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शेयर बाजार में गिरावट के साथ ही IPO की हालत खराब, अब क्या करना चाहिए निवेशकों को
शेयर बाजार में गिरावट के साथ ही IPO की हालत खराब, अब क्या करना चाहिए निवेशकों को
Authored By: Suman
Published On: Tuesday, February 18, 2025
Updated On: Tuesday, February 18, 2025
इस माह आने वाले आईपीओ का प्रद्रर्शन अच्छा नहीं रहा और आगे भी आने वाले आईपीओ के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है. भारतीय बाजारों में बिकवाली के दबाव को देखते हुए अब यह सवाल उठने लगा है कि आईपीओ बाजार (IPO Market) का क्या होगा, क्या अब निवेशकों को पैसा लगाना चाहिए?
Authored By: Suman
Updated On: Tuesday, February 18, 2025
साल 2025 की शुरुआत शेयर बाजार (Share Market Crash) के लिए खराब रही है. हाल के दिनों में तो शेयर बाजार और पस्त हुए हैं. पिछले करीब 10 दिन से तो भारतीय बाजार की हालत बेहद खराब दिख रही है. शेयर बाजार में गिरावट के दौर में आईपीओ बाजार (IPO Market) की हालत भी खराब होने लगी है. इस माह आने वाले आईपीओ का प्रद्रर्शन अच्छा नहीं रहा और आगे भी आने वाले आईपीओ के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है. भारतीय बाजारों में बिकवाली के दबाव को देखते हुए अब यह सवाल उठने लगा है कि आईपीओ बाजार का क्या होगा, क्या अब इस साल निवेशकों को आईपीओ में पैसा लगाना चाहिए?
पिछला साल रहा शानदार
इकनॉमिक सर्वे के अनुसार दुनिया भर में तमाम चुनौतियों, राजनीतिक अनिश्चितताओं और शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद इंडियन प्राइमरी मार्केट में जबरदस्त गतिविधियां देखी गईं और वित्त वर्ष 2024-25 में बड़ी संख्या में आईपीओ आए. E&Y के एक सर्वे के मुताबिक साल 2024 में ग्लोबल आईपीओ लिस्टिंग में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच गई थी. यह एक साल पहले यानी साल 2023 में महज 17 फीसदी थी.
हालांकि ऑफर फॉर सेल (OFS) पर जोर देने वाली कंपनियों के आईपीओ को निवेशकों का ठंडा रिस्पांस मिला. ऑफ फॉर सेल का मतलब है कि कंपनी कोई नया शेयर जारी नहीं करती बल्कि प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी बेचते हैं. इसे निवेशक पसंद नहीं करते क्योंकि एक तो सवाल यह बनता है कि प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी क्यों बेच रहा है और दूसरे इस तरह से हासिल फंड कंपनी के विस्तार या किसी योजना के काम नहीं आती बल्कि सीधे प्रमोटर की जेब में चली जाती है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हुंडई मोटर्स का आईपीओ है. भारी शोर-शराबे के साथ बाजार में आए इस आईपीओ का इश्यू प्राइस 1960 रुपये था लेकिन यह बीएसई पर महज 1931 रुपये पर लिस्ट हुआ. तबसे इसकी हालत खराब ही है. अब भी यह लिस्टिंग प्राइस से करीब 6 फीसदी नीचे चल रहा है.
इस साल क्या होगा
पिछले दो साल आईपीओ बाजार के लिए जबरदस्त रहे और निवेशकों ने इनमें पैसा लगाकर शानदार मुनाफा कमाया. लेकिन इस पर ब्रेक लगता दिख रहा है. अब निवेशक भी आईपीओ में पैसा लगाने में हिचक रहे हैं. बाजार के जानकारों का कहना है कि साल 2025 आईपीओ बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
पिछले चार महीने में बाजार में उतरे आईपीओ में से करीब एक-तिहाई अपने इश्यू प्राइस से नीचे चल रहे हैं. जनवरी में लिस्ट हुए आईपीओ ज्यादातर हरे निशान में लिस्ट हुए लेकिन फरवरी में लिस्टेड आईपीओ की हालत तो खराब ही दिख रही है. हाल में अजाक्स इंजीनियरिंग (Ajax Engineering IPO) और हेक्सावेयर जैसे आईपीओ (Hexaware Technologies IPO) बड़ी मुश्किल से फुली सब्सक्राइब्ड हुए और इसमें रिटेल यानी छोटे निवेशकों ने कम रुचि दिखाई. डॉ. अग्रवाल हेल्थकेयर का आईपीओ अपने लिस्टिंग प्राइस से सवा फीसदी नीचे लिस्ट हुआ. अजाक्स इंजीनियरिंग का आईपीओ लिस्टिंग प्राइस से 8 फीसदी से ज्यादा नीचे लिस्ट हुआ.
बाजार के जानकार कहते हैं कि यह साल यानी 2025 आईपीओ मार्केट के लिए चुनौतीपूर्ण रह सकता है, इसलिए सोच समझकर पैसे लगाएं. किसी कंपनी में पैसा लगाने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च कर लें. यह देखें कि उसका मैनेजमेंट कैसा है, पिछले दो तीन साल में कंपनी का प्रदर्शन कैसा रहा है, कंपनी पर ज्यादा कर्ज तो नहीं है? कंपनियां जब आईपीओ लाती हैं तो उन्हें सेबी (SEBI) के पास एक रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल करना पड़ता है जिसमें यह सारी जानकारी होती है. इसके बारे में मीडिया में भी जानकारियां आती हैं. इसलिए बिजनेस न्यूजपेपर्स और टीवी चैनलों पर कंपनी के बारे में जानकारी हासिल करें. अगर कोई कंपनी सिर्फ ऑफर फॉर सेल दे रही है और नए शेयर नहीं जारी कर रही है तो उसे अवाइड करें. लॉन्ग टर्म के लिए पैसा लगाने के लिए तैयार रहें. बाजार की खराब हालत में हो सकता है कि आईपीओ में आपको लिस्टिंग गेन न मिल पाए.