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Controversy and Films : फिल्मों और विवाद का पुराना है नाता, हटाया गया ‘छावा’ फिल्म का विवादित लेज़ीम डांस सीन
Controversy and Films : फिल्मों और विवाद का पुराना है नाता, हटाया गया ‘छावा’ फिल्म का विवादित लेज़ीम डांस सीन
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Tuesday, January 28, 2025
Updated On: Tuesday, January 28, 2025
विवादों का फिल्मों से पुराना रिश्ता रहा है. कई बार फिल्म को प्रमोट करने के लिए जानबूझकर विवाद खड़े किए जाते हैं. लेकिन हर बार इससे फायदा ही हो, ऐसा नहीं होता. विवादों के कारण फायदे से अधिक नुकसान ही उठाना पड़ता है. कंगना की ‘इमरजेंसी’ (Emergency) के बाद अब विक्की कौशल की 14 फरवरी को रिलीज होने वाली फिल्म ‘छावा’ (Chhaava) भी विवादों में घिर गई है.
Authored By: अंशु सिंह
Updated On: Tuesday, January 28, 2025
Controversy and Films : छत्रपति संभाजी महाराज जैसा वीर योद्धा बड़े पर्दे पर डांस करता दिखे, ये कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है? यही वजह रही कि फिल्म ‘छावा’ में छत्रपति संभाजी का किरदार निभा रहे विक्की कौशल के ‘लेजिम’ (Lezim) के साथ डांस सीन को लेकर महाराष्ट्र में तीखी प्रतिक्रिया हुई. दरअसल, ‘लेजिम’ महाराष्ट्र का एक लोकनृत्य है, जिसमें नर्तकियां लेजिम या लेजियम नामक छोटे उपकरण ले जाती हैं. यह अक्सर गणेश उत्सव के दौरान खेला जाता है . राज्य के मंत्री उदय सामंत ने एक्स पर बकायदा पोस्ट लिखकर फिल्म के आपत्तिजनक सीन्स को हटाने की मांग की. पूर्व राज्यसभा सांसद संभाजी राजे ने भी विक्की कौशल द्वारा किए गए नृत्य पर गहरी आपत्ति जतायी. इसके बाद फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर को मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मिलकर उन्हें आश्वासन देना पड़ा कि वे फिल्म से विवादित सीन हटा देंगे.
जब विवादों के कारण बदलने पड़े फिल्म के नाम
ऐतिहासिक किरदारों को लेकर फिल्में बनाने के अपने जोखिम होते हैं. ‘छावा’ के निर्देशक का कहना है कि उन्होंने चार साल के रिसर्च के बाद ये फिल्म बनाई है. इसके अलावा, यह फिल्म लेखक शिवाजी सावंत की नॉवेल ‘छावा’ का एडैप्टेशन भी है. बावजूद इसके, विवाद खड़ा हो गया.इससे पहले, निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. उन्हें फिल्म के नाम से लेकर उसके गाने एवं कुछ अन्य दृश्यों में बदलाव करने पड़े थे या उन्हें हटाना पड़ा था. फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी एवं रानी पद्मावती के प्रेम प्रसंगों को लेकर राजस्थान की करणी सेना समेत कुछ संगठनों ने सख्त आपत्ति जतायी थी. संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ भी विवादों से नहीं बच पायी थी. फिल्म को लेकर बाजीराव पेशवा के वंशजों ने आपत्ति जताई थी.अक्षय कुमार की फिल्म ‘पृथ्वीराज’ को भी इतना विवाद हुआ कि फिल्म का नाम बदलकर ‘सम्राट पृथ्वीराज’ करना पड़ा.
ऐतिहासिक किरदारों पर बनीं फिल्मों से जुड़ा विवाद
बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने ‘जोधा अकबर’ जैसी ऐतिहासिक फिल्म बनाई थी. लेकिन फिल्म को विवादों में घिरने से नहीं बचा पाए थे. यहां तक कि जब मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान फिल्म ‘मंगल पांडे’ में एक रोमांटिक हीरो के तौर पर नजर आए, तो उसे लेकर खूब विवाद हुआ कि मंगल पांडे जैसे महान क्रांतिकारी की छवि को धूमिक करने की कोशिश की गई है. इस कारण फिल्म के कई सीन्स पर कैंची चलानी पड़ी. तब जाकर वह सिनेमाघरों तक पहुंच सकी. वर्ष 2019 में आई अर्जुन कपूर एवं कृति सैनन द्वारा अभिनीत फिल्म ‘पानीपत’ को लेकर जाट समुदाय उठ खड़ा हुआ था. समुदाय का आरोप था कि फिल्म में महाराजा सूरजमल के किरदार की प्रस्तुति सही नहीं कई गई है. इस विरोध के कारण देश के कई हिस्सों में फिल्म को लेकर विवाद हुआ. इसकी रिलीज पर रोक की मांग लोकसभा तक पहुंच गई.
कंगना की फिल्में रही हैं विवादित
बॉलीवुड फिल्मों का विवादों से नाता नया नहीं है. 1921 की मूक फिल्म ‘भक्त विदुर’ भी विवादों से घिर गई थी, क्योंकि अंग्रेजों को उसका नायक महात्मा गांधी की तरह नजर आता था. बहुत समय नहीं बीता है जब कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के साथ भी ऐसा ही हुआ. उन्हें फिल्म रिलीज कराने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा, क्योंकि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इस बायोपिक के कंटेंट को लेकर कई तरह की आपत्तियां दर्ज कराई गईं थीं. कुछ धार्मिक संगठनों ने फिल्म में एक खास धर्म की गलत छवि पेश करने पर आपत्ति जतायी थी. इसके अलावा, फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने पर भी खूब विवाद हुआ. कई तरह की बाधाओं को पार करने के बाद सेंसर बोर्ड से इसे रिलीज की मंजूरी मिली. बतौर निर्माता कंगना को फिल्म के कुछ सीन्स एडिट करना पड़ा. फिलहाल, बॉक्स ऑफिस पर यह बेशक उतनी कमाई न कर पा रही हो, लेकिन कंगना की अदाकारी की तारीफें जरूर हो रही हैं. लोगों का कहना है कि फिल्म में उनकी मेहनत साफ दिखाई दे रही है. इससे पहले कंगना की ‘मणिकर्णिका’ को लेकर भी खूब विवाद हुआ था. सर्व ब्राह्मण सभा ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर बनी इस फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था.
विवादों से होता रहा है नुकसान
कहते हैं कि विवादों से फिल्मों को पब्लिसिटी मिलती है. कई बार निर्माता दर्शकों में जिज्ञासा उत्पन्न करने के लिए विवादों को हवा देते हैं. लेकिन विवादों से हमेशा फायदा ही होता है, यह कहना सही नहीं है. इससे फिल्मों को नुकसान भी काफी उठाना पड़ता है. अक्षय कुमार की ‘सम्राट पृथ्वीराज’ से लेकर कंगना की ‘इमरजेंसी’ इसकी ताजा बानगी हैं. इनसे पहले मुंबई विस्फोट पर बनी अनुराग कश्यप की ‘ब्लैक फ्राइडे’, दीपा मेहता की ‘फायर’, फूलन देवी पर बनी शेखर कपूर की ‘बैंडिट क्वीन’, श्रीराम राघवन की ‘पिंक मिरर’ को भी विवादों के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है. कुछ फिल्में तो इतनी विवादित रहीं कि वे कभी रिलीज ही नहीं हो सकीं.