार्य कर रहे हैं। क्विक कॉमर्स एक उच्च विकास वाले क्षेत्र के रूप में उभरा है, जिसमें 40 कंपनियां सक्रिय हैं। इनमें जेप्टो, ब्लिंकिट एवं स्विगी इंस्टामार्ट जैसे यूनिकॉर्न भी शामिल हैं।
वर्ष 2024 में भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए 12 अरब डॉलर
अगर फंडिंग की बात करें, तो वर्ष 2023 में स्टार्टअप की सालाना फंडिंग करीब 32.5 बिलियन डॉलर के आसपास थी। ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में भारतीय स्टार्टअप्स (Indian Startups) ने कुल 12 अरब डॉलर का फंड जुटाने में सफल रहीं। सबसे अधिक फंडिंग भारतीय फिनटेक स्टार्टअप्स में देखने को मिली। उसके बाद ई-कॉमर्स, एडटेक एवं हेल्टटेक का नंबर रहा। जलवायु तकनीक भी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, अमेरिका की तुलना में ये काफी कम है। अमेरिका सालाना 300 अरब डॉलर आकर्षित करता है, जो भारत से 12 गुना अधिक है। कुछ आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014 से 2024 के बीच न्यू एज टेक कंपनियों ने 151 अरब डॉलर से ज्यादा की फंडिंग जुटाई। बीते नौ वर्षों में भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने कई अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित किया है एवं वैश्विक स्तर पर अपने बिजनेस को विस्तार दिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन एवं डाटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में देश की तकनीकी शक्ति को विश्व भर में मान्यता मिली है।
हायरिंग में आ सकती है तेजी
फंडिंग में आए सुधार के कारण नए साल में स्टार्ट अप कंपनियों में 20 से 30 फीसदी तक हायरिंग होने की संभावना है। ये हायरिंग रिटेल, ई-कॉमर्स, फिनटेक, एफएमसीजी, ऑटोमोटिव, ट्रैवल एवं हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टरों में हो सकती है। जबकि बीएफएसआइ, टेलीकॉम, हेल्थकेयर, फार्मा एवं एनर्जी सेक्टर में भी अच्छी नियुक्तियां होने की संभावना है। युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए सरकार उन्हें उद्यम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि वे खुद के साथ अन्य युवाओं को भी आर्थिक रूप से सशक्त कर सकें। जो युवा अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो वे सरकार की ओर से मिलने वाले ऋण का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना, स्टैंड अप इंडिया योजना, क्रेडिट गारंटी योजना चलायी जा रही है।
स्टार्टअप इंडिया अभियान ने इकोसिस्टम को बनाने में की मदद
इसमें संदेह नहीं कि वर्ष 2016 में देश में शुरू किए गए स्टार्ट अप इंडिया अभियान ने स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने एवं इनोवेशन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभायी है। करीब 500 से अधिक इंक्यूबेशन सेंटर एवं इनोवेशन लैब्स की स्थापना से युवा उद्यमियों को मेंटरशिप, टेक्निकल रिसोर्स, मार्केट एक्सपोजर जैसी सुविधाएं मिली हैं, ताकि वे अपने आइडिया को लेकर अधिक से अधिक प्रयोग कर सकें एवं बिजनेस को स्केल कर सकें। यही वजह रही कि युवा भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप्स शुरू करने में सफल हो सके। यहां तक कि कटिंग एज टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर उन्होंने कृषि, स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावशाली परिवर्तन लाया। ई-कॉमर्स एवं डिजिटल सर्विस की बढ़ी सुविधाओं ने उपभोक्ताओं के बिहेवियर पर भी खासा असर डाला। फिनटेक, हेल्थटेक एवं एडटेक सेक्टर्स में भारतीय स्टार्टअप ग्लोबल लीडर्स के तौर पर उभर कर आए हैं।
सीरीज बी फंडिंग से जुटाए 55 करोड़ रुपये
सीरीज बी फंडिंग के तहते प्रसिद्ध सार्वजनिक बाजार निवेशक आशीष कचोलिया और एशियन पेंट्स प्रमोटर ग्रुप (मनीष चोकसी, वरुण वकील) ने हमारी कंपनी में करीब 55 करोड़ का निवेश किया है। इस फंडिंग के जरिये हम वितरण बढ़ाने और अपने खाद्य पोर्टफोलियो को मजबूत करने के साथ-साथ अपने नए लॉन्च किए गए 100% फलों के रस एवं अपने पेय रेंज का विस्तार करेंगे। अगले 2 वर्षों में राजस्व को 3 गुना बढ़ाने की भी कोशिश की जाएगी। Yu के लिए संस्करण 2.0 अब आधिकारिक तौर पर 100% फलों के रस के लॉन्च के साथ शुरू हो गया है।
भारत भल्ला, सह-संस्थापक, यू (YU)