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विदेश में पढ़ने का सपना नहीं हुआ कम, अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा
विदेश में पढ़ने का सपना नहीं हुआ कम, अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Tuesday, November 19, 2024
Updated On: Tuesday, November 19, 2024
भारतीय छात्रों का विदेश में पढ़ाई करने का सपना नया नहीं है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन एवं कनाडा जैसे देशों में हर साल लाखों स्टूडेंट्स अध्ययन के लिए जाते हैं। इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय शिक्षा संस्थान द्वारा प्रकाशित ओपन डोर्स रिपोर्ट 2024 से खुलासा हुआ है कि मौजूदा समय में अमेरिका में सबसे ज्यादा भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
Authored By: अंशु सिंह
Updated On: Tuesday, November 19, 2024
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे विदेशी स्टूडेंट्स में भारतीय स्टूडेंट्स ने चीनी स्टूडेंट्स को पीछे छोड़ दिया है। इससे पहले भारत दूसरे नंबर पर था। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा संस्थान (Institute of International Education) द्वारा प्रकाशित ओपन डोर्स रिपोर्ट 2024 के अनुसार, 3.3 लाख से अधिक भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। रिपोर्ट की मानें, तो शैक्षिक सत्र 2023-2024 में भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या करीब 3,31,602 है। 2022-23 के सत्र से यह करीब 23 फीसद अधिक है। इसी तरह, भारत लगातार दूसरे वर्ष अमेरिका में परास्नातक और पीएचडी के लिए स्टूडेंट्स भेजने वालों में शीर्ष पर रहा। इस श्रेणी में भारतीय छात्रों की संख्या 19 फीसद बढ़कर अब 1,96,567 हो गई है। इसके अलावा, स्नातक की शिक्षा ले रहे विदेशी स्टूडेंट्स में भारतीयों की संख्या 13 फीसद बढ़कर 36,053 हो गई है।
तेरह लाख से अधिक भारतीय छात्र पढ़ रहे विदेश में
रिपोर्ट्स की मानें, तो अमेरिका के अलावा इस समय कनाडा में भी अच्छी संख्या में भारतीय पढ़ाई कर रहे हैं। फिलहाल, वहां करीब 4.26 लाख स्टूडेंट्स हैं। लेकिन हाल के दिनों में कनाडा के साथ संबंधों में आए टकराव के बाद अब भारतीय छात्र अन्य देशों में भी शिक्षण के विकल्प तलाशने लगे हैं। विदेश मंत्रालय के इमीग्रेशन के रिकॉर्ड बताते हैं कि वर्ष 2024 के पहले छह महीनों में विदेश में पढ़ रहे भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या करीब 13.35 लाख थी। इनमें से 10.71 लाख स्टूडेंट्स कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन तथा ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे हैं, जबकि शेष 1.6 लाख स्टूडेंट्स 65 अन्य छोटे व विकासशील देशों में पढ़ाई कर रहे हैं।
पूर्वी यूरोप एवं अन्य देशों के प्रति बढ़ा भारतीय स्टूडेंट्स का रुझान
जानकारों के अनुसार, अमेरिका अथवा ब्रिटेन की तुलना में अन्य देशों में अध्ययन का खर्च कम है। वहां स्टूडेट्स को कम खर्च में क्वालिटी एजुकेशन मिल रहा है। साथ ही आवासीय खर्चे भी अपेक्षाकृत कम हैं। इस लिहाज से पूर्वी यूरोप, पोलेंड, हंगरी, सिंगापुर एवं जैसे अरब देशों, मलेशिया, इंडोनेशिया, लैटिन अमेरिका, जर्मनी में संभावनाएं बढ़ रही हैं। यहां की यूनिवर्सिटीज द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई स्पेशलाइज्ड प्रोग्राम्स चलाए जा रहे हैं, जो स्टूडेंट्स को आकर्षित कर रहे हैं। उल्लेखनीय यह है कि आज सरकार से लेकर यूनिवर्सिटीज स्टूडेंट्स को वित्तीय मदद देने के लिए कई प्रकार के स्कॉलरशिप्स, ग्रांट्स एवं वर्क स्टडी प्रोग्राम्स चला रहे हैं। इनके अलावा, क्राउड फंडिंग एवं एजुकेशनल लोन की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। वर्ष 2024-25 में कई देश अपने वीजा नियमों को लचीला बना रहे हैं, जिससे स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हुए पार्ट टाइम जॉब कर सकते हैं। इससे पोस्ट ग्रेजुएशन करना भी आसान होगा।
जर्मनी बना भारतीय छात्रों का पसंदीदा डेस्टिनेशन
जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस (DAAD) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि उच्च शिक्षा के लिए जर्मनी अब भी भारतीय छात्रों का पसंदीदा डेस्टिनेशन बना हुआ है। 2023-2024 के सत्र में वहां करीब 49,483 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। पिछले पांच सालों में उनकी संख्या दोगुनी हो चुकी है। जर्मनी के फेडरल स्टेस्टिकल ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार, करीब 60 फीसदी भारतीय स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। इस तरह, लगातार दूसरे वर्ष जर्मनी में भारतीय स्टूडेंट्स सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय समुदाय बना हुआ है। इनके बाद, चीन, सीरिया, ऑस्ट्रिया एवं तुर्की के स्टूडेंट्स हैं। वहीं, अब जापान भी विदेशी स्टूडेंट्स के लिए अपने दरवाजे खोल रहा है। वहां, पेशेवर युवाओं के लिए काम की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।