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क्यों बार-बार हाईकोर्ट लगाता है पूर्व सीएम मधु कोड़ा पर फाइन
क्यों बार-बार हाईकोर्ट लगाता है पूर्व सीएम मधु कोड़ा पर फाइन
Authored By: सतीश झा
Published On: Friday, June 13, 2025
Last Updated On: Friday, June 13, 2025
नाम तो सुना ही होगा. मधु कोड़ा (Madhu Koda). झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री (CM of Jharkhand) रहे हैं. एक निर्दलीय विधायक होकर राज्य का मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है. उसके बाद सीएम के रूप में भ्रष्टाचार किया और वर्षों तक जेल में रहे. हाईकोर्ट कई मामले में सुनवाई कर रही है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand Highcourt) से एक बार फिर झटका लगा है. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में गड़बड़ी के मामले में आरोप गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर बार-बार समय मांगने को लेकर अदालत ने नाराजगी जताई और चौथी बार ₹8000 का जुर्माना लगाया है. इससे पहले भी कोर्ट मधु कोड़ा (Madhu Koda) द्वारा लगातार समय मांगने पर तीन बार जुर्माना लगा चुका है.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Friday, June 13, 2025
Madhu Koda High Court Fine: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand Highcourt) ने निर्देश दिया है कि यह जुर्माना झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (JHALSA) में जमा किया जाए. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद निर्धारित की है. इस मामले में सीबीआई (CBI) की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने बहस की, जबकि मधु कोड़ा (Madhu Koda) की ओर से पुनः समय देने का अनुरोध किया गया था.
मामला क्या है?
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा (Madhu Koda) ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में चालान दाखिल किए जाने और आरोप तय किए जाने को चुनौती दी है. मधु कोड़ा पर इस योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता और गड़बड़ी का आरोप है, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है.
मधु कोड़ा पर चौथी बार ₹8000 का जुर्माना, हाईकोर्ट ने कहा – अब और देरी बर्दाश्त नहीं
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में गड़बड़ी के मामले में आरोप गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर बार-बार समय मांगना पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को भारी पड़ गया है. झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए चौथी बार ₹8000 का जुर्माना लगाया है.
इससे पहले भी अदालत मधु कोड़ा के लगातार समय मांगने के रवैये पर तीन बार जुर्माना लगा चुकी है:
- 13 दिसंबर 2024 को ₹1000
- 17 जनवरी 2025 को ₹2000
- अंतिम सुनवाई में ₹4000 का जुर्माना लगाया गया था.
- अब चौथी बार ₹8000 का जुर्माना लगाते हुए अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि वह अनावश्यक विलंब को अब और बर्दाश्त नहीं करेगी. अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि जुर्माने की राशि झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (JHALSA) में जमा कराई जाए.
मधु कोड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े प्रमुख मामले
मधु कोड़ा झारखंड के पहले निर्दलीय मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उनका नाम जल्द ही भ्रष्टाचार के बड़े मामलों में आने लगा. उनके कार्यकाल (2006-2008) के दौरान कई ऐसे फैसले और सौदे सामने आए जिन्हें अवैध, अपारदर्शी और घोटालेबाज़ी से जुड़ा बताया गया।
उनके खिलाफ दर्ज मामलों में प्रमुख केस शामिल हैं:
कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला (Coal Block Allocation Scam)
- आरोप: मुख्यमंत्री रहते हुए मधु कोड़ा ने नियमों की अनदेखी करते हुए कई निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए कोयला ब्लॉक का आवंटन किया.
- सीबीआई जांच: कोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये की रिश्वत लेकर कोयला ब्लॉक निजी कंपनियों को आवंटित किए.
- वित्तीय हानि: अनुमानित ₹4000 करोड़ से अधिक का नुकसान राज्य और केंद्र सरकार को हुआ.
खनन पट्टा घोटाला (Mining Lease Scam)
- मामला: मुख्यमंत्री रहते मधु कोड़ा और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने खनन पट्टे देने में घोर अनियमितता बरती.
- ईडी की जांच: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की और कोड़ा की संपत्तियां जब्त की गईं.
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में गड़बड़ी
- विवाद: विद्युत परियोजनाओं में ठेके देने में भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप.
- स्थिति: कोड़ा ने हाईकोर्ट में आरोप गठन को चुनौती दी, लेकिन बार-बार समय मांगने के कारण कोर्ट ने चार बार जुर्माना लगाया (₹1000, ₹2000, ₹4000, ₹8000).
मनी लॉन्ड्रिंग केस (PMLA Act के तहत)
- ईडी की कार्रवाई: लगभग ₹1350 करोड़ की अवैध कमाई को हवाला और फर्जी कंपनियों के जरिए सफेद करने का आरोप.
- फैसला: कोड़ा को 2017 में दोषी पाया गया और 3 साल की सजा सुनाई गई.
फर्जी कंपनियों के ज़रिए धन शोधन
- प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि मधु कोड़ा ने दुबई, थाईलैंड, हांगकांग आदि में निवेश करने के लिए फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया.
- संपत्ति: जांच के दौरान ₹200 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई.
- अब देखना यह है कि अगली सुनवाई में कोर्ट की दिशा किस ओर जाती है और क्या मधु कोड़ा इस बार बिना और जुर्माने के अपनी दलीलें पूरी कर पाते हैं या नहीं.