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पाकिस्तानी शेयर बाजार की तो वेबसाइट ही बैठ गई, भारी गिरावट के बाद आज नया संकट
पाकिस्तानी शेयर बाजार की तो वेबसाइट ही बैठ गई, भारी गिरावट के बाद आज नया संकट
Authored By: Suman
Published On: Friday, April 25, 2025
Last Updated On: Friday, April 25, 2025
भारत-पाक में बढ़े तनाव से पाकिस्तानी शेयर बाजार को ज्यादा नुकसान दिख रहा है. कल वहां के बेंचमार्क कराची एक्सचेंज में भारी गिरावट आई थी. आज तो इस एक्सचेंज का पोर्टल ही बैठ गया.
Authored By: Suman
Last Updated On: Friday, April 25, 2025
Pakistan Share Market : पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam attack) के बाद भारत-पाक में बढ़े तनाव से भारत और पाकिस्तान दोनों के शेयर बाजारों को नुकसान हुआ है. लेकिन पाकिस्तानी शेयर बाजार को ज्यादा नुकसान दिख रहा है. कल वहां के बेंचमार्क कराची एक्सचेंज में भारी गिरावट आई थी.
आज यानी शुक्रवार को तो इस एक्सचेंज का पोर्टल ही बैठ गया. पाकिस्तानी शेयर बाजार का बेंचमार्क Karachi-100 index (KSE-100) गुरुवार को करीब 2,500 अंकों की भारी गिरावट के साथ टूटकर 1,14,740.29 अंक तक चला गया था. आज उसकी वेबसाइट (website) ही बैठ गई जिसके बाद नेटिजन तो मजे लेते हुए यह तक कहने लगे चलो इसी बहाने शेयर बाजार को और गिरावट से बचाया जा सकेगा. गुरुवार से पहले बुधवार को भी पाकिस्तान का स्टॉक एक्सचेंज 1204 अंक टूट गया था. असल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ (IMF) ने वित्त वर्ष FY25 में पाकिस्तान में जीडीपी ग्रोथ महज 2.6 फीसदी की बढ़त होगी. इसकी वजह से बुधवार को वहां का शेयर बाजार टूट गया. एशियाई विकास बैंक ने भी पाकिस्तान की जीडीपी में महज 2.5 फीसदी की बढ़त होगी.
भारत की सख्ती
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से कड़े कदम उठाए गए हैं. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह सीमा पार आतंकवाद का नतीजा है. इसके जवाब में भारत की तरफ से 1960 के सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया और वाघा-अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया. पाकिस्तानी नागरिकों के लिए शार्क वीजा छूट को रद्द कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर गुरुवार रात पाकिस्तानी सेना ने कई स्थानों पर गोलबारी की. यह घटना संघर्ष विराम समझौते का गंभीर उल्लंघन मानी जा रही है और इसे एक बड़े तनाव के रूप में देखा जा रहा है.
पाक इकोनॉमी पर पड़ेगी चोट
जानकारों का मानना है कि अगर भारत-पाकिस्तान में तनाव बढ़ा तो इसका पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी चोट पड़ेगी जो कि पहले से ही तंगहाली से गुजर रही है. सिंधु जल समझौता रोकने से पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था पर तगड़ी चोट पड़ेगी. पाकिस्तान को जल साझेदारी पर जरूरी डेटा नहीं मिलेगा और इससे वहां की फसलों को भारी नुकसान होगा. साल 1960 में हुए इस समझौते के मुताबिक पूर्वी नदियों यानी सतलज, व्यास, रावी का पानी भारत को और पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को मिलता है. इन नदियों से पाकिस्तान की खाद्य जरूरत के करीब करीब 90 फीसदी फसलों की सिंचाई की जाती है. अनुमान के अनुसार पाकिस्तान की जीडीपी में वहां की कृषि का योगदान करीब 23 फीसदी है और करीब 37 फीसदी रोजगार इससे मिलता है.
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