Trump Tariff: खुद तो डूबेंगे दुनिया को भी ले डूबेंगे! ट्रंप टैरिफ पर अब ग्लोबल मंदी की चेतावनी

Trump Tariff: खुद तो डूबेंगे दुनिया को भी ले डूबेंगे! ट्रंप टैरिफ पर अब ग्लोबल मंदी की चेतावनी

Authored By: Suman

Published On: Sunday, April 6, 2025

Updated On: Monday, April 7, 2025

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक मंदी की चेतावनी, भारत-चीन-अमेरिका झंडों और ट्रेड वॉर की पृष्ठभूमि के साथ.
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक मंदी की चेतावनी, भारत-चीन-अमेरिका झंडों और ट्रेड वॉर की पृष्ठभूमि के साथ.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दुनिया के कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने से समूचे ग्लोबल इकनॉमी में उथल-पुथल मच गई है. लेकिन सच यह भी है कि खुद उनके अपने देश यानी अमेरिका में ही अब मंदी आने की आशंका जताई जाने लगी है.

Authored By: Suman

Updated On: Monday, April 7, 2025

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (US President Donal Trump) के दुनिया के कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने से समूचे ग्लोबल इकनॉमी में उथल-पुथल मच गई है. लेकिन सच यह भी है कि खुद उनके अपने देश यानी अमेरिका में ही अब मंदी आने की आशंका जताई जाने लगी है. इस टैरिफ के लगने के बाद से अमेरिकी बाजार लगातार धराशायी दिख रहे हैं.

बुधवार को ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी का जवाबी शुल्क लगाने का ऐलान किया. इसी तरह चीन पर 34 फीसदी का जवाबी टैरिफ लगाया गया और पहले लगाए गए 20 फीसदी के साथ चीन पर कुल टैरिफ बढ़कर 54 फीसदी हो गया. ट्रंप ने जो कदम उठाए उससे ग्लोबल ट्रेड वार (Global Trade war) की आशंका थी और यह दिखने भी लगा है. चीन ने भी शनिवार को जवाबी कदम उठाते हुए अमेरिका के आयात पर 34 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है.  ट्रंप ने ज्यादातर देशों पर 10 फीसदी का बेसिक टैरिफ लगाने का ऐलान किया था वह शनिवार 5 अप्रैल से ही लागू हो गया. यही नहीं इसके अलावा जो भारी टैरिफ अलग-अलग देशों पर लगाने का ऐलान किया है वह भी आगे लागू हो जाएगा.

बाजार धराशायी

इससे सबसे ज्यादा नुकसान में अमेरिकी शेयर बाजार (Share Market) दिख रहे हैं. S&P 500 करीब 6 फीसदी टूटकर एक साल के निचले स्तर पर चला गया है. डाओ जोंस करीब 2,200 अंक टूट गया. Nasdaq भी बियर यानी मंदी के मार्केट में प्रवेश कर चुका है और दिसंबर के शीर्ष स्तर से उसमें 20 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.टैरिफ लगने के ऐलान के बाद गुरुवार और शुक्रवार के दो दिन के ही सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों के वैल्यूएशन में करीब 5.4 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आ चुकी है. यह अमेरिकी शेयर बाजार के लिए साल 2020 के कोविड दौर के बाद सबसे बड़ा झटका है. इस साल 20 जनवरी को ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद से अमेरिकी शेयर बाजार करीब 9 लाख करोड़ का मार्केट कैप गंवा चुके हैं.

क्या कहा एनालिस्ट ने

इसके बाद जेपी मॉर्गन के अलावा बार्कलेज, सिटी, यूबीएस जैसी कई एजेंसियों ने साल 2025 के लिए अमेरिकी जीडीपी (GDP) के अनुमान में कटौती कर दी है. कई एनालिस्ट ने चेतावनी दी है कि अगर कुछ किया नहीं गया तो न सिर्फ अमेरिकी अर्थव्यवस्था खुद डूबेगी बल्कि इससे ग्लोबल इकनॉमी को भी काफी नुकसान (Global recession due to Trump tariffs) होगा. जेपी मॉर्गन चेज ऐंड कंपनी ने चेतावनी दी है कि इस साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यह अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया के अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित होगा. एक बार साल 2008 में अमेरिका में आई मंदी का खामियाजा पूरी दुनिया भुगत चुकी है.

जेपी मॉर्गन के चीफ और इकनॉमिस्ट माइकल फेरोली ने कहा, ‘हमें लगता है कि टैरिफ के असर से रियल से जीडीपी में गिरावट आएगी और पूरे साल के लिए रियल जीडीपी -0.3 रह जाएगी जबकि पिछले साल में यह 1.3 फीसदी थी.’ फेरोली ने यह भी अनुमान जाहिर किया है कि आर्थिक दबाव की वजह से बेरोजगारी बढ़कर 5.3 फीसदी हो जाएगी. जेपी मॉर्गन ने कहा है कि ट्रंप टैरिफ के असर से अब इस बात की आशंका 60 फीसदी दिख रही है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आ सकती है. पहले यह आशंका 40 फीसदी तक ही थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूबीएस के इकनॉमिस्ट जोनाथन पिंगले ने कहा, ‘हमें लगता है कि अब दुनिया के देशों से आयात 20 फीसदी से ज्यादा गिर जाएगा और इससे आयात की जीडीपी में हिस्सेदारी 1986 से पहले के स्तर तक चली जाएगी. यही नहीं अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवल ने भी चेतावनी दी है कि इससे अर्थव्यवस्था को अप्रत्याशित नुकसान होगा और फेड के लिए अब महंगाई पर नियंत्रण करना ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा.

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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