Social Media पर शेयर बाजार का ‘ज्ञान’ देने वालों से रहें सावधान, सिर्फ 2 फीसदी हैं रजिस्टर्ड

Social Media पर शेयर बाजार का ‘ज्ञान’ देने वालों से रहें सावधान, सिर्फ 2 फीसदी हैं रजिस्टर्ड

Authored By: Suman

Published On: Friday, March 21, 2025

Updated On: Friday, March 21, 2025

सोशल मीडिया पर फिनफ्लुएंसर्स निवेश की सलाह देते हुए, लेकिन इनमें से अधिकांश SEBI के पास रजिस्टर्ड नहीं हैं।
सोशल मीडिया पर फिनफ्लुएंसर्स निवेश की सलाह देते हुए, लेकिन इनमें से अधिकांश SEBI के पास रजिस्टर्ड नहीं हैं।

एक स्टडी के अनुसार ऐसे फिनफ्लुएंसर्स में से महज 2 फीसदी ही सेबी के पास रजिस्टर्ड हैं. अगर एक्सपर्ट SEBI के पास रजिस्टर्ड नहीं है तो वह यह सलाह नहीं दे सकता कि आपको कौन से शेयर में निवेश करना है.

Authored By: Suman

Updated On: Friday, March 21, 2025

Social Media influencer : आजकल फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब हर जगह शेयर बाजार (Share Market) और म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए ज्ञान देने वाले फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर्स (Finfluencers) की भरमार हो गई है. दिन भर आपको ऐसे लोगों के संदेश दिखते रहते होंगे. लेकिन सच तो यह है कि आपको ऐसे ‘ज्ञानियों’ से काफी सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर फर्जी लोग हैं और नियामक सेबी के पास रजिस्टर्ड नहीं हैं.

CFA Institute की एक स्टडी के अनुसार ऐसे फिनफ्लुएंसर्स में से महज 2 फीसदी ही सेबी के पास रजिस्टर्ड हैं. अगर कोई एक्सपर्ट  भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (SEBI) के पास रजिस्टर्ड नहीं है तो इसका मतलब यह है कि वह यह सलाह नहीं दे सकता कि आपको कौन से शेयर में निवेश करना है. लेकिन स्टडी के अनुसार सोशल मीडिया और यूट्यूब के ऐसे फिनफ्लुएंसर्स का करीब एक-तिहाई हिस्सा शेयरों का रिकंमंडेशन देता है यानी यह बताता है कि आपको कौन से शेयर खरीदने चाहिए या कौन से बेचने चाहिए.

स्टडी के मुताबिक लोगों के निवेश के डिसीजन पर ऐसे फिनफ्लुएंसर्स का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. स्टडी के अनुसार ऐसे फिनफ्लुएंसर्स में से करीब 63 फीसदी लोग अपने वित्तीय जुड़ाव या शेयरों में निवेश के बारे में जरूरी खुलासा नहीं करते, जबकि ऐसा करना बहुत जरूरी होता है. यह हितों के टकराव का मामला है और ये बड़े पैमाने पर निवेशकों को गुमराह कर सकते हैं.

ठगे जा रहे लोग

रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि फिनफ्लुएंसर्स के सर्टिफिकेशन मानक कड़े होने चाहिए और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता बढ़ानी चाहिए. स्टडी के अनुसार करीब 8 फीसदी निवेशकों ने यह बताया है कि फिनफ्लुएंसर्स की सलाह से निवेश करने पर वे बड़ी रकम डुबा चुके हैं. खासकर 40 साल से ऊपर वाले और बुजुर्ग निवेशक फिनफ्लुएंसर्स के सबसे बड़े शिकार होते हैं. ऐसी कई खबरें आई हैें कि फिनफ्लुएंसर्स की सलाह पर निवेश करने वाले कई बुजर्गों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी हो गई है

क्या करना चाहिए 

अब सवाल आता है कि ऐसे फर्जीवाड़े को देखते हुए निवेशकों को क्या करना चाहिए? तो सबसे पहले तो निवेशक को फेसबुक (Facebook) , इंस्टाग्राम (Instagram) , यूट्यूब (YouTube) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिलने वाली किसी भी ऐसी सलाह के बारे में काफी सतर्क रहना चाहिए. सिर्फ किसी की सलाह पर ही शेयर बाजार में निवेश न करें. खुद भी गहराई से रिसर्च करें. अगर किसी कंपनी के शेयर खरीदने की सलाह है और आपका भी मन बन रहा है तो उसके पिछले तीन साल के नतीजे देखें. प्रमोटर कैसे हैं, कंपनी पर कर्ज कितना है, उसका कारोबार आगे कैसा रह सकता है? इन सबकी गहराई से पड़ताल करें. कुछ समझ न आ रहा हो तो सेबी रजिस्टर्ड किसी सलाहकार की मदद लें. अगर आप बिल्कुल नए हैं यानी शेयर बाजार में पहले निवेश नहीं किया है तो बेहतर यही है कि किसी इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश कर पहले साल-दो साल शेयर बाजार को समझने की कोशिश करें.

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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